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10वीं सदी का कदंब शिलालेख गोवा में मिला (10th century Kadamba inscription found in Goa)

Samsul Ansari January 06, 2024 01:21 365 0

संदर्भ

दक्षिणी गोवा के काकोडा (Cacoda) में महादेव मंदिर (Mahadeva Temple) में कन्नड़ और संस्कृत में लिखा एक शिलालेख खोजा गया है।

संबंधित तथ्य                                                                            

इस शिलालेख को 10वीं शताब्दी के कदंब काल (Kadamba period) का बताया जा रहा है।

कदंब शिलालेख के बारे में

  • इस शिलालेख में तलारा नेवैया (Talara Nevayya) द्वारा अपने बेटे गुंडय्या (Gundayya) की मृत्यु के बारे में कूटबद्ध किया गया है।
  • यह तत्कालीन दौर के जयसिम्हा प्रथम (Jayasimha I) के तलंग्रे (Talangre) शिलालेख की साहित्यिक शैली में है।
  • इस शिलालेख पर पैराग्राफ की शुरुआत एक अद्भुत वाक्य ‘अच्छा रहो’ (Be it well) अर्थात् ‘स्वस्थि श्री’ (Swasthi Shri) के साथ शुरू होती है।
  • एपीग्राफ (किसी इमारत, मूर्ति या सिक्के पर एक शिलालेख) 10वीं शताब्दी ईसवी के कन्नड़ और नागरी अक्षरों में उत्कीर्ण है तथा गोवा के कदंबों से संबंधित है।

गोवा के कदंब (10वीं-14वीं शताब्दी)

  • उत्पत्ति: गोवा के कदंब मयूरशर्मा (बनवासी के कदंब साम्राज्य के संस्थापक, 345-365 ईसवी) के वंशज हैं।
  • वे कल्याण के चालुक्यों के सामंत/अधीनस्थ थे।
  • चालुक्य राजा तैलप द्वितीय (Tailapa II) ने राष्ट्रकूटों के विरुद्ध सहायता के पुरस्कार के रूप में कदंब शास्तादेव (Kadamba Shasthadeva) को गोवा का महामंडलेश्वर नियुक्त किया था।
    • कदंब षष्ठदेव (Kadamba Shashthadeva) ने बाद में शिलाहारों से चंद्रपुर शहर पर विजय प्राप्त की और 960 ई. में गोवा कदंब राजवंश (Goa Kadamba Dynasty) की स्थापना की।
  • राजधानी: चंदोर, जिसे पहले चंद्रपुर के नाम से जाना जाता था। इस राजवंश की राजधानी और एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह था।
  • राजा षष्ठदेव ने गोवा, बंदरगाह गोपकपट्टन (Gopakpattana) और कपर्दिका द्वीप (Kapardika Dvipa) एवं दक्षिण कोंकण के बड़े हिस्से को अपने राज्य में मिलाने के बाद बंदरगाह शहर गोपकपट्टन (Gopakpattana) को अपनी सहायक राजधानी बनाया।