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विश्व की सबसे बड़ी कृषि अनाज भंडारण योजना

Lokesh Pal February 26, 2024 05:51 200 0

संदर्भ

हाल ही में सरकार ने सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजनास्थापित करने की घोषणा की है।

प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS) 

  • PACS ग्राम स्तरीय सहकारी ऋण समितियाँ हैं।
  • ये राज्य स्तर पर राज्य सहकारी बैंकों (SCBs) की अध्यक्षता वाली त्रि-स्तरीय सहकारी ऋण संरचना में अंतिम कड़ी के रूप में कार्य करती हैं।
  • ये किसानों को ऋण वितरण में अंतिम मील कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं।
  • अल्पावधि ऋण: PACS के पास कम समय के भीतर न्यूनतम कागजी कार्रवाई के साथ ऋण अर्थात् फसल ऋण देने की क्षमता है।

 संबंधित तथ्य 

  • योजना के तहत 11 राज्यों में 11 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों में एक पायलट परियोजना की शुरुआत की गई है।
  • सरकार की योजना अगले पाँच वर्षों में 1.25 लाख करोड़ रुपये की लागत से 700 लाख मीट्रिक टन का भंडारण बुनियादी ढाँचा स्थापित करने की है।
    • इससे किसान अपनी उपज का भंडारण कर सकेंगे और अपनी जरूरत के हिसाब से सही समय पर बेच सकेंगे तथा बैंकों से ऋण प्राप्त करने में मदद कर सकेंगे।
  • गोदामों और अन्य कृषि बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिए अतिरिक्त 500 PACS की आधारशिला।
  • देश भर में 18,000 PACS के कंप्यूटरीकरण संबंधी एक परियोजना का भी उद्घाटन किया गया।

योजना का उद्देश्य एवं लाभ

डेटा सांख्यिकी: विश्व के कुल कृषि योग्य क्षेत्र (138 करोड़ हेक्टेयर) का 11% (16 करोड़ हेक्टेयर) भारत में है।

  • FAO सांख्यिकीय डेटा, 2021 के आधार पर,
    • भारत में कुल खाद्यान्न उत्पादन 311 MMT है और,
    • भारत में कुल भंडारण क्षमता केवल 145 MMT है, यानी 166 MMT खाद्य भंडारण की कमी है।
    • अन्य देशों में 131% अधिशेष भंडारण क्षमता है, जबकि भारत में 47% की कमी है।

भारत में अनाज भंडारण का विकेंद्रीकरण और PACS स्तर पर इसका लाभ

  • फसल कटाई के बाद के नुकसान को मौजूदा 6% से कम करना
    • इस विकेंद्रीकृत भंडारण से खाद्यान्न की बर्बादी कम होगी, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बढ़ेगी।
  • मल्टीपल हैंडलिंग और परिवहन लागत में भारी कमी
    • यह दृष्टिकोण खरीद केंद्रों, गोदामों और FPS के बीच परिवहन लागत को कम करता है।
  • किसानों द्वारा कम दरों पर संकटपूर्ण विक्रय की रोकथाम
    • किसानों के पास संकटपूर्ण विक्रय से बचने के विकल्प होंगे, जिससे बेहतर कीमतें मिलेंगी।
  • भारतीय खाद्य निगम/राज्य सरकार द्वारा विकेंद्रीकृत खरीद
    • राज्य एजेंसियों/भारतीय खाद्य निगम (FCI) के लिए खरीद केंद्र के रूप में कार्य करना।
    • उचित मूल्य की दुकानों (FPS) के रूप में कार्य करना।
    • नाबार्ड के सहयोगात्मक प्रयास और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) के नेतृत्व में PACS गोदामों को खाद्यान्न आपूर्ति शृंखला के साथ एकीकृत करना।
  • भंडारण आधारितहबऔरस्पोकमॉडल
    • कस्टम हायरिंग सेंटरों की स्थापना।
    • सॉर्टिंग, ग्रेडिंग और अन्य के लिए सामान्य प्रसंस्करण इकाइयाँ बनाना।
  • मौजूदा योजनाओं का अभिसरण 
    • यह योजना कृषि अवसंरचना निधि (AIF), कृषि विपणन अवसंरचना योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत खाद्यान्न आवंटन, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद संचालन आदि जैसी विभिन्न पहचानी गई योजनाओं के अभिसरण में मदद करती है।

‘संपूर्ण-सरकारी’ रणनीति अपनाते हुए यह योजना PACS की गतिविधियों में विविधता लाकर और किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें मजबूत करती है।

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