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ई-समृद्धि पोर्टल (e-samriddhi portal)

Samsul Ansari January 05, 2024 09:50 597 0

संदर्भ

हाल ही में भारत सरकार ने तुअर दाल की खरीद हेतु ई-समृद्धि पोर्टल लॉन्च किया है।

  • दिसंबर 2027 तक भारत दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रतिबद्ध है।

संबंधित तथ्य

ई-समृद्धि पोर्टल

  • ई-समृद्धि एक पुनर्संशोधित पोर्टल है।
  • यह किसानों को मूल्य स्थिरीकरण निधि (PSF) और मूल्य समर्थन योजना (PSS) की मौजूदा योजनाओं के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य या इससे अधिक औसत मूल्य पर भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (नेफेड) तथा भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) को दालें बेचने के लिए स्वयं को पूर्व-पंजीकृत करने की अनुमति देता है।

राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (NAFED)

  • NAFED की स्थापना 2 अक्टूबर, 1958 को गांधी जयंती के अवसर पर की गई थी। 
  • नेफेड ‘मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी’ अधिनियम के तहत पंजीकृत है। 
  • नेफेड की स्थापना किसानों को लाभ पहुँचाने के लिए कृषि उपज के सहकारी विपणन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी।

  • यह सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली का उपयोग करके किसानों को सीधे भुगतान को सक्षम करते हुए खरीद और इन्वेंट्री प्रबंधन को एकीकृत करता है।
  • इसके माध्यम से किसानों को उचित समय पर बिना किसी परेशानी के सीधे उनके खाते में भुगतान मिलेगा।
  • वर्तमान में किसान एक पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करने के बाद ही PSS और PSF के तहत अपनी उपज नेफेड और NCCF को बेच सकते हैं।
  • यह प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और अधिक पारदर्शी बनाता है।

अन्य प्रयास

  • MSP के माध्यम से खरीदी जाने वाली गेहूँ और चावल जैसी अन्य फसलों के मामले में, अधिकांश राज्य अब हरियाणा के ‘मेरी-फसल-मेरा-ब्योरा’ जैसे समर्पित पोर्टल के माध्यम से पूर्ण खाता विवरण और भूमि रिकॉर्ड के साथ किसानों के पूर्व-पंजीकरण का विकल्प चुन रहे हैं।
  • ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल
    • यह हरियाणा राज्य की किसान पंजीकरण, फसल पंजीकरण एवं खेत तथा फसल का ब्योरा रखने से संबंधित एक योजना है।
  • भारतीय खाद्य निगम (FCI) केंद्र स्तर पर भी एक ऐसा मंच विकसित कर रहा है, जहाँ पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ऐसे सभी लेन-देन की स्थिति का पता लगाया जा सकता है।

भारतीय खाद्य निगम

  • भारतीय खाद्य निगम की स्थापना निम्नलिखित खाद्य नीति उद्देश्यों को पूरा करने के लिए खाद्य निगम अधिनियम, 1964 के तहत की गई थी:
  • किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रभावी मूल्य समर्थन संचालन।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए पूरे देश में खाद्यान्न का वितरण।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खाद्यान्नों के परिचालन और बफर स्टॉक को संतोषजनक स्तर पर बनाए रखना।

तुअर दाल उत्पादन संबंधी आँकड़े 

  • वर्ष 2016-17 के खरीफ सीजन में तुअर उत्पादन 4.87 मिलियन टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया था।
  • आगे के वर्षों में उत्पादन लगातार गिरता गया और यह वर्ष 2022-23 में 3.31 मिलियन टन था।

  • अनुमान:
    • खरीद पोर्टल ऐसे समय में आया है, जब रकबे में गिरावट को देखते हुए वर्ष 2023-24 के खरीफ सीजन में घरेलू तुअर उत्पादन लगातार दूसरे वर्ष कम होने का अनुमान है।
    • कृषि मंत्रालय के शुरुआती अनुमान के अनुसार, वर्ष 2023-24 खरीफ सीजन के लिए तुअर दाल का उत्पादन 3.42 मिलियन टन होने का अनुमान है।

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