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जलवायु परिवर्तन के कारण परागण प्रक्रिया में परिवर्तन

Lokesh Pal February 22, 2024 06:22 106 0

संदर्भ

जलवायु परिवर्तन के कारण पौधों के जीवन चक्रों (Plant Cycles) एवं परागणक व्यवहार (Pollinator Behavior) में एक महत्त्वपूर्ण असंतुलन स्थापित हो रहा है।

  • परागणक व्यवहार (Pollinator Behavior) का फेनोलॉजी (Phenology) और पौधों के अन्य लक्षणों पर कई प्रभाव पड़ते हैं।

पौधों एवं परागणकों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

  • तापमान में वृद्धि के कारण प्रभाव
    • पौधे का तीव्र विकास: तापमान में वृद्धि के कारण महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं।
      • पौधों में समय से पहले फूल आना।
      • फल उत्पादन में कमी।

परागण (Pollination): यह परागकणों को परागकोश से एक ही फूल या अलग-अलग फूल के वर्तिकाग्र (Stigma) तक स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है।

स्वपरागण (Self pollination): इसमें परागकोषों से परागकणों को उसी फूल के वर्तिकाग्र तक या उसी पौधे द्वारा उत्पन्न किए गए किसी अन्य फूल के वर्तिकाग्र तक स्थानांतरित करना शामिल है।

  • यह प्रजातियों में अंतः प्रजनन को प्रेरित कर सकता है, विविधता को कम कर सकता है।

क्रास परागण (Cross Pollination): इसमें एक पौधे के फूल से दूसरे पौधे के फूल के वर्तिकाग्र तक परागकणों का स्थानांतरण शामिल है। इसे जेनोगैमी (Xenogamy) भी कहा जाता है।

  • यह पौधे में जीन मिश्रण और नए लक्षण को बढ़ावा देता है।

      • खराब गुणवत्ता या कम नेक्टर उत्पादन: नेक्टर उत्पादन कम होने से परागणकों के लिए खाद्य स्रोत कम हो सकते हैं, जिससे उनकी आबादी में तेज गिरावट हो सकती है।
    • UV-विकिरण (UV-Radiation) के कारण: UV-विकिरणों के कारण फूलों का रंग बदल जाता है जिससे परागणकों के लिए पौधों पर परागण के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ कम हो जाती हैं।
  • सेल्फिंग सिंड्रोम (Selfing Syndrome) के कारण प्रभाव
    • परागणकों में कमी के कारण, जो क्रास-परागण में मदद करता है, के परिणामस्वरूप उन्हें स्व-परागण करना पड़ता है, जिससे विविधता में भी कमी आती है।
    • फूल वाले पौधों के प्रजनन में बदलाव: प्रजनन विकास पर्यावरणीय परिवर्तनों जैसे निवास स्थान के विनाश से उत्पन्न हो सकता है।

  • परागणकों की गिरावट का पारिस्थितिकी तंत्र प्रभाव
    • यह कुछ पौधों की प्रजातियों को असंगत रूप से प्रभावित कर सकता है।
  • आक्रामक प्रजातियों के प्रसार के कारण प्रभाव: परागणकों को पारंपरिक प्रजातियों से दूर ले जाता है।
  • जैव विविधता प्रभाव: प्रजातियों के स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव बढ़ रहे हैं और जैव विविधता एवं पारिस्थितिक संपर्क पर इसके विविध प्रभाव पड़ रहे हैं।
  • कार्बन डाइऑक्साइड में वृद्धि के कारण प्रभाव: जो परागणकों की घटनाओं में परिवर्तन के कारण पौधों के उत्पादों की पोषण गुणवत्ता को परिवर्तित कर देता है।

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