100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

‘ग्रीन प्रपल्सन सिस्टम’ की कार्यक्षमता (Functionality of ‘Green Propulsion System’)

Samsul Ansari February 02, 2024 05:04 162 0

संदर्भ:

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की प्रौद्योगिकी विकास निधि (TDF) योजना के तहत विकसित एक ‘ग्रीन प्रपल्सन सिस्टम’ (Green Propulsion System) ने PSLV C-58 मिशन द्वारा लॉन्च किए गए पेलोड पर कक्षीय कार्यक्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।

संबंधित तथ्य:

  • TDF रक्षा मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसे रक्षा और एयरोस्पेस, विशेषकर स्टार्ट-अप एवं MSMEs में नवाचार के वित्तपोषण के लिए ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत DRDO द्वारा क्रियान्वित किया जाता है।

ग्रीन प्रपल्सन सिस्टम (Green Propulsion System):

  • एक पर्यावरण-अनुकूल वैकल्पिक प्रणाली: ग्रीन प्रपल्सन कम विषाक्तता, उच्च ऊर्जा तरलता युक्त रॉकेट प्रणोदक हैं जो भविष्य के अंतरिक्ष यान के लिए पारंपरिक रासायनिक प्रणोदक के लिए उच्च प्रदर्शन, उच्च दक्षता वाला विकल्प प्रदान करेंगे।
  • उच्च प्रदर्शन: अपने उच्च घनत्व और उच्च विशिष्ट आवेग (Isp) के कारण, ग्रीन प्रपल्सन पारंपरिक ‘हाइड्राजिन प्रपल्सन सिस्टम’  की तुलना में 50% अधिक प्रदर्शन करता है।
  • कम आवश्यकताएँ: इसका हिमांक भी कम होता है, जिससे इसके तापमान को बनाए रखने के लिए कम अंतरिक्ष यान शक्ति की आवश्यकता होती है।
  • सुरक्षित संचालन: ‘ग्रीन प्रपल्सन’ को संभालना आसान होता है और इसलिए एकीकृत करने और संचालन के लिए ईंधन की लागत कम होती है।

PSLV C-58 मिशन: 

  • यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान की 60वीं उड़ान थी।
  • यह पेलोड के साथ-साथ XPoSAT मिशन भी साथ था।

ग्रीन प्रपल्सन सिस्टम की कक्षीय कार्यक्षमता:

  • विकास एजेंसी: इस परियोजना हेतु ‘ऊँचाई नियंत्रण’ और सूक्ष्म उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने के लिये 1N क्लास ग्रीन मोनोप्रोपेलेंट थ्रस्टर, बेंगलुरु स्थित स्टार्ट-अप ‘बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड’ को मंजूरी दी गई थी।
  • कार्यान्वयन: पूरी परियोजना DRDO के ‘प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग एंड मेंटरिंग ग्रुप’ के मार्गदर्शन में पूर्ण की गई है।
  • सत्यापनकर्त्ता संस्था: इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC), बेंगलुरु में पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल (POEM) से प्राप्त टेलीमेट्री डेटा को मूलभूत स्तर के समाधान के साथ सत्यापित किया गया है और यह सभी प्रदर्शन मापदंडों से अधिक पाया गया है।
  • स्वदेशी रूप से विकसित: इस प्रणाली में स्वदेशी रूप से विकसित प्रोपेलेंट, फिल एंड ड्रेन वाल्व, लैच वाल्व, सोलेनॉइड वाल्व, कैटलिस्ट बेड, ड्राइव इलेक्ट्रॉनिक्स आदि शामिल हैं।
  • महत्व:
    • पर्यावरण अनुकूल: इस नवोन्वेषी तकनीक के परिणामस्वरूप अंतरिक्ष की निम्न कक्षा के संदर्भ में गैर विषाक्त और पर्यावरण-अनुकूल प्रणोदन प्रणाली (Propulsion System) तैयार हुई है।
    • अंतरिक्ष मिशनों के लिए आदर्श: यह उन अंतरिक्ष मिशनों के लिए आदर्श है जिनमें ‘हाई प्रोपेलेंट थ्रस्ट’ की आवश्यकता होती है।
    • प्रदर्शन: स्पंदन और निर्वात में स्थिर अवस्था, बाह्य अंतरिक्ष में अवशिष्ट प्रणोदक का प्रयोग, प्रणोदक प्राप्ति और TDF के तहत प्रणोदक प्रक्रिया की स्थापना।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.