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Lokesh Pal
April 03, 2024 06:35
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हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act- PMLA) की दोषपूर्ण जाँच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED) को फटकार लगाई और कहा कि ED को शीघ्र और निष्पक्ष जाँच सुनिश्चित करने हेतु अपने निर्णयों का आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।
हालाँकि PMLA का दृष्टिकोण सकारात्मक हो सकता है, किंतु व्यक्तिगत स्वतंत्रता की उपेक्षा के लिए अनुसूची में छोटे, गैर-गंभीर अपराधों को शामिल करना, PMLA द्वारा मौलिक अधिकारों और कानून की उचित प्रक्रिया के अनुपालन पर सवाल उठाता है। PMLA को संवैधानिक सिद्धांतों और लोकाचार के अनुरूप लाने के लिए संशोधन की आवश्यकता है।
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