100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

PSLV-C58 एक्सपोसैट मिशन (PSLV-C58 XPoSat Mission)

Samsul Ansari January 02, 2024 05:03 242 0

संदर्भ

हाल ही में इसरो ने अंतरिक्ष में ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारों का अध्ययन करने के लिए अपना पहला एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।

एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट मिशन

  • लॉन्च: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ‘ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान’ PSLV-C58 पर XPoSat लॉन्च किया।
    • XPOSAT के अंतःक्षेपण के बाद ‘PSLV ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल-3’ (POEM-3) प्रयोग किया जाएगा।

PSLV ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल (POEM)

  • PS4 चरण को नई प्रक्रिया के साथ अंतरिक्ष योग्य प्रणालियों पर प्रयोग करने के लिए ‘3-अक्षीय स्थिर कक्षीय मंच’ के रूप में जोड़ा गया है।
  • ‘ईंधन सेल बिजली प्रणाली’ इसरो द्वारा डिजाइन की गई है, जो अंतरिक्ष स्टेशनों के लिए ‘भविष्य की विद्युत प्रणालियों’ का अग्रदूत है।
  • XPoSat को अपनी कक्षा में स्थापित करने के बाद, लॉन्च व्हीकल का चौथा चरण ऑर्बिटल प्लेटफॉर्म (OP) प्रयोगों के लिए 3-अक्ष स्थिर मोड में बनाए रखने के लिए कक्षीय दूरी को 350 किमी. कम कर देगा।
  • ऑर्बिटल प्लेटफॉर्म में नेविगेशन, मार्गदर्शन, नियंत्रण और दूरसंचार की देखभाल के लिए ‘एवियोनिक सिस्टम’ और पेलोड का परीक्षण करने हेतु तथा पूर्ण नियंत्रण के लिए ‘ऑर्बिटल प्लेटफॉर्म एटीट्यूड कंट्रोल सिस्टम’ शामिल हैं।
  • प्रयोग: 
    • सौर विकिरण और UV सूचकांक के बीच तुलना का अध्ययन करने के लिए ‘वीमेन इंजीनियर्ड सैटेलाइट’ (WESAT) एक प्रयोग है।
    • अन्य प्रयोगों में एक विकिरण परिरक्षण प्रयोग, एक रेडियो, एक स्पेस स्टार्ट-अप द्वारा तीन प्रणोदन प्रणाली, एक सिलिकॉन-आधारित उच्च ऊर्जा सेल आदि शामिल हैं।

  • पेलोड: इसमें दो पेलोड शामिल हैं:
    • एक्स-रे पोलारिमीटर (POLIX): POLIX एक एक्स-रे पोलारिमीटर है, जो एक कोलाइमर, एक स्कैटरर और चार ‘एक्स-रे प्रोपरशन काउंटर डिटेक्टरों’ (X-ray proportional counter detectors) से निर्मित होता है, जो ‘स्कैटरर’ (Scatterer) को घेरे रहते हैं। लगभग 5 वर्षों के XPoSat मिशन के नियोजित जीवनकाल के दौरान POLIX द्वारा विभिन्न श्रेणियों के लगभग 40 खगोलीय स्रोतों का निरीक्षण करने की उम्मीद है।
    • एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग (XSPECT): यह ‘सॉफ्ट एक्स-रे’ (Soft X-rays)  में तीव्र और अच्छा ‘स्पेक्ट्रोस्कोपिक रिजॉल्यूशन’ (Spectroscopic Resolution) प्रदान कर सकता है। XSPECT,  LMXBs, AGNs और मैग्नेटर्स में कई प्रकार के स्रोतों जैसे एक्स-रे पल्सर, ब्लैकहोल बाइनरी, कम चुंबकीय क्षेत्र न्यूट्रॉन स्टार (NS) का निरीक्षण करेगा।
  • मिशन के उद्देश्य
    • POLIX पेलोड द्वारा ‘थॉमसन स्कैटरिंग’ के माध्यम से लगभग 50 संभावित ब्रह्मांडीय स्रोतों से निकलने वाली एक्स-रे के ध्रुवीकरण को मापना।
    • XSPECT पेलोड द्वारा ब्रह्मांडीय एक्स-रे स्रोतों का दीर्घकालिक वर्णक्रमीय और अस्थायी अध्ययन करना।
    • सामान्य ऊर्जा बैंड में क्रमशः POLIX और XSPECT पेलोड द्वारा ब्रह्मांडीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का ध्रुवीकरण और स्पेक्ट्रोस्कोपिक मापन करना।
  • मिशन का महत्त्व: संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत पृथ्वी की आकाशगंगा में ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों का अध्ययन करने के लिए एक विशेष खगोल विज्ञान वेधशाला भेजने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है।
    • NASA ने वर्ष 2021 में ‘इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमीटर एक्सप्लोरर’ (IXPE) लॉन्च किया।
    • सौर मिशन आदित्य-L1 और एस्ट्रोसैट के बाद XPoSat भारत की तीसरी अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है।
  • खगोलीय एक्स-रे का ध्रुवीकरण:

    • खगोलीय एक्स-रे के ध्रुवीकरण का अध्ययन उन प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है, जिनके परिणामस्वरूप इसका उत्सर्जन हुआ।
    • यह खगोलीय घटना की इमेजिंग और अध्ययन करने, किसी स्रोत से प्रकाश में परिवर्तन और आकाशीय पिंडों द्वारा उत्सर्जित ऊर्जा का अध्ययन करने की एक विधि है।
    • विभिन्न खगोलीय स्रोतों जैसे ब्लैकहोल, न्यूट्रॉन तारे, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक, ‘पल्सर विंड नेब्युला’ आदि का उत्सर्जन तंत्र जटिल भौतिक प्रक्रियाओं से उत्पन्न होता है और इसे समझना चुनौतीपूर्ण है।
    • जबकि विभिन्न अंतरिक्ष आधारित वेधशालाओं द्वारा स्पेक्ट्रोस्कोपिक और समय संबंधी जानकारी पर आधारित स्रोतों से उत्सर्जन की सटीक प्रकृति अभी भी खगोलविदों के लिए गहरी चुनौतियाँ उत्पन्न करती है।
    • पोलारिमेट्री अवलोकन में दो और आयाम जोड़ते हैं- ध्रुवीकरण की डिग्री और ध्रुवीकरण का कोण। इस प्रकार यह खगोलीय स्रोतों से उत्सर्जन प्रक्रियाओं को समझने हेतु एक उत्कृष्ट नैदानिक उपकरण है।
    • स्पेक्ट्रोस्कोपिक माप के साथ पोलारिमेट्रिक अवलोकनों से खगोलीय उत्सर्जन प्रक्रियाओं के विभिन्न सैद्धांतिक मॉडलों की विकृति में सुधार की उम्मीद है।

    Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

    THE MOST
    LEARNING PLATFORM

    Learn From India's Best Faculty

          

    Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

    <div class="new-fform">







      </div>

      Subscribe our Newsletter
      Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
      *Promise! We won't spam you.
      Yes! I want to Subscribe.