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Lokesh Pal
March 02, 2024 04:03
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हाल ही में केंद्रीय मंत्री परिषद ने कूटनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण बारह खनिजों के लिए रॉयल्टी-दर (Royalty Rate) निर्धारित की है, उन खनिजों में बेरिलियम, कैडमियम, कोबाल्ट, गैलियम, इंडियम, रेनियम (Rhenium), सेलेनियम (Selenium), टैंटालम (Tantalum), टेल्यूरियम (Tellurium), टाइटेनियम, टंगस्टन और वैनेडियम शामिल हैं।
प्रावधान |
खान सह खनिज विकास एवं विनिमय अधिनियम, 1957 |
खान सह खनिज विकास एवं विनिमय संशोधन अधिनियम, 2023 |
निर्दिष्ट खनिजों के अन्वेषण हेतु लाइसेंस
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इस अधिनियम की सातवीं अनुसूची में सोना, चाँदी, ताँबा, कोबाल्ट, निकेल, सीसा, पोटाश और रॉक फॉस्फेट (Rock Phosphate) सहित 29 खनिजों को शामिल किया गया है, जिसके अन्वेषण हेतु लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है।
इस अधिनियम के तहत, कुछ खनिजों को परमाणु खनिजों के रूप में वर्गीकृत किया गया है-
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केंद्र सरकार द्वारा कुछ खनिजों की नीलामी | कुछ विशिष्ट परिस्थितियों को छोड़कर, नीलामियों के आयोजन और प्रबंधन की जिम्मेवारी राज्य सरकारों की होती है। | अधिनियम में प्रावधान दिया गया है कि केंद्र सरकार कूटनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिए लाइसेंस तथा खनन पट्टों के लिए नीलामी का आयोजन करेगी।
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अन्वेषण हेतु लाइसेंस के लिए प्रोत्साहन | कोई प्रावधान नहीं। | यदि अन्वेषण के माध्यम से संसाधनों की पुष्टि हो जाती है, तो अन्वेषण हेतु लाइसेंस के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करने के छह महीने के अंदर राज्य सरकार को खनन पट्टे की नीलामी आयोजित करनी होगी। लाइसेंस-प्राप्त संस्था द्वारा खोजे गए खनिज के खनन पट्टे की नीलामी से प्राप्त आय का एक हिस्सा संबंधित संस्था को दिया जाएगा। |
अन्वेषण हेतु लाइसेंस की वैधता | कोई प्रावधान नहीं। | इस अधिनियम के अंतर्गत, अन्वेषण के लिए पाँच साल का लाइसेंस प्रदान किया जाएगा। |
अनुमानित भंडार
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