हाल ही में वित्त मंत्री ने रक्षा क्षेत्र में डीप-टेक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए एक नई योजना शुरू करने की घोषणा की है।
डीप टेक (Deep Tech) क्या है?
डीप टेक का तात्पर्य उन्नत एवं अभूतपूर्व तकनीकों से है, जो अभी भी विकसित होने की प्रक्रिया में हैं।
इन प्रौद्योगिकियों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन लाने एवं भविष्य के लिए समाधान पेश करने की क्षमता है।
डीप टेक में नैनोटेक्नोलॉजी, जैव प्रौद्योगिकी, मैटेरियल साइंस, क्वांटम प्रौद्योगिकी, अर्द्धचालक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा विज्ञान, रोबोटिक्स एवं 3D प्रिंटिंग जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान शामिल हैं।
डीप टेक की विशेषताएँ
जटिलता: डीप टेक जटिल प्रौद्योगिकियों एवं अन्य वैज्ञानिक सिद्धांतों का उपयोग करता है।
समय एवं पैमाना: गहन प्रौद्योगिकी को मोबाइल ऐप एवं वेबसाइट जैसी उथली प्रौद्योगिकी विकास की तुलना में अधिक समय की आवश्यकता होती है। AI के विकास में दशकों लग गए लेकिन अभी भी यह पूर्ण नहीं है।
लाभ
वैश्विक चुनौतियों का शमन: उन्नत प्रौद्योगिकियाँ जलवायु परिवर्तन, भूख, महामारी, ऊर्जा पहुँच, परिवहन एवं साइबर सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान कर सकती हैं।
अर्थव्यवस्था का विकास: ये प्रौद्योगिकियाँ उत्पादकता को बढ़ावा दे सकती हैं, आर्थिक विकास को गति दे सकती हैं एवं भविष्य में नौकरियाँ उत्पन्न कर सकती हैं।
प्रतिस्पर्द्धात्मक बढ़त: तकनीकी क्षेत्रों में मजबूत आधार वाले देश प्रतिस्पर्द्धात्मक बढ़त हासिल कर सकते हैं।
चुनौतियाँ
अपर्याप्त फंडिंग: डीप टेक परियोजनाएँ अधिक समय लेने वाली और खर्चीली होती हैं इसलिए इसके लिए अधिक फंडिंग की आवश्यकता होती है।
डेटा की जटिलता: ये उन्नत तकनीकी परियोजनाएँ एल्गोरिदम का उपयोग करती हैं जो उच्च गुणवत्ता एवं जटिल डेटा पर निर्भर करती हैं। ऐसे डेटा को प्रबंधित करना एवं प्राप्त करना बहुत कठिन हो सकता है।
समय की कमी: नए वैज्ञानिक निष्कर्षों को ऐसे उत्पादों में परिवर्तित करना, जिन्हें लोग खरीद सकें, आमतौर पर नियमित नवाचारों की तुलना में अधिक समय लगता है, जिसके लिए लंबी अवधि में सावधानीपूर्वक योजना बनाने की आवश्यकता होती है।
प्रभाव
बाजार में व्यवधान: गहन तकनीक बाजार में आमूलचूल परिवर्तन ला सकती है एवं इस प्रकार मौजूदा बाजार स्थानों को बाधित कर सकती है, जिससे अर्थव्यवस्था, समाज एवं जीवन की आर्थिक स्थिति में बदलाव आ सकता है।
पूँजी: अनुसंधान एवं विकासात्मक गतिविधियों, प्रोटोटाइपिंग, परिकल्पनाओं को मान्य करना एवं गहन तकनीक में प्रौद्योगिकी विकास के लिए प्रारंभिक चरण में वित्तपोषण की आवश्यकता होती है जिससे अर्थव्यवस्था का पूँजीगत व्यय बढ़ जाएगा।
भारत सरकार की पहल
सरकार ने ‘नेशनल मिशन ऑन ट्रांसफॉर्मेटिव मोबिलिटी एंड बैटरी स्टोरेज’ (National Mission on Transformative Mobility and Battery Storage) एवं ‘नेशनल क्वांटम मिशन’ (National Quantum Mission) जैसी पहलों के माध्यम से अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के प्रयास शुरू किए हैं।
राष्ट्रीय डीप टेक स्टार्टअप नीति (National Deep Tech Startup Policy- NDTSP): इसका उद्देश्य दीर्घकालिक वित्तपोषण के अवसर, सरलीकृत बौद्धिक संपदा अधिकार, कर प्रोत्साहन, एक सहायक नियामक ढाँचा और उद्योग, अनुसंधान केंद्रों एवं शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग शामिल करना है।
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