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पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान ‘पुष्पक’

Lokesh Pal March 22, 2024 05:43 259 0

संदर्भ

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान (RLV) से जुड़े अपने तीसरे मिशन को सफलतापूर्वक संचालित किया, जिसका नाम रामायण के प्रसिद्ध अंतरिक्ष यान के नाम परपुष्पकरखा गया।

संबंधित तथ्य

  • RLV-LEX-02 प्रयोग 
    • इसरो ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (ATR) में आयोजित शृंखला के दूसरे RLV लेक्स-02 लैंडिंग प्रयोग के माध्यम से पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान (RLV) प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
    • यह ऑफ-नोमिनल’ (Off-Nominal)  स्थिति से मुक्त होने के बाद रनवे पर सटीकता के साथ स्वायत्त रूप से उतरा।
    • मिशन को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) ने तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (LPSC) और इसरो जड़त्व प्रणाली इकाई (IISU) के साथ संयुक्त रूप से पूरा किया था।
    • पूर्व प्रयोग
      • इसरो ने RLV मिशन वर्ष 2016 में भी संचालित किया गया था।
      • वर्ष 2023 में RLV-LEX-01 मिशन पूरा होने के बाद, RLV-LEX-02 ने हेलीकॉप्टर के माध्यम से  ऑफ-नोमिनल’ (Off-Nominal) संबंधी प्रारंभिक स्थितियों से RLV की स्वायत्त लैंडिंग क्षमता का प्रदर्शन किया।
      • उद्देश्य: RLV को अधिक कठिन युद्धाभ्यास करने, क्रॉस-रेंज और डाउनरेंज दोनों को सही करने और पूरी तरह से स्वायत्त मोड में रनवे पर उतरने के लिए निर्मित किया गया था।
      • RLV-LEX-01 के अवलोकनों के आधार पर, उच्च लैंडिंग भार को सहन करने के लिए एयरफ्रेम संरचना और लैंडिंग गियर को मजबूत किया गया था।

इसरो

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का गठन 15 अगस्त, 1969 को किया गया था।  यह भारत की अंतरिक्ष एजेंसी है जो अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार का एक प्रमुख घटक है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न राष्ट्रीय आवश्यकताओं के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास और अनुप्रयोग करना है।
  • इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए, इसरो ने संचार, दूरदर्शन प्रसारण और मौसम संबंधी सेवाओं, संसाधनों की निगरानी और प्रबंधन; अंतरिक्ष आधारित नौसंचालन सेवाओं के लिए प्रमुख अंतरिक्ष प्रणालियों की स्थापना की है।
  • इसरो का मुख्यालय बेंगलूरु में स्थित है।
  • वर्तमान में एस. सोमनाथ इसके अध्यक्ष है।

  •  RLV ‘पुष्पक
    • RLV ‘पुष्पक को एक पूर्ण-रॉकेट, पूरी तरह से पुन: प्रयोज्यसिंगल-स्टेज-टू-ऑर्बिट ‘(SSTO) व्हीकल के रूप में डिजाइन किया गया हैI
    • जिसमें X-33, X-34 और DC-XA जैसे पिछले प्रयोगों के उन्नत तत्त्व शामिल हैं।
    •  व्हीकल में, एक ‘नोज कैप’, डबल डेल्टा विंग, दोहरी ऊर्ध्वाधर ‘टेल्स’ और एलिवॉन्स (Elevons) और रूडर (Rudder) नामक सक्रिय नियंत्रण सतह हैं।

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