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क्रायोजेनिक इंजन CE20 का मानवीय मूल्यांकन

Lokesh Pal February 23, 2024 06:36 128 0

संदर्भ 

ISRO ने गगनयान मिशन के लिए क्रायोजेनिक इंजन CE20 का मानवीय मूल्यांकन (Human Rating) सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

संबंधित तथ्य 

  • ISRO द्वारा अपने क्रायोजेनिक इंजन CE20 के लिए मानवीय मूल्यांकन करना गगनयान मिशन के अगले चरण के लिए अतिआवश्यक था, जो गगनयान मिशन के लिए मानवयुक्त LVM3 प्रक्षेपण यान के क्रायोजेनिक चरण (Cryogenic Stage) में सहायक होगा।
    • मानवीय मूल्यांकन (Human Rating) से तात्पर्य उस प्रणाली के मूल्यांकन से है जो अंतरिक्ष में चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
    • मिशन के लिए आवश्यक मानवीय मूल्यांकन के परीक्षणों में प्रदर्शन परीक्षण (Demonstration Test), सहनशक्ति परीक्षण (Endurance Test) और प्रदर्शन मूल्यांकन (Performance Assessment) शामिल है।
  • मानवयुक्त HLVM3 रॉकेट में क्रू निकास प्रणाली, क्रू मॉड्यूल और ऑर्बिटल मॉड्यूल शामिल हैं।
    • क्रू निकास प्रणाली (Crew Escape System- CES): यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि लॉन्च पैड या मिशन के पहले चरण के दौरान किसी भी तरह की आपात स्थिति में चालक दल को सुरक्षित रखा जा सके।
    • ऑर्बिटल मॉड्यूल (Orbital Module): यह पृथ्वी की परिक्रमा करेगा, जिसमें क्रू मॉड्यूल (Crew Module -CM) और सर्विस मॉड्यूल (Service Module -SM) शामिल हैं।
      • आर्बिटल माड्यूल (Orbital Module) पर्याप्त मानवीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के साथ ही अत्याधुनिक एवियोनिक्स प्रणाली (Avionics System) से लैस है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)

  • स्थापना: ISRO की स्थापना वर्ष 1962 में डॉ. विक्रम साराभाई के सुझावों पर शुरुआत में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (Indian National Committee for Space Research -INCOSPAR) के रूप में की गई थी।
  • प्राथमिक भूमिका: अंतरिक्ष आधारित संचालन, अंतरिक्ष अनुसंधान, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग और संबंधित प्रौद्योगिकियों में विकास कार्य करना आदि।
  • ISRO से संबद्ध अनुसंधान संस्थाएँ 
    • विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम (Vikram Sarabhai Space Centre)
    • तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र, तिरुवनंतपुरम (Liquid Propulsion Systems Centre)
    • राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला, तिरुपति (National Atmospheric Research Laboratory)
    • अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, अहमदाबाद (Space Applications Centre )
    • भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अहमदाबाद (Physical Research Laboratory)

क्रायोजेनिक इंजन CE20

  • क्रायोजेनिक इंजन: यह रॉकेट के इंजन के रूप में कार्य करता है, जो क्रायोजेनिक ईंधन और ऑक्सीडाइजर (Oxidizer) का उपयोग करता है। ये दोनों तरलीकृत गैस हैं जिन्हें बहुत कम तापमान पर रखा जाता है।
  • प्रयुक्त ईंधन: इसमें आमतौर पर तरल ऑक्सीजन (LOX- Liquid Oxygen) का उपयोग किया जाता है जो -183 डिग्री सेल्सियस पर द्रवीभूत होता है, तथा तरल हाइड्रोजन (LH2- Liquid Hydrogen) का उपयोग किया जाता है, जो -253 डिग्री सेल्सियस पर द्रवीभूत होता है।
    • LH2 ईंधन के रूप में तथा LOX ऑक्सीडाइजर के रूप में कार्य करता है, जो हाइड्रोजन के साथ विस्फोटक रूप से प्रतिक्रिया करता है।
  • उपयोग का चरण: ये बेहतर प्रणोदन प्रणाली हैं, जिनकी पेलोड क्षमता अधिक है तथा इसका उपयोग रॉकेट के अंतिम चरणों में किया जाता है।
  • अन्य क्रायोजेनिक इंजन: ISRO ने पिछले कुछ वर्षों में तीन क्रायोजेनिक इंजनों का उपयोग किया है- KVD-1, CE-7.5 और CE-20
    • CE-7.5 और CE-20 भारत द्वारा निर्मित है, हालाँकि CE-7.5 की संरचना KVD-1 पर आधारित है, जिसका आयात भारत ने सोवियत संघ से 1980 के दशक की शुरुआत में किया था।

क्रायोजेनिक इंजन का महत्त्व 

  • उच्च पेलोड की क्षमता: ऐसे इंजन रॉकेटों को बड़े पेलोड ले जाने में सक्षम बनाते हैं, जो उपग्रह स्थापित करने और अंतरग्रहीय अन्वेषण सहित अन्य जटिल मिशनों के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  • उन्नत प्रणोदन (Advanced Propulsion): क्रायोजेनिक ईंधन की दक्षता अधिक है क्योंकि ठोस ईंधन की तुलना में तरल ईंधन से प्रणोदक की क्षमता बढ़ जाती है।
  • तकनीकी उपलब्धि: यह ISRO के लिए एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि अब तक केवल छह देशों ने ही क्रायोजेनिक इंजन का विकास किया है, वे हैं अमेरिका, फ्राँस (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी), रूस, चीन, जापान और भारत

गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission)

  • परिचय: यह भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है। इस अंतरिक्ष मिशन में दो महत्त्वपूर्ण मानवरहित मिशन और एक मानवयुक्त मिशन होगा।
    • तीन सदस्यीय भारतीय दल को सात दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
  • उद्देश्य: चालक दल के तीन सदस्यों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने और उन्हें बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में सुरक्षित वापस लाने की क्षमता प्रदर्शित करना।
  • प्रक्षेपण यान: प्रक्षेपण यान MARK-3 (LVM3)
  • महत्त्व: इस मिशन के बाद भारत अंतरिक्ष में मानव भेजने वाला चौथा देश (रूस, अमेरिका और चीन के बाद) बन जाएगा।

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