संयुक्त राज्य अमेरिका के अलास्का राज्य में स्वास्थ्य अधिकारियों ने ‘अलास्का पॉक्स’ नामक वायरस से जुड़ी पहली ज्ञात मृत्यु की पहचान की है।
अलास्का पॉक्स के बारे में
यह एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है, जो ऑर्थोपॉक्स वायरस के कारण होता है, जिसे पहली बार वर्ष 2015 में फेयरबैंक्स, अलास्का में चिह्नित किया गया था।
प्रभाव: अब तक इस वायरस के 10 से भी कम मामले सामने आए हैं और ये सभी वोल्स (Voles) तथा छछूंदर जैसे छोटे स्तनधारियों के संपर्क से जुड़े हैं।
भौगोलिक प्रसार: यह पहली बार अलास्का के फेयरबैंक्स क्षेत्र में खोजा गया था, लेकिन हाल ही में केनाई प्रायद्वीप पर भी इसका संक्रमण देखने को मिला है।
लक्षण
चेहरे, हाथों, बाँहों पर, त्वचा पर घाव (फुंसियाँ /छाले)।
‘लिम्फ नोड्स’ में सूजन, जोड़ों/मांसपेशियों में दर्द, बुखार, सिरदर्द, थकान।
स्वस्थ लोगों में हल्का, कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में यह अधिक गंभीर हो सकता है।
प्रसार
अभी इसके प्रसार की प्रक्रिया का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सका है। हालाँकि यह संभवतः संक्रमित छोटे स्तनधारियों के काटने/खरोंच के माध्यम से होता है।
यह संभवतः घरेलू पालतू जानवरों द्वारा फैलता है, जो संक्रमित कृंतकों को खाते हैं।
मानव-से-मानव में संचरण का अभी तक कोई साक्ष्य नहीं है, लेकिन घावों के सीधे संपर्क के माध्यम से यह संभव है।
निदान एवं उपचार
कोई विशिष्ट उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है।
दर्द के लिए सहायक देखभाल, घाव की देखभाल, द्वितीयक संक्रमण को रोकना।
रोकथाम: रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र अनुशंसा करता है कि लोग वन्यजीवों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें और अपने हाथों को नियमित रूप से साफ करते रहें। जंगली कृंतकों और उनके आवासों के संपर्क से बचना।
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