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Lokesh Pal
March 14, 2024 06:08
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पिछले पाँच वर्षों (2017-2021) में रूस से भारत का हथियार आयात 64% से घटकर 45% हो गया है।
वर्ष 2018 और 2022 के दौरान भारत हथियारों की खरीद के लिए फ्राँस पर निर्भर रहा, जिससे फ्राँस भारत को हथियारों का दूसरा अग्रणी प्रदाता बन गया।
रूसी हथियारों पर निर्भरता कम होने से भारत की वार्ता शक्ति मजबूत हो सकती है।
लागत बचत और बेहतर दक्षता: फ्राँस जैसे अन्य आपूर्तिकर्ताओं के साथ प्रतिस्पर्द्धात्मक रूप से वार्ता करने की भारत की क्षमता से रक्षा खरीद में लागत बचत और बेहतर दक्षता प्राप्त हो सकती है।
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