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सरोगेसी अधिनियम 2022 में संशोधन

Lokesh Pal February 26, 2024 06:44 127 0

संदर्भ 

केंद्र सरकार ने सरोगेसी अधिनियम 2022 (Surrogacy Rules) में संशोधन किया है, जिसके आधार पर दंपति सरोगेसी के लिए दाताओं के युग्मक (Gametes) का उपयोग कर सकते हैं।

संबंधित तथ्य 

  • युग्मक स्रोत का लचीलापन (Gamete Source Flexibility): केंद्र सरकार ने सरोगेसी विनिमय अधिनियम, 2022 (Surrogacy Regulation Rules) को संशोधित किया है तथा अधिसूचित किया है कि यदि दंपति किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो सरोगेसी की प्रक्रिया में उनके युग्मकों का उपयोग करना आवश्यक नहीं है।
  • दंपति युगल की आवश्यकता: अधिनियम में संशोधन के अनुसार, दंपति सरोगेसी के माध्यम से बच्चा पैदा कर सकते हैं, लेकिन इच्छुक दंपति युगल में से कम-से-कम किसी एक का युग्मक (Gamete) होना चाहिए।
  • एकल महिलाओं की आवश्यकता: विधवा या तलाकशुदा एकल महिलाओं को सरोगेसी प्रक्रियाओं का लाभ उठाने के लिए स्वयं का युग्मक और दाता के शुक्राणु का उपयोग करना होगा।

सरोगेसी नियम 2022 (Surrogacy Rules)

सरोगेसी नियम के तहत एक पंजीकृत चिकित्सालय में सरोगेसी संबंधी आवेदन, तरीके, आवश्यकताएँ और योग्यता का प्रावधान किया जाता है।

सरोगेसी (Surrogacy)

  • सरोगेसी एक संविदात्मक प्रक्रिया है, जिसके तहत महिला वास्तविक पिता के शुक्राणु के साथ कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से बच्चे को अपने गर्भ में रखती एवं जन्म देती है, तत्पश्चात् बच्चे को उचित कानून के अनुसार अधिकार प्रदान किया जाता है।

सरोगेसी के प्रकार

  • परोपकारी सरोगेसी (Altruistic Surrogacy): जब महिला संतान प्राप्ति की आवश्यकता के लिए सहानुभूतिपूर्वक संबंधित दंपति के बच्चे को अपने गर्भ में धारण करती है।
  • वाणिज्यिक सरोगेसी (Commercial Surrogacy): जब महिला को अपने गर्भ में बच्चा धारण करने के लिए पैसे का भुगतान किया जाता है, तो इसे वाणिज्यिक सरोगेसी माना जाता है।

भारत में सरोगेसी: सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी विनिमय अधिनियम, 2021 (Assisted Reproductive Technology Regulation Act)

  • सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी विनिमय अधिनियम, 2021 के अनुसार, उन सभी प्रक्रियाओं को सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (ART) के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें किसी अन्य व्यक्ति के शुक्राणु या अंडाणु (Oocyte) को ‘सरोगेट मदर’ के प्रजनन अंग में स्थानांतरित करके गर्भाधारण करवाया जाता है।
  • इस अधिनियम के तहत पंजीकृत ART चिकित्सालयों (Assisted Reproductive Technology Clinics) और ART बैंकों को नियंत्रित किया जाता है।
  • इस अधिनियम का लाभ विवाहित जोड़ों, लिव-इन पार्टनर्स (live-in Partners), एकल महिलाएँ और विदेशियों को मिलता है।
  • सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (ART) प्रक्रिया के अंतर्गत युग्मक दान (Gamete Donation), अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (Intrauterine Insemination), और इन-विट्रो निषेचन (In-vitro Fertilization-IVF) शामिल हैं।

सरोगेसी विनियम अधिनियम, 2021

  • परिभाषा: यह एक संविदात्मक प्रक्रिया है, जिसमें महिला इच्छुक दंपति के बच्चे को जन्म देती है तथा जन्म के बाद बच्चे को संबंधित दंपति को सौंप देती है।
  • ऐसे व्यक्ति या दंपति जो विशिष्ट मानदंडों के अंतर्गत आते हैं, वे चिकित्सीय कारणों से सरोगेसी की सहायता ले सकते हैं।
    • 35 से 45 वर्ष की विधवा या तलाकशुदा महिलाएँ तथा कानूनी रूप से विवाहित जोड़े इस प्रक्रिया के लिए योग्य हैं।
  • भारत में कानूनी रूप से व्यावसायिक सरोगेसी प्रतिबंधित है, जिसके उल्लंघन पर 10 साल तक का कारावास और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

भारत में सरोगेसी संबंधी कानून 

  • भारत में कानूनी तौर पर वाणिज्यिक सरोगेसी (Commercial Surrogacy) प्रतिबंधित है।
  • इच्छुक दंपति जो बाँझपन से पीड़ित हैं, वे परोपकारी सरोगेसी (Altruistic Surrogacy) का लाभ ले सकते हैं।
  • सरोगेट बच्चे का अधिकार (Rights of Surrogate child): सरोगेसी प्रक्रिया के माध्यम से जन्मे बच्चे को इच्छित दंपति का जैविक बच्चा माना जाएगा तथा उसे प्राकृतिक रूप से जन्मे बच्चे की तरह प्रत्येक अधिकार प्राप्त होंगे।
  • गर्भपात पर प्रतिबंध: सरोगेसी के किसी भी चरण में निर्धारित शर्तों को छोड़कर गर्भपात कराना कानूनी अपराध है।

सरोगेट माता की पात्रता के लिए मानदंड (Eligibility Criteria for surrogate mother)

  • दंपति का कोई करीबी रिश्तेदार सरोगेसी की प्रक्रिया के लिए इच्छुक होना चाहिए।
  • एक विवाहित महिला जिसका अपना बच्चा हो।
  • महिलाओं की आयु 25 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • कोई भी महिला अपने जीवनकाल में केवल एक बार ही सरोगेट बन सकती है।
  • सरोगेसी के लिए संबंधित महिला के पास चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक अनुकूलता का प्रमाण-पत्र होना चाहिए।
  • यदि किसी महिला ने सरोगेसी प्रक्रिया के माध्यम से बच्चा प्राप्त किया है, तो वह अपने युग्मक का उपयोग किसी अन्य सरोगेसी के लिए नहीं कर सकती है।

भारत में सरोगेसी संबंधी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रावधान

  • वाणिज्यिक सरोगेसी (Commercial Surrogacy): नए अधिनियम के अनुसार, भारत में वाणिज्यिक सरोगेसी एक गैर-जमानती अपराध है, जिसके लिए 10 साल तक का कारावास और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • सरोगेसी हेतु पात्रता
    • दंपति के रूप में भारतीय पुरुष और महिला होने चाहिए।
    • कानूनी रूप से विवाहित होना चाहिए।
    • निर्धारित आयु वर्ग के अंदर।
    • दंपति को कोई जीवित जैविक, गोद लिया हुआ या सरोगेट बच्चा नहीं होना चाहिए।
    • सरोगेसी हेतु आवश्यक चिकित्सीय मानदंड होना चाहिए।
    • इच्छुक महिला (Intending Woman): गर्भधारण करने वाली महिला निर्धारित आयु वर्ग के भीतर विधवा या तलाकशुदा होनी चाहिए।

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