इजरायली परिवहन मंत्री ने लाल सागर के व्यापारिक मार्ग को छोड़ने के लिए एक नए वैकल्पिक मार्ग की घोषणा की।
संबंधित तथ्य
लैंडब्रिज समझौता: इजरायल की ‘ट्रकनेट’ नामक कंपनी ने दुबई या बहरीन के बंदरगाहों को जोड़ने वाले सऊदी अरब और जॉर्डन से गुजरने तथा हाइफा बंदरगाह तथा साथ ही मिस्र (जहाँ से माल को भेजना यूरोप तक भेजा जा सकता है) तक पहुँचने के लिए अमीरात की ‘प्योरट्रांस’ और दुबई पोर्ट-ऑपरेटिंग कंपनी के साथ एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए।
नए महाद्वीपीय मार्ग: इसी के समान एक अन्य मार्ग ‘भारत-मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा’ (India Middle East Europe Economic Corridor) भी है, जो मुंबई बंदरगाहों को मध्यपूर्व के देशों के माध्यम से ग्रीस से जोड़ता है।
नया मार्ग
प्रस्तावित नया मार्ग मुख्य रूप से एक भूमि गलियारा है, जिसे पहली बार वर्ष 2020 में ‘अब्राहम एकार्ड’ समझौते के दौरान प्रस्तावित किया गया था।
भारत की भूमिका: इस प्रस्तावित मार्ग से भारत के जुड़ने पर इसे भारत के पश्चिमी बंदरगाहों से जोड़कर एक मल्टी मोडल प्रकृति मिल जाएगी।
मार्ग: यह गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से शुरू होकर संयुक्त अरब अमीरात के दुबई के जेबेल अली बंदरगाह तक समुद्री मार्ग और फिर स्थलीय मार्ग से सऊदी अरब और जॉर्डन से होते हुए इजरायल एवं आगे मिस्र तक जाता है।
ट्रक-आधारित: भूमि परिवहन का एक बड़ा हिस्सा ट्रकों के माध्यम से पूर्ण किया जाएगा, जो ट्रकों को दो शिपिंग कंपनियों, इजरायल की ‘ट्रकनेट’ और यूएई के ‘प्योरट्रांस’ द्वारा संचालित किया जाएगा।
महत्त्व
पारगमन समय: समुद्री मार्गों की तुलना में यात्रा का समय 80% कम होने का अनुमान है।
राजस्वउत्पादन: नया मार्ग इजरायल के लिए लागत में कटौती के अलावा परिवहन शुल्क के माध्यम से सऊदी अरब और जॉर्डन के लिए राजस्व उत्पन्न करेगा।
समुद्री व्यापार का विकल्प: यह उच्च मानकों और प्रतिस्पर्द्धी मूल्य निर्धारण द्वारा एक सुरक्षित एवं कुशल महाद्वीपीय वैकल्पिक मार्ग प्रदान कर सकता है।
शिपिंग समय: इसके माध्यम से परिवहन का समय 10 दिन कम हो जाएगा, जहाँ स्थलीय मार्ग से माल उतारने और ट्रकों पर लोड करने में सिर्फ चार दिन लगेंगे।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार की सुरक्षा: लाल सागर में ईरान समर्थित हूती (Houthi) विद्रोहियों के हमलों ने व्यापार के लिए शिपिंग और बीमा लागत में काफी वृद्धि की है, जो वैश्विक व्यापार सुरक्षा और रिजिलियेंस में बाधा उत्पन्न कर रही है।
लाल सागर संकट (The Red Sea Crisis)
गाजा के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में इजरायल से जुड़े वाणिज्यिक जहाजों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया जाता है, जो अक्टूबर वर्ष 2023 से लगातार इजरायली सैन्य अभियान के तहत प्रभावित हुए हैं।
स्थान: लाल सागर स्वेज नहर के माध्यम से हिंद महासागर को भूमध्य सागर से जोड़ता है।
संकट
वैश्विक व्यापार का लगभग 12% हिस्सा लाल सागर से होकर गुजरता है, और इस संकट के कारण अंतर्राष्ट्रीय व्यापार बाधित हो गया है।
व्यापार की प्रकृति में परिवर्तन: व्यापार नए लंबे मार्गों पर स्थानांतरित हो रहा है, उदाहरण के लिए, अफ्रीका के दक्षिण में जाकर केप ऑफ गुड होप को पार करने लागत और समय दोनों बढ़ेंगे।
लाल सागर संकट प्रतिक्रिया: एक नए उद्योग समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद नाविकों को अब लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों पर यात्रा करने से इनकार करने का अधिकार है।
समझौते के बारे में: यह नाविक संघ के बीच वार्ता के माध्यम से किया गया समझौता है। इसमें इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन (International Transport Workers’ Federation- ITF) और वाणिज्यिक शिपिंग कंपनियाँ शामिल है, जिसे इंटरनेशनल बार्गेनिंग फोरम (International Bargaining Forum -IBF) के रूप में जाना जाता है।
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