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नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को सजा (Nobel prize winner Muhammad Yunus)

Samsul Ansari January 03, 2024 02:51 201 0

संदर्भ

नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की एक अदालत ने देश के श्रम कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में छह महीने के कारावास की सजा दी है।

संबंधित तथ्य

  • मुहम्मद यूनुस को गरीब लोगों की सहायता हेतु ‘सूक्ष्म वित्त ऋण प्रणाली’ की शुरुआत के लिए जाना जाता है।
  • वर्तमान में मुहम्मद यूनुस कथित भ्रष्टाचार और धन गबन से जुड़े अन्य आरोपों का भी सामना कर रहे हैं।

संबंधित मामला

  • बांग्लादेश के एक न्यायालय ने मुहम्मद यूनुस की कंपनी, ग्रामीण टेलीकॉम, जिसे उन्होंने एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में स्थापित किया था, को श्रम कानूनों के उल्लंघन का दोषी पाया। 
  • निर्णय के अनुसार, कंपनी के 67 कर्मचारियों को स्थायी किया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया और कर्मचारियों की भागीदारी तथा कल्याण निधि का निर्माण नहीं किया गया। 
  • इसके अतिरिक्त कंपनी की नीति के अनुसार, कंपनी के लाभांश का 5% कर्मचारियों को वितरित किया जाना था, जो नहीं किया गया।

मुहम्मद यूनुस

  • जन्म: इनका जन्म वर्ष 1940 में बांग्लादेश के  चटगाँव में हुआ था।
  • शिक्षा: इन्होंने वर्ष 1969 में अमेरिका के टेनेसी में वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की और उसके बाद ‘मिडिल टेनेसी स्टेट यूनिवर्सिटी’ में सहायक प्रोफेसर बन गए। 
    • वर्ष 1972 में बांग्लादेश के गठन के बाद वह वापस आए और चटगाँव विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख नियुक्त किए गए।

मुहम्मद युनुस का योगदान

  • सूक्ष्म ऋण का विचार: आजादी के बाद के वर्षों में जब बांग्लादेश अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और गरीबी से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा था तब मुहम्मद यूनुस गरीबों की सहायता करने के लिए एक अनोखा विचार लेकर आए। 
  • उन्होंने उन उद्यमियों को उपयुक्त शर्तों पर छोटे ऋण प्रदान करने का निर्णय लिया, जो आमतौर पर बैंक ऋण के लिए योग्य नहीं थे।
  • ग्रामीण बैंक: उन्होंने प्रारंभिक स्थानीय प्रयोग की सफलता के बाद देश के अन्य हिस्सों में सूक्ष्म ऋण परियोजनाएँ स्थापित कीं। 
    • सात वर्षों के भीतर इस पहल ने वर्ष 1983 में ग्रामीण बैंक का औपचारिक रूप ले लिया।
  • ग्रामीण बैंक को लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का श्रेय दिया जाता है। इस प्रणाली ने अपनी स्थापना के बाद से 9.55 मिलियन लोगों के बीच 34.01 बिलियन डॉलर के संपार्श्विक-मुक्त ऋण वितरित किए हैं।
  • ग्रामीण बैंक की शानदार सफलता के कारण इस मॉडल पर आधारित बैंक आज 100 से अधिक देशों में कार्य कर रहे हैं।
  • वर्ष 2006 में मुहम्मद यूनुस और ग्रामीण बैंक को संयुक्त रूप से “निम्न तबके में आर्थिक और सामाजिक विकास करने के उनके प्रयासों के लिए” शांति का नोबेल पुरस्कार मिला। इन्हें “गरीबों का बैंकर” कहा जाने लगा।

भारत में सूक्ष्म वित्त ऋण प्रणाली

  • भारत में 1 लाख रुपए से कम के सभी ऋणों को माइक्रो लोन या सूक्ष्म ऋण माना जा सकता है।
  • संबंधित संस्थाएँ एवं मॉडल
    • संयुक्त देयता समूह
    • स्वयं सहायता समूह
    • ग्रामीण मॉडल बैंक
    • ग्रामीण सहकारिता

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