सर्वोच्च न्यायालय ने स्थायी ऊर्जा लक्ष्यों के साथ ‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड’ के संरक्षण को संतुलित करने के लिए विशेषज्ञ पैनल का गठन किया है।
संबंधित तथ्य
सर्वोच्च न्यायालय ने 21 मार्च को ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए देश की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के साथ लुप्तप्राय ग्रेट इंडियन बस्टर्डपक्षी आबादी के संरक्षण और सुरक्षा को संतुलित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया।
उद्देश्य: इस पैनल का उद्देश्य राजस्थान और गुजरात में पक्षियों के लिए प्राथमिकता वाले स्थानों के रूप में पहचाने जाने वाले क्षेत्रों में भूमिगत और ओवरहेड विद्युत लाइनों का दायरा, सीमा और व्यवहार्यता निर्धारित करना होगा।
यह समिति सतत विकास लक्ष्यों और पक्षियों के संरक्षण को संतुलित करने के विकल्प तलाशेगी।
यह समिति अतिरिक्त प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान के लिए अतिरिक्त उपायों की सिफारिश कर सकती है।
समय सीमा: पैनल को 31 जुलाई या उससे पहले शीर्ष न्यायालय में अपनी रिपोर्ट दाखिल करनी है।
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
परिचय:
सामान्य नाम: ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
वैज्ञानिक नाम:अर्देओटिस नाइग्रिसेप्स (Ardeotis nigriceps)
जनसंख्या: विश्व में लगभग 200
ऊँचाई: लगभग 100 सेमी. या 1 मीटर
वजन: लगभग 15-18 किग्रा.।
संरक्षण स्थिति
भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची I
CITES: परिशिष्ट-I
IUCN रेड लिस्ट और राष्ट्रीय वन्यजीव कार्य योजना (2002-2016): गंभीर रूप से संकटग्रस्त (Critically Endangered)।
आवास
ऐतिहासिक रूप से, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पूरे पश्चिमी भारत में, 11 राज्यों के साथ-साथ पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में पाई जाती थी।
पहले इसकी सीमा उत्तर-पश्चिम में थार रेगिस्तान और प्रायद्वीपीय दक्कन का पठार था।
वर्तमान में इसकी अधिकतम आबादी राजस्थान और गुजरात तक ही सीमित है।
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा उठाए गएकदम
‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड’ के पर्यावास सुधार और संरक्षण प्रजनन हेतु एक एकीकृत दृष्टिकोण परियोजना के तहत राजस्थान के कोटा जिले में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के लिए एक संरक्षण प्रजनन केंद्र की स्थापना की जा रही है।
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में सूचीबद्ध किया गया है, जिसके अनुसार यह उच्चतम स्तर की कानूनी सुरक्षा प्राप्त करता है।
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के महत्त्वपूर्ण आवासों को उनकी बेहतर सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय उद्यान/अभयारण्य के रूप में नामित किया गया है।
सरकार ने ग्रेट इंडियन बस्टर्ड सहित वन्यजीवों पर विद्युत ट्रांसमिशन लाइनों और अन्य विद्युत ट्रांसमिशन संबंधी बुनियादी ढाँचे के प्रभावों को कम करने के लिए पर्यावरण अनुकूल उपाय सुझाने हेतु एक टास्क फोर्स का भी गठन किया है।
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