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अंतरिम बजट 2024-2025 (Interim Budget 2024-2025)

Samsul Ansari February 02, 2024 03:11 249 0

संदर्भ

भारत के वित्त मंत्री ने 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2024 के लिए अंतरिम बजट पेश किया। भारत में वर्ष 2024 के मध्य में आम चुनाव होने हैं, यही कारण है कि मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा बजट घोषणा को अंतरिम बजट कहा जाता है।

  • व्यापक वित्तीय बजट आम चुनाव होने के बाद नई सरकार बनने के पश्चात् पेश किया जाता  है।

अंतरिम बजट क्या है?

  • अंतरिम बजट चुनाव होने और नई केंद्र सरकार के सत्ता सँभालने तक केंद्र सरकार के खर्च को फंड देने के लिए एक अल्पकालिक वित्तीय योजना के रूप में कार्य करता है।
    • इसमें नई सरकार के गठन तक उसके अनुमानित व्यय और प्राप्तियों की रूपरेखा दी जाती है।
    • चुनाव आयोग की आचार संहिता के अनुसार, सत्तारूढ़ सरकार अंतरिम बजट में कोई बड़ी योजना शामिल नहीं कर सकती क्योंकि इससे मतदाता प्रभावित हो सकते हैं।
    • इस स्थिति में मौजूद सरकार अंतरिम बजट के साथ आर्थिक सर्वेक्षण भी नहीं पेश कर सकती है।
  • उद्देश्य: नए प्रशासन के कार्यभार सँभालने तक आवश्यक सरकारी कार्यों की निरंतरता सुनिश्चित करना।
  • बजट की समयरेखा: अंतरिम बजट की प्रभावशीलता केवल 31 मार्च, 2024 तक विस्तारित होती है, जिसके बाद वर्तमान सरकार की खर्च करने की शक्ति सीमित हो जाती है।
  • लेखानुदान प्रावधान: चूँकि अंतरिम बजट के लिए कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है, सरकार अंतरिम अवधि हेतु धन सुनिश्चित करने के लिए ‘लेखानुदान’ प्रावधान का उपयोग करती है।

अंतरिम बजट और पूर्ण बजट के बीच अंतर

कारक अंतरिम बजट पूर्ण बजट
समय चुनाव से पहले निवर्तमान सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया। नव-निर्वाचित सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया।
दायरा अल्प अवधि के लिए व्यय एवं प्राप्तियाँ को शामिल करता है। वित्तीय वर्ष के लिए सरकारी वित्त के सभी पहलुओं को शामिल करता है।
उद्देश्य अस्थायी रूप से आवश्यक कार्यों की निरंतरता सुनिश्चित करता है। पूरे वित्तीय वर्ष के लिए एक रणनीतिक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है।
नीति घोषणाएँ सीमित रूप से प्रमुख नीतिगत घोषणाएँ व्यापक नीतिगत घोषणाओं की अनुमति देता है।
आर्थिक सर्वेक्षण अंतरिम बजट से पहले कोई आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत नहीं होता है।  आमतौर पर पूर्ण बजट से एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है।

इसे ‘वोट-ऑन-अकाउंट’ क्यों कहा जाता है?

  • अंतरिम बजट को पारंपरिक रूप से ‘वोट-ऑन-अकाउंट‘ भी कहा जाता है क्योंकि यह विशिष्ट व्यय करने के लिए प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है, जो नई सरकार के सत्ता में आने तक आवश्यक है।

  • प्रभावी अवधि और विस्तार: आम तौर पर, ‘वोट-ऑन-अकाउंट’ दो महीने की अवधि के लिए प्रभावी रहता है और आवश्यकता पड़ने पर इसे विस्तार भी मिल सकता है।
  • संवैधानिक आधार
    • संविधान का अनुच्छेद-116: अनुच्छेद-116 के तहत, ‘वोट-ऑन-अकाउंट’ मौजूदा सरकार को ‘भारत की संचित निधि’ से बजट का अग्रिम आवंटन है।

बजट के बारे में

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद-112 के अनुसार, केंद्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण भी कहा जाता है, यह आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित प्राप्तियों एवं व्यय का विवरण है।
    • उल्लेखनीय है कि संविधान में बजट शब्द का उल्लेख नहीं है।
  • बजट अवधि: 1 अप्रैल से 31 मार्च।
  • तैयार किया जाता है: केंद्रीय वित्त मंत्रालय का आर्थिक मामलों का विभाग, बजट की तैयारी के लिए जिम्मेदार नोडल निकाय है।
  • बजट वर्गीकरण: केंद्रीय बजट को राजस्व बजट और पूँजीगत बजट में वर्गीकृत किया गया है।

    • राजस्व बजट: इसमें सरकार की राजस्व प्राप्तियाँ एवं व्यय शामिल हैं।
      • राजस्व प्राप्तियाँ: राजस्व प्राप्तियाँ दो प्रकार की होती हैं- कर राजस्व और गैर-कर राजस्व
      • राजस्व व्यय: यह सरकार के दिन-प्रतिदिन के कामकाज और नागरिकों को दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं पर किया जाने वाला व्यय है।
      • राजस्व घाटा: यदि राजस्व व्यय राजस्व प्राप्तियों से अधिक हो जाता है, तो सरकार को राजस्व घाटा होता है।
    • पूँजीगत बजट: इसमें पूँजीगत प्राप्तियाँ और पूँजीगत व्यय शामिल हैं।
      • पूँजीगत प्राप्तियाँ: नागरिक, विदेशी सरकारों और RBI से प्राप्त ऋण, सरकार की पूँजीगत प्राप्तियों का एक बड़ा हिस्सा है।
      • पूँजीगत व्यय: यह मशीनरी, उपकरण, भवन, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा आदि के विकास पर किया जाने वाला व्यय है।
  • राजकोषीय घाटा: राजकोषीय घाटा तब होता है, जब सरकार का कुल व्यय उसके कुल राजस्व से अधिक हो जाता है।

अंतरिम बजट के मुख्य बिंदु

भाग A 

जन केंद्रित समावेशी विकास

  • वर्ष 2047 तक विकसित भारत: सरकार सबका साथ, सबका विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए वर्ष 2047 तक भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।
  • समावेशी विकास और वृद्धि: सरकार समावेशिता के ‘सभी पहलुओं’ को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है।
  • ‘गाँव स्तर तक प्रावधान’ के पूर्व के दृष्टिकोण से विचलन: विकास कार्यक्रमों (पिछले 10 वर्षों) ने रिकॉर्ड समय में सभी के लिए आवास, हर घर जल, सभी के लिए बिजली, रसोई गैस, बैंक खाते और वित्तीय सेवाओं के माध्यम से प्रत्येक घर एवं व्यक्ति को लक्षित किया है।

सामाजिक न्याय

  • भारत सरकार समाज के चार पहलुओं (G. Y. A. N) पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
    • गरीब (Poor) 
    • युवा (Youth)
    • अन्नदाता (Farmer)
    • नारी (Women)

गरीब कल्याण, देश का कल्याण (गरीब)

  • गरीबी: पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आए हैं।
  • PM जन धन: प्रधानमंत्री जन धन खातों का उपयोग करके 34 लाख करोड़ रुपये के DBT से सरकार को 27 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई।

  • प्रधानमंत्री स्वनिधि: इसमें 78 लाख स्ट्रीट वेंडरों को ऋण सहायता प्रदान की तथा 2.3 लाख वेंडरों को तीसरी बार क्रेडिट मिला है।
  • प्रधानमंत्री-जनमन योजना: विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों (PVTG) के विकास में सहायता के लिए।

  • प्रधानमंत्री-विश्वकर्मा योजना: 18 व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को शुरू से अंत तक सहायता प्रदान करती है।

अन्नदाता (किसानों) का कल्याण

  • प्रधानमंत्री-किसान सम्मान योजना: 11.8 करोड़ किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: 4 करोड़ किसानों को फसल बीमा दिया गया है।
  • इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM): 1,361 मंडियों को एकीकृत किया गया, 3 लाख करोड़ रुपये की ट्रेडिंग मात्रा के साथ 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएँ प्रदान की गईं।

नारी शक्ति के लिए प्रेरणा

  • मुद्रा योजना: महिला उद्यमियों को 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण दिया गया।
  • महिला नामांकन: 10 वर्षों में उच्च शिक्षा में महिला नामांकन में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
    • STEM पाठ्यक्रमों में 43 प्रतिशत महिला नामांकन ( जो दुनिया में सबसे अधिक में से एक है)।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 70% से अधिक घर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को दिए गए हैं।
  • स्वयं सहायता समूह (SHG):  83 लाख SHG द्वारा 1 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनने में सहायता प्रदान की गई।

युवा (Youth)

  • स्किल इंडिया मिशन के तहत 1.4 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।

  • युवाओं की उद्यमशीलता आकांक्षाओं को बढ़ावा देना: पीएम मुद्रा योजना के तहत 43 करोड़ ऋण स्वीकृत किए गए हैं।

अमृत काल की रणनीति

सतत् विकास (Sustainable Development)

  • वर्ष 2070 तक ‘नेट जीरो’ हासिल करने की प्रतिबद्धता
    • पवन ऊर्जा के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण
    • कोयला गैसीकरण एवं द्रवीकरण क्षमता की स्थापना।
    •  CNG, PNG और संपीडित बायोगैस का चरणबद्ध अनिवार्य सम्मिश्रण।
    • बायोमास एकत्रीकरण मशीनरी की खरीद के लिए वित्तीय सहायता।
  • रूफटॉप  सोलराइजेशन
    • रूफटॉप सोलराइजेशन के माध्यम से 1 करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी।
    • प्रत्येक परिवार को सालाना 15,000 से 18,000 रुपये की बचत होने की उम्मीद है।

  • ई-मोबिलिटी (e-Mobility)
    • सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क के लिए ई-बसों को अपनाना।
    • विनिर्माण और चार्जिंग का समर्थन करके ई-वाहन पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना।
  • पर्यावरण अनुकूल विकल्प (Environmental Friendly Alternatives)
    • पर्यावरण अनुकूल विकल्पों का समर्थन करने के लिए बायोमैन्युफैक्चरिंग और बायो-फाउंड्री की नई योजना शुरू की जाएगी।
  • अन्य उपाय
    • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक LPG कनेक्शन दिए गए।
    • ‘उजाला’ (UJALA) के तहत 36.9 करोड़  LED बल्ब, 72.2 लाख LED ट्यूब लाइट्स और 23.6 लाख ऊर्जा दक्ष पँखे वितरित किए गए।
    • स्ट्रीट लाइटिंग राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत 1.3 करोड़ LED स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं।

बुनियादी ढाँचा एवं निवेश

  • भौतिक, डिजिटल और सामाजिक सभी प्रकार के बुनियादी ढाँचे का व्यापक विकास किया गया है।
  • वित्त वर्ष 2025 में बुनियादी ढाँचे के लिए परिव्यय बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।

  • डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) ने औपचारिकता और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया है।
  • मेट्रो रेल और नमो भारत के माध्यम से शहरी परिवर्तन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

  • रेलवे: लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार एवं लागत कम करने के लिए प्रधानमंत्री गति शक्ति के तहत 3 प्रमुख आर्थिक रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रमों की पहचान की गई है:
    • ऊर्जा, खनिज और सीमेंट गलियारे
    • बंदरगाह कनेक्टिविटी गलियारे
    • उच्च यातायात घनत्व वाले गलियारे
    • चालीस हजार सामान्य रेल कोचों को वंदे भारत मानकों के अनुरूप बदला जाएगा।

  • विमानन क्षेत्र
    • देश में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी होकर 149 हो गई।
    • 517 नए रूट 1.3 करोड़ यात्रियों के आवागमन के लिए उपलब्ध हैं।
    • भारतीय विमानन कंपनियों ने 1,000 से अधिक नए विमानों का ऑर्डर दिया है।
    • ‘उड़ान’ योजना के तहत मौजूदा हवाई अड्डों का विस्तार और नए हवाई अड्डों का व्यापक विकास किया जा रहा है।

  • निवेश
    • वर्ष 2014-23 के दौरान 596 बिलियन अमेरिकी डॉलर का FDI प्रवाह, वर्ष 2005-14 के दौरान के FDI प्रवाह का दोगुना था।
    • द्विपक्षीय निवेश संधियों के माध्यम से विदेशी निवेश को बढ़ावा देने पर विचार किया जाएगा।

समावेशी विकास

  • स्वास्थ्य
    • लड़कियों (9-14 वर्ष) के लिए सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण की शुरुआत की जाएगी।
    • बेहतर पोषण वितरण, आरंभिक बचपन देखभाल और विकास के लिए सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 में तेजी लाई जाएगी।
    • मिशन इंद्रधनुष के टीकाकरण प्रयासों के लिए यू-विन प्लेटफॉर्म शुरू किया जाएगा।
    • आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य कवर सभी आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं तक बढ़ाया जाएगा।
  • आवास
    • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)
      • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) 3 करोड़ घरों के लक्ष्य को प्राप्त करने के नजदीक है, अगले 5 वर्षों के लिए अतिरिक्त 2 करोड़ का लक्ष्य है।
      • मध्यम वर्ग को अपना घर खरीदने/बनाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु आवास योजना शुरू की जाएगी।
  • पर्यटन
    • राज्यों को वैश्विक स्तर पर उनकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग सहित प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों का व्यापक विकास करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
    • स्थापित की जाने वाली सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर पर्यटन केंद्रों की रेटिंग के लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी।
    • ऐसे विकास के वित्तपोषण के लिए राज्यों को समान आधार पर दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा।
    • 60 स्थानों पर G20 की बैठकों में भारत की विविधता को वैश्विक दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया गया।

    • लक्षद्वीप सहित द्वीपों में बंदरगाह कनेक्टिविटी, पर्यटन बुनियादी ढाँचे और सुविधाओं के लिए परियोजनाएँ शुरू की जाएँगी।

कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण

  • प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से 38 लाख किसानों को लाभ हुआ है और 10 लाख रोजगार उत्पन्न हुए हैं।

  • प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारीकरण योजना ने 2.4 लाख SHG और 60,000 व्यक्तियों को क्रेडिट लिंकेज से सहायता प्रदान की है।
  • सरकार फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देगी।
  • सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में नैनो-DAP (डाइ-अमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक के अनुप्रयोग का विस्तार किया जाएगा।
  • आत्मनिर्भर तिलहन अभियान: तिलहनों के लिए आत्मनिर्भरता हासिल करने हेतु रणनीति तैयार की जाएगी।
  • डेयरी विकास के लिए व्यापक कार्यक्रम बनाया जाएगा।
  • 5 एकीकृत एक्वापार्क स्थापित किए जाएँगे।

वित्तीय अवलोकन

संशोधित अनुमान (RE) 2023-2024

  • कुल प्राप्तियाँ (उधार के अलावा): 27.56 लाख करोड़ रुपये, जिनमें से कर प्राप्तियाँ 23.24 लाख करोड़ रुपये हैं।
  • कुल खर्च: 44.90 लाख करोड़ रुपये।

  • राजकोषीय घाटा: वर्ष 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 5.8 प्रतिशत।

बजट अनुमान 2024-2025

  • कुल प्राप्तियाँ (उधार के अलावा): 30.80 लाख करोड़ रुपये।
  • कुल खर्च: 47.66 लाख करोड़ रुपये।
  • राजकोषीय घाटा: सकल घरेलू उत्पाद का 5.1 प्रतिशत।
  • राज्यों को पूँजीगत व्यय के लिए पचास वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण की योजना इस वर्ष भी जारी रहेगी, जिसका कुल परिव्यय रु. 1.3 लाख करोड़।

 

भाग B

 

प्रत्यक्ष कर (Direct Taxes)

  • कर संग्रह और रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या: पिछले दस वर्षों में, प्रत्यक्ष कर संग्रह तीन गुना से अधिक हो गया है और रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 2.4 गुना तक बढ़ गई है।
  • वर्षों से कर युक्तीकरण के प्रयास
    • वित्त वर्ष 2013-14 में 2.2 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर देनदारी नहीं है।
    • खुदरा व्यवसायों के लिए अनुमानित कराधान सीमा 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये कर दी गई है।
    • पेशेवरों के लिए अनुमानित कराधान सीमा 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये कर दी गई है।
    • मौजूदा घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट आयकर 30% से घटकर 22% हो गया है।
    • नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट आयकर की दर 15% है

  • करदाता सेवाओं में उपलब्धियाँ
    • टैक्स रिटर्न की औसत प्रोसेसिंग का समय वर्ष 2013-14 के 93 दिनों से घटकर 10 दिन हो गया है।
    • अधिक दक्षता के लिए फेसलेस मूल्यांकन एवं अपील की शुरुआत की गई।
    • अद्यतन आयकर रिटर्न, नया फॉर्म 26AS और सरलीकृत रिटर्न फाइलिंग के लिए पहले से भरा हुआ टैक्स रिटर्न फॉर्म।
  • सीमा शुल्क में सुधार से आयात जारी करने का समय कम हुआ है:
    • 47% की कटौती के साथ अंतर्देशीय कंटेनर डिपो में लगने वाला समय 71 घंटे है।
    • 28% की कटौती के साथ एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स में लगने वाला समय 44 घंटे है।
    • 27% की कटौती के साथ समुद्री बंदरगाहों पर लगने वाला समय 85 घंटे है।

अप्रत्यक्ष कर (Indirect Taxes)

  • वित्त मंत्री ने अप्रत्यक्ष करों और आयात शुल्कों के लिए समान कर दरों को बनाए रखने का प्रस्ताव रखा है।
  • GST ने भारत में अत्यधिक खंडित अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को एकीकृत किया;
    • इस वर्ष औसत मासिक सकल GST संग्रह दोगुना होकर 1.66 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
    • GST का आधार दोगुना हो गया है।
    • राज्य GST संबंधी राजस्व उछाल (राज्यों को जारी मुआवजे सहित) GST के बाद की अवधि (वर्ष 2017-18 से 2022-23) में बढ़कर 1.22% हो गया, जो GST से पूर्व की अवधि में (वर्ष 2012-13 से वर्ष 2015-16) 0.72% था।
    • 94% उद्योग जगत के हितधारक GST में बदलाव को काफी हद तक सकारात्मक मानते हैं।
    • GST से आपूर्ति शृंखला अनुकूलन स्थापित हुआ है।
    • GST ने व्यापार और उद्योग पर अनुपालन बोझ कम कर दिया है। 
    • कम लॉजिस्टिक लागत और करों ने वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों को कम करने में मदद की, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। 

भारतीय अर्थव्यवस्था का लचीला परिदृश्य

  • भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की स्थिति के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में चरण-दर-चरण अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत बनाने और शासन प्रणाली को उचित मार्ग पर लाने की बड़ी जिम्‍मेदारी थी, जिसे राष्‍ट्र प्रथम के मजबूत विश्‍वास का सफलतापूर्ण अनुकरण करते हुए सरकार द्वारा पूरा किया गया। 
    • उन्‍होंने आश्‍वासन दिया कि अर्थव्‍यवस्‍था सर्वांगीण विकास के साथ एक उच्‍च सतत् विकास मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रही है। 

बजट संबंधी अन्य आँकड़े  

                                                                                         

 

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