हाल ही में दूरसंचार विभाग (DoT) ने ‘संगम: डिजिटल ट्विन‘ पहल (Sangam: ‘Digital Twin’ initiative) प्रारंभ की है।
‘संगम: डिजिटल ट्विन‘ पहल:
‘संगम: डिजिटल ट्विन‘ पहल प्रौद्योगिकी भौतिक संपत्तियों की वर्चुअल प्रतिकृतियाँ बनाकर एक समाधान प्रदान करती है।
डिजिटल ट्विन पहल को भारत के प्रमुख शहरों में दो चरणों के तहत लागू किया जाएगा।
पहला चरण ज्ञान सीमा की स्पष्टता के लिए अनुसंधान और क्षमता को सामने लाने के लिए रचनात्मक अन्वेषण है।
दूसरा चरण विशिष्ट उपयोग के मामलों के व्यावहारिक प्रदर्शन से संबंधित है, जो भविष्य का प्रारूप तैयार करता है।
रोडमैप
यह सहभागिता के माध्यम से भविष्य की बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में सफल रणनीतियों को बढ़ाने और दोहराने के लिए एक रोडमैप के रूप में कार्य कर सकता है।
सहभागी
यह उद्योग क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों, स्टार्टअप्स, एमएसएमई, शिक्षाविदों, नवप्रवर्तकों और दूरदर्शी विचारकों से रुचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित करने वाली एक अद्वितीय पहल है।
प्रौद्योगिकी के लाभ
यह सर्वश्रेष्ठ परिणामों को प्राप्त करने को लेकर परिवर्तनों को अनुकूलित करने के लिए प्रयोगात्मक दोहरावों और फीडबैक लूप के लिए रियल टाइम निगरानी, सतत् अनुकरण व विश्लेषण की अनुमति देती है।
यह पहल विजन- 2047 के लिए प्रयास कर रहे प्रौद्योगिकी युक्त युग में संचार, संगणना और संवेदन में पिछले दशक की सफलताओं की पृष्ठभूमि के साथ आती है।
यह प्रौद्योगिकी सार्वजनिक संस्थाओं, बुनियादी ढाँचा योजनाकारों, तकनीकी दिग्गज, स्टार्टअप्स व शिक्षाविदों की सामूहिक बुद्धिमत्ता के साथ 5G, आईओटी, एआई, AR/VR, AI , 6G, डिजिटल ट्विन और अगली पीढ़ी की कंप्यूटेशनल प्रौद्योगिकियों के संयोजन से बुनियादी ढाँचे की योजना व डिजाइन को नया आकार देने की दिशा में एक सहयोगात्मक प्रगति का प्रतीक है।
उद्देश्य:
‘संगम’ सभी हितधारकों को एक मंच पर लाता है, जिसका लक्ष्य अभिनव विचारों को मूर्त समाधानों में बदलना, परिकल्पना व कार्यान्वयन के बीच के अंतर को समाप्त करना और अभूतपूर्व बुनियादी ढाँचे की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करना है।
इसका उद्देश्य अभिनव बुनियादी ढाँचा नियोजन समाधानों के व्यावहारिक कार्यान्वयन को प्रदर्शित करना, तीव्र व अधिक प्रभावी सहयोग की सुविधा के लिए एक मॉडल ढाँचा विकसित करना और भविष्य का प्रारूप प्रदान करना है, जो आगामी बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में सफल रणनीतियों को बढ़ाने व उसे दोहराने के लिए एक रोडमैप के रूप में कार्य कर सकता है।
‘संगम’ पहल नवाचार के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का समर्थन करने के साथ हितधारकों से पारंपरिक सीमाओं से आगे जाकर एकीकृत डेटा और सामूहिक बुद्धिमत्ता का उपयोग करने का अनुरोध करती है।
वर्तमान भारतीय स्थिति
स्मार्ट बुनियादी ढाँचे की दिशा में वैश्विक प्रगति और भारत की भू-स्थानिक प्रगति ने प्रमुख वैश्विक हस्तियों के समान प्रगति को स्वीकार करते हुए डिजिटल बुनियादी ढाँचे और नवाचार में भारत के लिए नेतृत्व की स्थिति बनाई है।
भारत ने कंप्यूटेशनल प्रौद्योगिकियों, प्लेटफॉर्मों, सेवाओं और उच्च गति कनेक्टिविटी के क्षेत्र में प्रगति की है।
यह एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने के लिए कार्रवाई करने का आह्वान है, जो कुशल, प्रभावी और सतत् विकास के लिए सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा करने को लेकर तकनीकी प्रगति के मूल्य को अधिकतम करता है।
डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना से संबंधित अन्य पहल
डिजिलॉकर (DigiLocker)
डिजिलॉकर प्रोग्राम एक डिजिटल लॉकर है, जो भारतीय नागरिकों को अपने दस्तावेजों को ऑनलाइन स्टोर करने और साझा करने में सक्षम बनाता है। यह आधार, पैन (PAN) और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों को स्टोर करने तथा उन्हें अभिगम्य करने का एक सुरक्षित एवं सुविधाजनक तरीका प्रदान करता है।
डिजियात्रा (DigiYatra):
यह हवाई यात्रियों को एक सहज और सुगम यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई डिजिटल पहल है।
इस पहल का उद्देश्य भौतिक संपर्क को कम करने और यात्रियों को संपर्क-रहित यात्रा अनुभव प्रदान करने हेतु डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाना है।
UPI एक मोबाइल भुगतानप्रणाली है, जो मोबाइल डिवाइस का उपयोग करके बैंक खातों के बीच तत्काल फंड ट्रांसफर को सक्षम बनाता है।
इसने भारत में डिजिटल भुगतान परिदृश्य को रूपांतरित कर दिया है और पूरे देश में डिजिटल भुगतान को अपनाने की सुविधा प्रदान की है।
भारतनेट (BharatNet):
भारतनेट कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के सभी गाँवों को हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ना है। यह एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य ‘डिजिटल डिवाइड’ को दूर करना है और डिजिटल अवसंरचना के लाभों को ग्रामीण भारत तक पहुँचाना है।
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