हाल ही में मानव विकास सूचकांक (HDI) एवं लैंगिक असमानता सूचकांक (GII), 2022 जारी किए गए हैं।
संबंधित तथ्य
यह डेटा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की रिपोर्ट “ब्रेकिंग द ग्रिडलॉक: रीइमेजिनिंग कोऑपरेशन इन ए पोलराइज्ड वर्ल्ड” (Breaking the Gridlock: Reimagining Cooperation in a Polarized World) में प्रकाशित किया गया।
यह 2021-2022 मानव विकास रिपोर्ट के निष्कर्षों पर आधारित है, जिसमें लगातार दो वर्षों के दौरान वैश्विक HDI मूल्य में पहली बार गिरावट देखी गई।
मानव विकास सूचकांक (HDI), 2022
परिचय: पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक ने वर्ष 1990 में HDI को विकसित किया, जिसका उपयोग संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा देश के विकास को मापने के लिए किया जाता है।
जारीकर्ता: संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme -UNDP)
प्रतिभागी देश: 193 देश
प्रथम स्थान:स्विट्जरलैंड
अंतिम स्थान: सोमालिया
भारत की स्थिति
मानव विकास सूचकांक (HDI) में भारत की रैंकिंग वर्ष 2022 में एक स्थान के सुधार के साथ 193 देशों में से134वें स्थान पर पहुँच गई, जबकि वर्ष 2021 में भारत की रैंकिंग 191 देशों में से 135वें स्थान पर थी।
मानदंड: वर्ष 2022 में भारत ने सभी HDI संकेतकों में सुधार दर्शाया है।
जीवन प्रत्याशा,
शिक्षा
प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI)
जीवन प्रत्याशा 67.2 से बढ़कर 67.7 वर्ष हो गई है,
स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 12.6 तक,
स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष बढ़कर 6.57 हो गए
प्रति व्यक्ति GNI 6,542 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 6,951 अमेरिकी डॉलर हो गई।
भारत का स्कोर
वर्ष 2021 में अपने HDI स्कोर (0.633) में गिरावट के बाद और पिछले कुछ वर्षों में एक समान प्रवृत्ति के बाद, भारत का HDI स्कोर वर्ष 2022 में बढ़कर 0.644 हो गया है।
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में मानव विकास में उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है।
वर्ष 1990 के बाद से, जन्म के समय जीवन प्रत्याशा 9.1 वर्ष बढ़ गई है, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 4.6 वर्ष बढ़ गए हैं और स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष 3.8 वर्ष बढ़ गए हैं।
वर्ष 1990 और 2022 के बीच, देश में HDI स्कोर में 48.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो वर्ष 1990 में 0.434 से बढ़कर 2022 में 0.644 हो गई।
भारत की पड़ोसी देशों से तुलनात्मक स्थिति
भारत वर्ष 2021 की तुलना में एक स्थान ऊपर है लेकिन अभी भी बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान और चीन से पीछे है।
भारत के दक्षिणी पड़ोसी श्रीलंका को 78वाँ स्थान दिया गया है, जबकि चीन 75वें स्थान पर है, दोनों को उच्च मानव विकास श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है।
भारत, भूटान और बांग्लादेश से भी नीचे है, जो क्रमश 125वें और 129वें स्थान पर है।
भारत, भूटान और बांग्लादेश मध्यम मानव विकास श्रेणी में हैं।
नेपाल (146) और पाकिस्तान (164) को भारत से नीचे स्थान दिया गया है।
लैंगिक असमानता सूचकांक (GII), 2022
परिचय: GII तीन आयामों का उपयोग करते हुए लैंगिक असमानता का एक समग्र मानदंड है: प्रजनन स्वास्थ्य, सशक्तीकरण और श्रम बाजार।
जारीकर्ता: संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme -UNDP)
प्रतिभागी देश: 193 देश।
भारत की स्थिति
लैंगिक असमानता सूचकांक, 2022 में, भारत 0.437 स्कोर के साथ 193 देशों में से 108वें स्थान पर है।
यह GII-2021 की तुलना में GII-2022 में 14 रैंक की महत्त्वपूर्ण प्रगति दर्शाता है।
GII-2021 में 0.490 स्कोर के साथ 191 देशों में इसकी रैंक 122 थी।
हालाँकि, देश की श्रम बल भागीदारी दर में सबसे बड़ा लैंगिक अंतराल भी मौजूद है –
महिलाओं (28.3%) और पुरुषों (76.1%) के बीच 47.8 प्रतिशत का अंतर।
भारत का GII स्कोर – 0.437
प्रजनन स्वास्थ्य में भारत का प्रदर्शन मध्यम मानव विकास समूह या दक्षिण एशिया के अन्य देशों की तुलना में बेहतर है।
वर्ष 2022 में भारत की किशोर जन्म दर 16.3 (15-19 वर्ष की आयु की प्रति 1,000 महिलाओं पर जन्म) है।
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