केरल में लगभग 400 बंदी हाथियों की ‘आनुवंशिक प्रोफाइलिंग’ जल्द ही शुरू होने वाली है।
संबंधित तथ्य
प्रोफाइलिंग का उद्देश्य: राज्यों के भीतर और उनके बीच बंदी हाथियों के स्थानांतरण पर नज़र रखने के लिए प्रोफाइलिंग की जाती है।
फोरेंसिक किट की आपूर्ति: हाथियों के विवरण को राष्ट्रीय डेटाबेस में एकीकृत करने के लिए प्रोफाइलिंग करने के लिए उत्तरदायी भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) ने केरल वन विभाग को फोरेंसिक किट की आपूर्ति की है।
प्रोफाइलिंग डेटाबेस: जानवरों की तस्वीर और ऊँचाई सहित उनके भौतिक विवरण, उनकी आनुवंशिक विशेषताओं के साथ डेटाबेस में दर्ज किए जाएँगे।
डेटा तक पहुँच: देश के सभी राज्य वन विभागों के अधिकारी संस्थान द्वारा विकसित एक मोबाइल एप्लीकेशन, गज सूचना के माध्यम से डेटा तक पहुँच स्थापित कर सकते हैं।
केरल में बंदी हाथियों की आबादी में गिरावट: केरल में प्रत्येक वर्ष लगभग 25 हाथियों की मौत के साथ, राज्य में बंदी हाथियों की आबादी घटकर 407 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई है।
केरल पहले बंदी हाथियों की सबसे बड़ी आबादी के लिए प्रसिद्ध था।
भारत में हाथियों की आनुवंशिक प्रोफाइलिंग की स्थिति: कुछ राज्यों में बंदी हाथियों की प्रोफाइलिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। अनुमान है कि देश में लगभग 3,000 बंदी हाथी हैं।
महत्त्व: डेटाबेस वैध स्वामित्व प्रमाण-पत्र के बिना जानवरों की पहचान करने में मदद करेगा।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का उद्देश्य जानवरों को स्थानांतरित करने की अवैध प्रथा पर अंकुश लगाना है। प्रोफाइलिंग से जानवरों का कल्याण सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी।
पर्यावरण मंत्रालय ने पहले ‘बंदी हाथी (स्थानांतरण या परिवहन) नियम, 2024’ जारी किया था।
जेनेटिक प्रोफाइलिंग
विशिष्ट डीएनए खंड और प्रोफाइलिंग: इस प्रक्रिया के अंतर्गत विशिष्ट डीएनए पैटर्न, जिसे प्रोफाइल कहा जाता है, किसी व्यक्ति या शारीरिक ऊतक के नमूने से प्राप्त किया जाता है।
मानव जीनोम के भीतर, डीएनए का एक अलग हिस्सा मौजूद होता है, जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए विशिष्ट होता है।
डीएनए नमूने का विखंडन: डीएनए नमूने को विखंडित करने और आकार के आधार पर इन टुकड़ों को अलग करने की प्रक्रिया के माध्यम से, प्रत्येक व्यक्ति के लिए डीएनए बैंड द्वारा विशेषता एक विशिष्ट प्रोफाइल उत्पन्न करना संभव हो जाता है।
STRs प्रोफाइलिंग के लिए तकनीक: डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए मौजूदा तकनीकों में से एक बहुरूपता का उपयोग करती है जिसे शॉर्ट टेंडेम रिपीट (STR) कहा जाता है।
STRs गैर-कोडिंग डीएनए के क्षेत्र हैं जिनमें समान न्यूक्लियोटाइड अनुक्रम की पुनरावृत्ति होती है।
जेनेटिक प्रोफाइलिंग के उपयोग
यह तकनीक आनुवंशिकी का निर्धारण करने अथवा जघन्य अपराधों में शामिल अपराधियों का पता लगाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
इसका उपयोग जीवों में वर्गीकरण उद्देश्यों के लिए विभिन्न प्रजातियों के मध्य तुलना करने के लिए भी किया जा सकता है।
Latest Comments