100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

गाजा, भारत के बदले हुए विश्व दृष्टिकोण का एक नया संकेतक (Gaza, a new indicator of India’s changed world view)

Samsul Ansari December 16, 2023 05:34 173 0

नोट : प्रस्तुत लेख The Hindu में प्रकाशित “Gaza, a new pointer to India’s changed world view” पर आधारित है।

सन्दर्भ:

  • यह आलेख बदलती भू-राजनीतिक गतिशीलता के लिए रणनीतिक स्वायत्तता और गुटनिरपेक्षता की प्रतिबद्धता से विकसित होती भारत की विदेश नीति (इजरायल और फिलिस्तीन पर विशेष जोर देने के साथ) को व्यक्त करता है।
  • वर्तमान में चल रहे इज़राइल-गाजा संघर्ष पर भारत का रुख उसकी विदेश नीति के हालिया विकास का एक आकर्षक चित्र प्रकट करता है।

  • प्रारंभिक परीक्षा: अब्राहम समझौता, I2U2 और IMEC।
  • मुख्य परीक्षा: भारत की विकसित होती विदेश नीति तथा इज़राइल और फिलिस्तीन के साथ भारत के संबंध।

ऐतिहासिक संदर्भ:

  • विउपनिवेशीकरण के ख़िलाफ़: भारत विउपनिवेशीकरण के लिए आवाज़ उठाने वाला एक अग्रणी देश था।
  • पश्चिम विरोधी देश के रूप में गलत धारणा: साम्राज्यवाद और रंगभेद के खिलाफ भारतीय नैतिकता को अक्सर पश्चिमवाद-विरोधी के रूप में देखा जाता है।
    • अधिकांश मामलों में, भारत ने स्वयं को यूएसएसआर के साथ और पश्चिम के खिलाफ पाया, जबकि लोकतंत्र और विविधता के साथ विश्वास और निष्ठा, पश्चिम में उदारवादियों के समान थे।

भारत-इजरायल संबंध:

  • उग्रवाद के शिकार: भारत और इज़रायल दोनों के इस्लामी उग्रवादियों के रूप में समान शत्रु हैं, और दोनों स्व-घोषित पवित्र योद्धाओं के आतंकवादी हमलों को सहन कर रहे हैं।
  • सहयोग में वृद्धि: भारत और इज़रायल के मध्य सुरक्षा और खुफिया सहयोग में वृद्धि देखि जा सकती है। इन राष्ट्रों के मध्य धीरे-धीरे राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध गहरे होते गए।
    • इजरायल, भारत के लिए रक्षा उपकरण और खुफिया सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया।
  • संबंधों की मजबूती: हाल के वर्षों में भारत-इजरायल संबंध काफी मजबूत हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी इज़रायइल की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने और श्री नेतन्याहू ने दो बार भारत की यात्रा की है।
  • हालाँकि, जब वास्तव में इज़रायल की स्थापना हुई, तो भारत ने विधिवत मान्यता प्रदान की, लेकिन चार दशकों से अधिक समय तक संबंधों को कांसुलर स्तर पर बनाए रखा और 1992 में संबंधों को राजनयिक स्तर पर अपग्रेड किया गया।
  • हमास के हमले के दौरान भारत का रुख: इस हमले में भारत, इजराइल के साथ दृढ़ता से खड़ा है।

भारत-फिलिस्तीन संबंध:

  • फिलिस्तीन के विभाजन के खिलाफ: भारत ने 1947 में संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के पूर्व ब्रिटिश जनादेश क्षेत्र को दो राज्यों, इज़रायल और फिलिस्तीन में विभाजित करने के खिलाफ मतदान किया।
  • अपने स्वयं के क्षेत्र के विभाजन के शिकार के रूप में भारत ने इसका पक्ष नहीं लिया और फिलिस्तीन में यहूदियों तथा अरबों दोनों के लिए एकल धर्मनिरपेक्ष राज्य के लिए तर्क प्रस्तुत किया। हालाँकि, इसे खारिज कर दिया गया था।
  • फिलिस्तीन मुक्ति संगठन (PLO) को मान्यता: भारत 1974 में पीएलओ को मान्यता देने वाला और 1988 में औपचारिक रूप से फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने वाला पहला गैर-अरब देश बन गया।
  • द्वि-राष्ट्र समाधान का समर्थक: भारत द्वि-राष्ट्र समाधान का समर्थक है, जो फिलिस्तीनियों और इजरायलियों से अपनी भूमि पर सुरक्षा एवं सम्मान के साथ रहने का आह्वान करता है।
  • इज़रायल-हमास संघर्ष के दौरान भारत का रुख: भारत ने “इज़रायल के साथ शांतिपूर्वक सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर रहने वाले फिलिस्तीन के एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य राज्य की स्थापना के लिए सीधी वार्ता की बहाली” का समर्थन किया।
  • मानवीय संघर्ष विराम के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में मतदान : इससे पहले भारत ने इस आधार पर मतदान से बचने की कोशिश की कि प्रस्ताव आतंकवादी हमलों की निंदा करने में विफल रहा था।
    • लेकिन बाद में, भारत पहली बार संघर्ष में तत्काल मानवीय युद्धविराम पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने वाले बहुमत में शामिल हो गया।

समूहीकरण पर भारत के रणनीतिक निर्णय:

  • अब्राहम समझौते के साथ संबद्धता: भारत ने अब्राहम समझौते के बाद मध्य पूर्व की भू-राजनीति के पुनर्निर्देशन के साथ स्वयं को संबद्ध किया।
  • I2U2: “I2U2” (भारत, इज़राइल, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका) में शामिल हुआ।
  • IMEC: हाल ही में, भारत ने IMEC (भारत-मध्य पूर्व-यूरोप-आर्थिक गलियारा) की घोषणा की।
    • यह एक भारत-मध्य पूर्वी आर्थिक सहयोग पहल है, जिसका व्यापारिक मार्ग भारत से सऊदी अरब होते हुए इज़रायली बंदरगाह हाइफ़ा तक जाएगा।

  • मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न (UPSC 2018 GS Paper 2) : “भारत के इज़राइल के साथ संबंधों ने हाल में एक ऐसी गहराई एवं विविधता प्राप्त कर ली है, जिसकी पुनर्वापसी नहीं की जा सकती है।” विवेचना कीजिए।

 न्यूज स्रोत: The Hindu

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.