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Lokesh Pal April 08, 2024 05:00 139 0
वर्ष 2022 के दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिन्होंने एलोपैथी के खिलाफ बयान देकर लोगों के मध्य नकारात्मक धारणा पैदा कर दी थी।
निष्कर्षतः सरकार को भ्रामक दावों के मुद्दे को सख्ती से निपटाना चाहिए। पारंपरिक चिकित्सा और एलोपैथी को एक-दूसरे का विरोध करने के बजाय एक-दूसरे का पूरक बनना चाहिए, जिससे स्वस्थ भारत की प्रगति सुनिश्चित हो सके।
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