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भारत के ऑनलाइन गेमिंग उद्योग का विनियमन (Regulation of India’s online gaming industry)

Samsul Ansari January 17, 2024 11:34 164 0

संदर्भ:

इस लेख के अंतर्गत भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की चुनौतियों के विषय में चर्चा की गई है, जो केवल आर्थिक मूल्य को कम करता है बल्कि सामाजिक कल्याण को भी कम करता है जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न उपयोगकर्ताओं के विश्वास में गिरावट आती है।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योगचुनौतियाँ और आगे की राह।

भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग:

  • उच्च इंटरनेट आधार: 692 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट उपयोगकर्ता आधार है। 2019 के बाद से औसत दैनिक मोबाइल ऐप उपयोग में 32% की वृद्धि हुई है।
  • सकल घरेलू उत्पाद में उच्च योगदान: भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग मुख्य रूप से एक घरेलू स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र है जिसमें 27% CAGR (एक समय अवधि में निवेश की वार्षिक वृद्धि दर का मापन ) से वृद्धि हो रही है।
    • अनुमान है कि 2026-27 तक AI (Artificial Intelligence) और ऑनलाइन गेमिंग, भारत की GDP में 300 बिलियन डॉलर (bn) तक का योगदान कर सकते हैं।

भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ:

  • सामाजिक: इसके कारण लोगों में लत लगना, मानसिक बीमारी, आत्महत्याएँ, वित्तीय धोखाधड़ी, गोपनीयता और डेटा सुरक्षा संबंधी स्थितियों के उत्पन्न होने को लेकर चिंता जताई जा रही है।
  • सुरक्षा: इन क्रियाकलापों से मनी लॉन्ड्रिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी समस्याओं के उत्पन्न होने की संभावना है।
    • अवैध ऑफशोर जुआ ( कोई भी जुआ जो देश की सीमाओं के बाहर संचालित होने वाले ऑनलाइन स्पोर्ट्सबुक, कैसीनो और घुड़दौड़ साइटों पर होता है ) और सट्टेबाजी बाजारों की अभिवृद्धि के कारण वहाँ होने वाले डिजिटल लेनदेन की मात्रा में वृद्धि होती है जो वित्तीय कदाचार के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ उपलब्ध कराती हैं
      • अवैध ऑफशोर जुआ और सट्टेबाजी बाज़ार को प्रति वर्ष 100 बिलियन डॉलर की जमा राशि भारत से प्राप्त होती है और पिछले 3 वर्षों में इसमें 20% की वृद्धि दर दर्ज की गई है।
  • अपर्याप्त विनियमन: लोगों के लिए वैध गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म और अवैध जुआ/सट्टेबाजी साइटों के मध्य अंतर का पता लगाने के लिए कोई तंत्र मौजूद नहीं है।
    • इस दिशा में एक विशेष नियामक प्राधिकरण और प्रवर्तन की कमी है।
  • राजकोष को पर्याप्त नुकसान और बाजार की विफलता: एक अनुमान से पता चलता है कि अवैध ऑफशोर बाजारों के संचालन के कारण भारत को कराधान में प्रति वर्ष तकरीबन 45 बिलियन डॉलर तक का नुकसान होता है।

सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम:

  • विनियमों का निर्माण: सरकार द्वारा लाये गए डिजिटल विनियमन के नए रूपों के प्रस्ताव से  इन चुनौतियों का समाधान किया जा रहा  है।
    • सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 निगरानी की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
      • हालाँकि, स्वनियामक निकायों की विलंबित अधिसूचना ने प्रगति को बाधित कर दी है।
  • गेमिंग पर प्रतिबंध: कुछ राज्य सरकारें ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास कर रही हैं।
    • हालाँकि, इंटरनेट की अंतर्निहित सीमापार प्रकृति इस तरह के प्रतिबंध को लागू करने को  लगभग असंभव बना देती है।

आगे की राह:

  • वैश्विक परिप्रेक्ष्य का पालन किया जाना : U.K (यूनाइटेड किंगडम) का एक केंद्रीकृत सरकारी नियामक (Regulator) ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में विनियमन के प्रभावों पर त्रैमासिकी निकलता है।
    • इसके अनुसार 2018-22 के दौरान हुए नुकसान में कमी लाने के उद्देश्य से लक्षित प्रयासों के साथ सख्त प्रवर्तन के कारण अव्यवस्थित गेमिंग और मध्यमसेकम जोखिम वाले गेमिंग व्यवहार दोनों में गिरावट आई है।
  • नियामक प्रवर्तन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, उच्च करों और नियामक प्रवर्तन हेतु एक कमजोर और विवेकाधीन दृष्टिकोण का मेल, ऑनलाइन गेमिंग के क्षेत्र के लिए एक चिंता का विषय है।
    • डिजिटल नागरिकों, राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने और ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक सख्त नियामक ढाँचा स्थापित करने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष:

डेटा और एल्गोरिदम की जटिल परस्पर क्रिया के कारण ऑनलाइन सेवाओं में बाज़ार की विफलता ने नई विशेषताओं और जटिलताओं को जन्म दिया है। भारत में 373 मिलियन गेमर्स की सुरक्षा के लिए (जो संभावित रूप से जोखिम में हैं) यह जरूरी है कि इस क्षेत्र को सख्ती से विनियमित किया जाए।

मुख्य परीक्षा पर आधरित प्रश्न: भारत में ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ कौन-कौन सी हैं ? भारत में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र की संभावनाओं और प्रभावों का वर्णन कीजिए। भारत में गेमिंग क्षेत्र के विनियमन के लिए कौन से प्रमुख कदम उठाए जाने की आवश्यकता है सुझावों सहित चर्चा कीजिए।

                                                                                                          News Source: The Hindu

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