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भारत में इलेक्ट्रिक वाहन नीति

Lokesh Pal March 20, 2024 05:00 178 0

संदर्भ:

सरकार की नई ई-वाहन नीति को इस क्षेत्र के संदर्भ में एक प्रमुख प्रोत्साहन के रूप में देखा जाता है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: FAME योजना, इलेक्ट्रिक वाहन, महत्वपूर्ण खनिज इत्यादि के बारे में ।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए शासन संबंधी नीतियाँ और हस्तक्षेप एवं  उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

ईवी बाजार में चीन का उदय

  • वर्ष 2023 में, चीन की BYD कंपनी एक वर्ष  में 3.2 मिलियन कारों के विक्रय द्वारा सबसे बड़ी EV विक्रेता बन गई।
  • कम लागत वाली चीनी ईवी के भारतीय बाजार में प्रवेश का खतरा बढ़ गया है ।
  • भारतीय प्रधानमंत्री और एलन मस्क की अमेरिका में हुई मुलाकात के तहत टेस्ला भारत में प्लांट स्थापित करने पर सहमत हो गया है I
  • टेस्ला द्वारा भारत सरकार से आयात शुल्क में छूट की माँग की गई थी, जिसके संबंध में सरकार द्वारा अंततः अपनी नई ईवी नीति में सहमति व्यक्त की गई ।

भारत के लिए टेस्ला की योजनाएँ:

  • वर्ष 2020 में टेस्ला वैश्विक रूप से सबसे बड़ी ईवी (EV-Electric vehicle) कंपनी थी, जिसने अमेरिका और यूरोपीय के बाजारों पर आधिपत्य स्थापित कर लिया था।
  • तत्पश्चात उनके द्वारा भारत में प्रवेश करने हेतु एक प्लांट साइट को अंतिम रूप देने और भर्ती शुरू करने की योजना बनाई गई ।
  • टेस्ला को इस बात की उम्मीद थी कि भारत ईवी पर 100% आयात शुल्क कम करेगा।
  • वर्ष 2021 में भारत सरकार द्वारा किसी एक कंपनी का पक्ष लेने से इनकार कर दिया गयाI
  • इसके बाद टेस्ला द्वारा उसके प्लांट को इंडोनेशिया में स्थानांतरित कर दिया गया ।

भारत की नई ईवी नीति

  • भारत को वैश्विक ईवी हब बनाने पर ध्यान केन्द्रित करना ।
  • इसके तहत भारत में निवेश के लिए वैश्विक ईवी कंपनियों को आकर्षित करने हेतु रियायतें प्रदान की जाती हैं।
  • 30% घरेलू घटकों के साथ 3 वर्ष के अन्दर  ₹4,150 करोड़ के निवेश द्वारा प्लांट शुरू करने वाली कंपनियों को 35,000 डॉलर से अधिक कीमत वाली कारों पर 15% आयात शुल्क लगता है।
    •  इससे संयंत्र स्थापित करने से पहले भारतीय बाजार की क्षमता का परीक्षण करने की अनुमति मिलने के कारण टेस्ला को लाभ प्राप्त होगा ।
    •  इससे टाटा और महिंद्रा जैसी घरेलू कंपनियाँ प्रभावित नहीं होंगी, क्योंकि उनकी कारों की  कीमत 20-25 हजार डॉलर की रेंज में हैं।
  • इससे चीनी कंपनियों को बाहर रखा गया है, क्योंकि उनकी कारों की कीमत 25 हजार डॉलर से कम है।

ईवी बैटरियों के संबंध में चीन का प्रभुत्व:

  • लिथियम बैटरी: ईवीएस (EVS) में लिथियम बैटरी सबसे महत्वपूर्ण घटक माना जाता है, जो इसकी लागत का 40% हिस्सा तय करता है।
  • विश्व की 55% से अधिक बैटरियों का उत्पादन करने वाली दो सबसे बड़ी लिथियम बैटरी कंपनियाँ चीन से हैं।
  • वैश्विक रूप से केवल 8% लिथियम खनन संपादन के बावजूद, दुनिया भर के 20 से अधिक लिथियम खदानों में चीन की हिस्सेदारी है।
  • ऑस्ट्रेलिया, जो सबसे बड़ा लिथियम उत्पादक देश है, चीन की रिफाइनिंग तकनीक के कारण ज्यादातर लिथियम चीन को निर्यात करता है।
  • इस क्षेत्र में चीन का प्रभुत्व, ईवी बैटरियों (लिथियम और कोबाल्ट) में उपयोग किए जाने वाले दुर्लभ पृथ्वी खनिजों (Earth minerals) पर उसके एकाधिकार के कारण है।

चीन की ईवी सब्सिडी और सुरक्षा चिंताएँ:

  • उच्च सब्सिडी: चीन द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कंपनियों को $57 बिलियन की महत्वपूर्ण सब्सिडी प्रदान की जाती है।
  • सुरक्षा संबंधी चिंताएँ: ईवी क्षेत्र में चीन का प्रभुत्व अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं और सुरक्षा पर इसके प्रभाव को लेकर चिंताएँ पैदा करता है।
    •  चीनी कंपनियों द्वारा जासूसी करने और चीन को डेटा भेजने के आरोपों से सुरक्षा संबंधी चिंताएँ उभर कर सामने आती हैं।

भारत की चुनौतियाँ:

  • आयात निर्भरता: भारत लिथियम की प्राप्ति हेतु 100% लिथियम के आयात पर निर्भर है और यह आयात ज्यादातर चीन से ही होता है ।
  • चार्जिंग सुविधाओं की कमी: भरता में ईवी की चार्जिंग सुविधाओं की कमी के कारण चिंता बनी रहती है (तुलनात्मक आँकड़ा: भारत में प्रति 199 कारों पर 1 स्टेशन बनाम अमेरिका में प्रति 23 कारों पर 1 स्टेशन)।
  • प्रतिस्पर्धा: MG जैसी चीनी स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा पहले से ही भारत में ईवी की बिक्री की जा रही हैं।

भारत को लाभ:

  • ईवी को सफलतापूर्वक अपनाना: भारत 2-व्हीलर और 3-व्हीलर ईवी के मामले में अग्रणी स्थिति में है, जिसे 4-व्हीलर ईवी (कार के क्षेत्र) में दोहराया जा सकता है।
  • भारत की उन्नत सॉफ्टवेयर क्षमताएँ 2-व्हीलर EVS की सफलता में योगदान करती हैं।
    • आयात का विविधीकरण: भारत द्वारा अर्जेंटीना में 5 लिथियम खदानों के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं ।
  • महत्वपूर्ण खनिजों के लिये घरेलू उत्पादन का लाभ उठाना:
    •  जम्मू-कश्मीर में लिथियम के बड़े भंडार की खोज की गई है ।
    •  चीन की ईवी बैटरी प्रभुत्व को चुनौती देने के संदर्भ में भारत में सोडियम-आयन बैटरी का उत्पादन शुरू किया जा चुका है।
  • नीति प्रोत्साहन: PLI योजना और फेम नीति ने भारत में ईवी कारों के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया  है।

News Source: ET

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