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संशोधित पार्बती-कालीसिंध-चंबल-ERCP लिंक परियोजना (Revised Parbati-Kalisindh-Chambal-ERCP Link Project)

Samsul Ansari January 31, 2024 03:52 570 0

संदर्भ 

संशोधित ‘पार्बती-कालीसिंध-चंबल-ERCP’ (Parbati-Kalisindh-Chambal Eastern Rajasthan Canal Project) लिंक परियोजना को लागू करने के लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

संबंधित तथ्य 

इस परियोजना में भारत सरकार के नदी जोड़ो कार्यक्रम (Interlinking of Rivers Project) के तहत ‘पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना’ (Eastern Rajasthan Canal Project- ERCP) तथा  ‘पार्बती-कालीसिंध-चंबल (PKC) नदी लिंक परियोजना’ को आपस में जोड़ने की परिकल्पना की गई है।

संशोधित ‘पार्बती-कालीसिंध-चंबल तथा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (PKC-ERCP) लिंक परियोजना

  • यह एक अंतरराज्यीय नदी जोड़ो परियोजना है।
  • इस परियोजना पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसके आधार पर समझौता ज्ञापन (MoA) को अंतिम रूप दिया जाएगा।
    • समझौता ज्ञापन (Memorandum of Agreement): इस ज्ञापन में जल का बँटवारा, जल का आदान-प्रदान, लागत एवं लाभ में हिस्सेदारी, कार्यान्वयन तंत्र, चंबल घाटी में जल के प्रबंधन एवं नियंत्रण की व्यवस्था आदि जैसे पहलुओं को शामिल किया जाएगा।
  • लाभ 
    • जल आपूर्ति: इस परियोजना के माध्यम से पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों तथा मध्य प्रदेश के मालवा एवं चंबल क्षेत्रों में पेयजल एवं औद्योगिक उपयोग के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है।
    • सिंचाई: इस परियोजना के अंतर्गत दोनों राज्यों में कुल 5.6 लाख हेक्टेयर या इससे अधिक भूमि को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है ( प्रत्येक राज्य में 2.8 लाख हेक्टेयर या उससे अधिक क्षेत्र)।

पार्बती-कालीसिंध-चंबल (Parbati-Kalisindh-Chambal) लिंक परियोजना 

  • राष्ट्रीय स्तर पर कार्यान्वित 30 नदी जोड़ो परियोजनाओं में ‘पार्बती-कालीसिंध-चंबल’ एक  महत्त्वपूर्ण लिंक परियोजना है। इसका निर्माण वर्ष 1980 में केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय और केंद्रीय जल आयोग के पर्यवेक्षणमें हुआ था।
  • प्रारंभिक रिपोर्ट: कालीसिंध-चंबल लिंक नहर परियोजना में कालीसिंध और नेवज नदी के जल को चंबल नदी पर बने राणा प्रताप सागर बाँध या गांधी सागर बाँध में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है।
    • उल्लेखनीय है कि ‘नेवज नदी’ कालीसिंध की एक सहायक नदी है। 

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project- ERCP)

  • परिचय: इस परियोजना का लक्ष्य कालीसिंध, पार्वती, मेज (Mej) और चाकन (Chakan) घाटियों में उपलब्ध अतिरिक्त मानसूनी जल को बनास, गंभीरी, बाणगंगा की शुष्क घाटियों में स्थानांतरित करना है।
  • उद्देश्य: पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों (अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई-माधोपुर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, बूँदी, कोटा, बारान और झालावाड़) को पेयजल तथा औद्योगिक उपयोग के लिए जल उपलब्ध कराना है। 
  • आवश्यकता: राज्य जल संसाधन विभाग के अनुसार, 342.52 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्रफल वाला राजस्थान, जो पूरे देश के भौगोलिक भू-भाग का 10.4% है, भारत के सतही जल का केवल 1.16% और भू-जल का 1.72% रखता है।

चंबल नदी

  • उद्गम स्थल: मध्य प्रदेश के महू जिला में विंध्य पर्वत शृंखला के उत्तरी ढलान पर स्थित जानापाव (Janapav) पहाड़ियों में भदाकला जलप्रपात (Bhadakla Fall) से।
  • अपवाह तंत्र: यह नदी मध्य प्रदेश, राजस्थान से बहते हुए उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में यमुना नदी में मिल जाती है।
  • सहायक नदियाँ: शिप्रा, छोटी कालीसिंध, सिवान्ना, रेतम, अंसार, कालीसिंध, बनास, पार्बती, सीप, कुवारी, कुनो, अलनिया, मेज, चाकन, पार्वती, चमला, गंभीरी या उटंगन नदी, लखुंदर, खान, बंगेरी, केडेल और तिलार।

नदी जोड़ो परियोजना (Interlinking of Rivers Project- ILR)

  • भारत सरकार ने वर्ष 1980 में राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (National Perspective Plan- NPP) के तहत 30 नदी जोड़ो परियोजनाओं का लक्ष्य रखा है।
  • इसका कार्यान्वयन राष्ट्रीय जल विकास संस्था (National Water Development Agency- NWDA) द्वारा किया जा रहा है।
  • उद्देश्य: अतिरिक्त जल को अति शुष्क तथा जल की कम उपलब्धता वाले क्षेत्रों में स्थानांतरित करना।
  • राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (NPP) के अंतर्गत ‘नदी जोड़ो परियोजना’ में हिमालय क्षेत्र की 14 नदियाँ और प्रायद्वीपीय भारत की 16 नदियाँ शामिल हैं।
  • NPP के अंतर्गत केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa Link project- KBLP) को पहली नदी जोड़ो परियोजना के रूप में नामित किया गया है।

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