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Lokesh Pal
February 05, 2024 05:15
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यह लेख इस बात पर प्रकाश डालता है कि भारत में उच्च शिक्षा संस्थान, प्रणाली में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए मौजूदा शैक्षणिक कार्यक्रमों के साथ सूक्ष्म-साख (Micro-credential) का एकीकरण कर उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकते हैं।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: माइक्रो-क्रेडेंशियल्स के बारे में।
मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: सूक्ष्म प्रमाण-पत्र एवं इसका महत्त्व, चुनौतियाँ और आगे की राह। |
मैक्रो-क्रेडेंशियल्स के बारे में
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भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों को सामाजिक रूपांतरण के कारक के रूप में कार्य करना चाहिए और माइक्रो-क्रेडेंशियल्स को अपने रणनीतिक संस्थागत उद्देश्यों के एक महत्त्वपूर्ण अवयव के रूप में पेश करने पर विचार करना चाहिए I इसके लिए नियामकों और संस्थानों को स्पष्ट सत्यापन परीक्षण के माध्यम से मौजूदा शैक्षणिक कार्यक्रमों के साथ माइक्रो-क्रेडेंशियल्स को सुसंगत बनाने की दिशा में कार्य करना होगा।
News Source: The Hindu
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