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शिया ‘हुती’ विद्रोहियों का सुन्नी फ़िलिस्तीनी ‘हमास’ के साथ गठबंधन (Shia ‘Huti’ rebels form alliance with Sunni Palestinian ‘Hamas’)

Samsul Ansari January 17, 2024 11:28 173 0

संदर्भ:

हाल ही में, लाल सागर में नौवहन पर आतंकवादी समूह के हमलों के जवाब में अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हूती ठिकानों पर हमला किया है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: यमन, स्वेज़ नहर और लाल सागर की अवस्थिति।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: अर्थव्यवस्था पर युद्ध और हमलों का प्रभाव तथा चुनौतियाँ।

अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा हमले का कारण:

  • सीधी प्रतिक्रिया: अमेरिकी राष्ट्रपति के अनुसार, यह प्रतिक्रिया  “लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय समुद्री जहाजों के खिलाफ हूती हमलों, जिसमें इतिहास में पहली बार जहाजरोधी बैलिस्टिक मिसाइलों का उपयोग भी शामिल हैका सीधा जवाब था।
  • विभिन्न देशों को गंभीर प्रभावों का सामना : समुद्री डकैतों के इन 27 हमलों से 50 से अधिक देश प्रभावित हुए हैं और 20 से अधिक देशों के कर्मचारियों को धमकी दी गई है या बंधक बना लिया गया है।

पश्चिम के लिए हूती हमलों की चिंताएँ:

  • पोत सुरक्षा संबंधी चिंता: हूती हमलों के बाद, कई प्रमुख शिपिंग और तेल कंपनियों ने घोषणा की है कि वे इस पूर्वपश्चिम के मार्गों पर आवाजाही नहीं करेंगे
    • विश्व का तकरीबन 12 प्रतिशत व्यापार लाल सागर और स्वेज़ नहर से होकर गुजरता है जो अरब सागर को भूमध्य सागर से जोड़ता है।
  • अधिक दूरी और ईंधन की खपत: इसका मतलब है कि कुछ जहाजों को दक्षिण अफ्रीका मेंकेप ऑफ गुड होपके आसपास से होकर गुजरना होगा। अफ़्रीकी महाद्वीप के चारों ओर जाने वाले इस मार्ग में शिपिंग कंपनियों को बहुत अधिक समय लगता है और इससे ईंधन की लागत भी अधिक हो जाती है।

 

इज़राइलहमास युद्ध में हूती विद्रोहोयों की भागीदारी:

  • हूती: ये एक उग्रवादी समूह है जो एक दशक से यमन में गृह युद्ध का सामना कर रहा है।
  • सत्ता पर कब्ज़ा: उन्होंने 2014 में यमन की राजधानी सना में सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया।
    • हूतीयों का अब सना सहित उत्तरी यमन पर  नियंत्रण  है और देश के अधिकांश क्षेत्रों में उनकी उपस्थिति व्याप्त  है।
  • ईरान से समर्थन: हूती विद्रोही  शिया हैं, और ईरान में शिया शासन द्वारा उन्हें हथियारों और वित्त का समर्थन भी प्राप्त है।
    • ईरान का सबसे बड़ा क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी सुन्नी बहुल सऊदी अरब देश अमेरिका जैसे पश्चिमी सहयोगियों के साथ यमन सरकार का समर्थन करता है।

ईरान और हूतियों द्वारा हमास को समर्थन का कारण:

  • परस्पर विरोधी: हालाँकि हमास एक सुन्नी संगठन है, लेकिन अमेरिका और इज़राइल के आपसी विरोध के कारण इसे ईरान का समर्थन प्राप्त है।
  • मौजूदा प्रतिद्वंद्विता: फ़िलिस्तीन और यमन संघर्ष दोनों को हूतियों का समर्थन प्राप्त है और यह मौजूदा क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता की अभिव्यक्ति भी हैं।
  • देश के उत्तर में इजरायली रक्षा बलों से मुकाबला कर रहे लेबनान के  शिया आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह को भी ईरानी शासन द्वारा समर्थन प्राप्त है और उन्हें वित्त की भी उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है

चुनौतियाँ:

  • देशों द्वारा इस क्षेत्र के उपयोग में अनिच्छा: पिछले माह, अमेरिका ने इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता हेतु  20 से अधिक देशों के साथ  गठबंधन कर  ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन (Operation Prosperity Guardian) लॉन्च किया था। हालाँकि, कई भागीदार देश इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैन्य जहाज या कर्मियों को भेजने के लिए अनिच्छुक दिखे थे।
  • चेतावनियों के बाद भी बारबार जवाबी कार्रवाई: अमेरिका ने खुद बारबार इजरायल और गाजा की सीमाओं के अलावा संघर्ष के फैलने की चेतावनी दी है लेकिन हूतियों के खिलाफ की गई  कार्रवाई से पता चलता है कि वे बारबार उकसावे की जवाबी कार्रवाई से उत्पन्न होने वाले  जोखिम की हर कीमत चुकाने को  तैयार हैं।
  • चुनौतीपूर्ण व्याख्या: ईरानी राज्य मीडिया ने हमलों को यमन की संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया और हमास ने इसेआतंकवादी कृत्यकी संज्ञा दी है

शांति के लिए बातचीत:

  • ओमान और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से यमन में गृह युद्ध को समाप्त करने के लिए हूतियों के साथ सउदी अरब बातचीत कर रहा है।

प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न : एशिया स्थित मृत सागर निम्नलिखित में से किन देशों की सीमाओं पर अवस्थित है?

(A)   जॉर्डन एवं इजराइल

(B)   इजराइल एवं इराक

(C)   सऊदी अरब एवं जॉर्डन

(D)   सीरिया एवं ईरान

 

उत्तर (A)

News Source: The Indian Express

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