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‘ब्रह्मा-2D’: एक स्वदेशी नदी मॉडल (‘Brahma-2D’: An indigenous river model)

Samsul Ansari December 25, 2023 12:28 162 0

संदर्भ

एक स्वदेशी नदी मॉडल ब्रह्मा-2D या (Braided River Aid: Hydro-Morphological Analyzer) को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के ब्रह्मपुत्र बोर्ड तथा IIT गुवाहाटी के शोधकर्ताओं द्वारा मिलकर विकसित किया गया है।

संबंधित तथ्य

  • इस मॉडल का ब्रह्मपुत्र नदी के माजुली द्वीप के पास सफलतापूर्वक सत्यापित/प्रमाणित  किया गया है।
  • इस शोध के निष्कर्षों को ISH जर्नल ऑफ हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग में प्रकाशित किया गया हैं तथा इसे प्रतिष्ठित ‘ISH जल विज्ञान पुरस्कार’ (ISH जर्नल में सर्वश्रेष्ठ पेपर) 2023 भी प्राप्त हुआ हैं।

ब्रह्मपुत्र नदी

  • उद्गम स्थल: इसका उद्गम तिब्बत में कैलाश पर्वत के निकट  मानसरोवर झील से होता है और यहाँ इसे यारलुंग त्संगपो (Yarlung Tsangpo) के नाम से जाना जाता है।
  • यह एक सीमा-पार नदी है जो 3 देशों,  तिब्बत (चीन), भारत, और बांग्लादेश से होकर गुजरती है।
  • प्रमुख सहायक नदियाँ
    • उत्तरी तट: सुबनसिरी, रोंगानादी, डिक्रोंग(Dikrong), बुरोई, बोरगोंग, जिया भारली, धनसिरी (उत्तर), पुथिमारी, मानस, बेकी, आइ(Aie) तथा सोनकोश।
    • दक्षिणी तट: नोडेहिंग (Noadehing), बुरिदेहिंग (Buridehing), डेसांग, डिक्हौ (Dikhow), भोगदोई, धनसिरी (दक्षिण), कोपिल्ली, कुलसी, कृष्णाई, धधनोई (Dhdhnoi) और जिंजिरान।

माजुली द्वीप

  • माजुली का अर्थ है ‘दो समानांतर नदियों के बीच की भूमि’। यह असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर स्थित है। 
  • यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मीठे पानी का नदी द्वीप है जो व्यापक नदी तट कटाव से ग्रस्त है।
  • इस  द्वीप का निर्माण दक्षिण में ब्रह्मपुत्र नदी और उत्तर में सुबनसिरी नदी के संयोजन द्वारा होता है, जिसमें ब्रह्मपुत्र नदी  की एक उपशाखा खेरकुटिया कुटी(Kherkutia Xuti) भी शामिल है।
  • यह असमिया नव-वैष्णव संस्कृति का प्रमुख केंद्र भी है। वर्ष 2016 में यह भारत में जिला बनने वाला पहला द्वीप बन गया है।

ब्रह्मा-2D के बारे में

  • यह एक अर्द्ध-3D नदी प्रवाह गणितीय मॉडल (Quasi-3D river flow mathematical model) है।
  • उद्देश्य: नदी के अंदर विभिन्न गहराइयों में जल की गति और दिशा के अध्ययन और विश्लेषण के लिए तथा इसके साथ ही ब्रह्मपुत्र जैसी बड़ी गुंफित(Braided) नदियों के लिए स्पर्स (Spur) (जो नदी किनारे के कटाव को रोकने के लिए स्थापित की गई हो) के आसपास  जल के वेग और संचलन को समझने के लिए उपयोग किया जा सकता है। 
  • नदी में पानी की गति और गहराई का अध्ययन न केवल नदी प्रबंधन के लिए बल्कि जलीय प्रजातियों, विशेष रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों के आवास की उपयुक्तता को समझने के लिए भी महत्त्वपूर्ण है (आवश्यक गहराई और प्रवाह वेग की उपलब्धता के आधार पर)।
  • अनुप्रयोग
    • इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि नदी में अलग-अलग गहराई पर पानी कितनी तेजी से बहता है। 
    • यह फील्ड इंजीनियरों को स्पर्स (Spurs), रेवेटमेंट (Revetment) और अन्य नदी तट सुरक्षा उपायों जैसी टिकाऊ हाइड्रोलिक संरचनाओं को डिजाइन करने के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।
    • यह मॉडल नदी तट के कटाव को नियंत्रित करने के लिए भू-अभियांत्रिकी तरीकों को डिजाइन करने में मदद करेगा।

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