हाल ही में भारत और पेरू के बीच पेरू के लीमा शहर में ‘मुक्त व्यापार समझौते’ के लिए वार्ता के छठे सत्र का आयोजन किया गया।
संबंधित तथ्य
भारत और पेरू के बीच व्यापार समझौते के लिए पहली बातचीत वर्ष 2017 में शुरू हुई। अगस्त वर्ष 2019 तक पाँच दौर की चर्चाएँ आयोजित की गईं।
हालाँकि वैश्विक स्तर पर कोविड-19 महामारी के प्रसार कारण दोनों देशों के बीच वार्ता बाधित हो गई थी।
पेरू के बारे में
पेरू दक्षिण अमेरिका में एक राष्ट्र है।
राजधानी: लीमा
सीमावर्ती देश: यह उत्तर में इक्वाडोर और कोलंबिया, पूर्व में ब्राजील, दक्षिण-पूर्व में बोलीविया, दक्षिण में चिली और दक्षिण और पश्चिम में प्रशांत महासागर से घिरा है।
प्रमुख उत्पादक: लीथियम, सीसा, जस्ता, सोना, ताँबा और चाँदी।
ध्यातव्य है कि अर्जेंटीना, चिली और बोलीविया मिलकर लीथियम त्रिकोण बनाते हैं।
उद्देश्य
द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना।
सेवा क्षेत्र से जुड़े व्यापार को बढ़ावा देना।
व्यापार बाधाओं को कम करते हुए सहयोग को बढ़ावा देकर भारत और पेरू के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाना।
भारत और पेरू व्यापार समझौते पर बातचीत का प्रभाव
संभावित सकारात्मक प्रभाव
संभावित नकारात्मक प्रभाव
निर्यात में वृद्धि: भारतीय वस्तुओं पर कम टैरिफ से दवाइयों (Pharmaceuticals) और वाहन जैसी वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा मिल सकता है।
कच्चे माल तक पहुँच: ताँबे और सोने जैसे पेरू के बहुमूल्य संसाधनों तक आसान पहुँच से उत्पादन लागत में कटौती हो सकती है।
निवेश आकर्षित करना: मैत्रीपूर्ण व्यापार पेरू के निवेशकों को आकर्षित कर सकता है, जिससे तकनीकी हस्तांतरण और बुनियादी ढाँचे का विकास हो सकता है।
रोजगार सृजन: अधिक व्यापार और निवेश का मतलब भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अधिक रोजगार का सृजन हो सकता है।
आयात से प्रतिस्पर्द्धा: भारतीय उद्योगों को पेरू के सस्ते उत्पादों के सामने संघर्ष करना पड़ सकता है।
रोजगार: ऑटोमेशन और प्रतिस्पर्द्धा के कारण कुछ क्षेत्रों में नौकरियों में कटौती हो सकती है।
पर्यावरण संबंधी चिंताएँ: उचित नियमों के बिना तेज व्यापार वृद्धि पर्यावरण को हानि पहुँचा सकती है।
भारत-पेरू संबंधों के बारे में
भारत और पेरू के बीच मार्च 1963 में राजनयिक संबंधों की स्थापना की गई।
दोनों ने कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जैसे- सीमा शुल्क सहयोग समझौता, नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग और रक्षा सहयोग समझौता।
वाणिज्यिक संबंध
वित्तीय वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार $3,291.64 मिलियन का रहा।
भारत और पेरू के बीच व्यापार में व्यापक प्रगति देखने को मिली है। यह वर्ष 2003 में $66 मिलियन से बढ़कर वर्ष 2023 में लगभग $3.68 बिलियन तक पहुँच गया है।
पेरू को भारत का मुख्य निर्यात: ऑटोमोबाइल, पॉलिएस्टर, मोटरसाइकिल और सूती धागे, फार्मास्यूटिकल्स, लोहा और प्लास्टिक उत्पाद, इस्पात उत्पाद, रबर, तेल और गैस उद्योग के लिए पाइप और टायर का निर्यात।
पेरू से भारत में आयात: सोना, ताँबा, सिंथेटिक फिलामेंट्स, कैल्शियम फॉस्फेट, ताजे अंगूर, और अन्य वस्तुएँ।
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