100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

हरित ऋण (Green Credit) कार्यक्रम

Lokesh Pal April 09, 2024 06:50 247 0

संदर्भ

10 राज्यों द्वारा 3,853 हेक्टेयर के करीब निम्नीकृत वन भूमि के खंड की पहचान की गई है, जिन्हें हरित ऋण अर्जित करने एवं संभावित रूप से व्यापार करने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

ग्रीन क्रेडिट क्या हैं?

  • यह एक अभिनव बाजार-आधारित तंत्र (Innovative Market-Based Mechanism) है, जिसके अंतर्गत व्यक्तियों, समुदायों, निजी क्षेत्र के उद्योगों एवं कंपनियों जैसे विभिन्न हितधारकों की भागीदारी से स्वैच्छिक पर्यावरणीय कार्यों (Voluntary Environmental Actions) को प्रोत्साहित किया जाएगा।

ग्रीन क्रेडिट को आठ प्रमुख क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है:

  • वृक्षारोपण, जल प्रबंधन, सतत् कृषि, अपशिष्ट प्रबंधन, वायु प्रदूषण में कमी, मैंग्रोव संरक्षण एवं पुनर्स्थापन, इको-मार्क लेबलिंग, टिकाऊ भवन तथा वास्तुकला।

संबंधित तथ्य

  • केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने अपने ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम (GCP) के लिए नियमों की घोषणा की, अकेले छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश में उपलब्ध वन भूमि का 40% तक हिस्सा है।

ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम

  • यह केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा दुबई में COP28 में पर्यावरण के लिए जीवन शैली (LiFe) आंदोलन के अनुरूप है।
  • प्रशासित: भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (ICFRE)।
  • उद्देश्य: प्रारंभिक चरण में जल संरक्षण एवं वनीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए निम्नीकृत बंजर भूमि पर वृक्षारोपण के माध्यम से हरित ऋण उत्पन्न करना।
  • विशेषताएँ
    • भूमि बैंक का निर्माण: पंजीकृत एवं अनुमोदित संस्थाएँ (व्यक्ति, समूह, सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की इकाइयाँ) निम्नीकृत वन एवं बंजर भूमि के विशिष्ट इलाकों में वनीकरण परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए भुगतान कर सकती हैं।
    • राज्य के वन विभाग वास्तविक वनीकरण करेंगे।
    • रोपण के दो वर्ष बाद एवं अंतरराष्ट्रीय वानिकी अनुसंधान तथा शिक्षा परिषद (ICFRE) द्वारा मूल्यांकन के बाद प्रत्येक रोपा गया पेड़ एक ‘हरित क्रेडिट’ के समान होगा।
    • ऑफसेटिंग तंत्र: कंपनियाँ भारत के प्रतिपूरक वनीकरण कानूनों के तहत अपने कुछ दायित्वों की पूर्ति के लिए इन ग्रीन क्रेडिट का उपयोग कर सकती हैं।
    • एक बाजार-आधारित दृष्टिकोण: कार्यक्रम केवल कार्बन उत्सर्जन में कटौती के अलावा, जल संरक्षण या मिट्टी में सुधार जैसे पर्यावरण-सकारात्मक कार्यों के लिए एक बाजार-आधारित प्रोत्साहन बनाता है।

ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम के संबंध में चिंताएँ

  • अधिक वन भूमि डायवर्जन का जोखिम बढ़ गया: कार्यक्रम उन्हें प्रतिपूरक वनीकरण गतिविधियों से जोड़कर भूमि बैंकों के निर्माण की सुविधा प्रदान करता है, जो वाणिज्यिक संस्थाओं को वन भूमि के अधिक डायवर्जन को सक्षम कर सकता है।
  • पैमाने की कोई अर्थव्यवस्था नहीं: सीमित संख्या में प्रतिभागियों के साथ अविकसित भारतीय बाजार खरीदारों एवं विक्रेताओं की संख्या में असंतुलन के कारण अकुशल लेनदेन का कारण बन सकता है।
  • बाजार में अस्थिरता: इससे ग्रीन क्रेडिट के मूल्य में उतार-चढ़ाव आएगा एवं परिणामस्वरूप व्यवसायों को अपने पर्यावरणीय निवेश से संबंधित अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ेगा।
    • यह कार्यक्रम की दक्षता को धीमा कर देगा, क्रेडिट प्राप्त करने एवं व्यापार से राजस्व प्राप्त करने में देरी उत्पन्न करेगा।
  • ग्रीनवॉशिंग का जोखिम: योजना के कुशल प्रशासन के लिए, दावों की निरंतर निगरानी एवं सत्यापन की गारंटी के लिए मजबूत नियमों की आवश्यकता है, जो अन्यथा केवल ग्रीनवॉशिंग का जोखिम होगा।
  • माप की कोई मानक इकाई नहीं: ग्रीन क्रेडिट प्रणाली में अभी तक माप की कोई मानक इकाई नहीं है।

प्रतिपूरक वनरोपण कानून (Compensatory Afforestation Law)

  • यह प्रदूषक वेतन सिद्धांत (Polluter’s Pay Principle) के आधार पर वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 [The  Forest (Conservation) Act, 1980] के तहत प्रशासित है। 
  • उद्देश्य: कानून किसी भी उद्योग या संस्थान को, जिसने गैर-वानिकी उद्देश्यों के लिए वन को नष्ट कर दिया है, वन अधिकारियों को गैर-वन भूमि के बराबर राशि प्रदान करने एवं इसके वनीकरण के लिए भुगतान करने हेतु बाध्य करता है।
  • प्रावधान
    • क्षतिपूर्ति जितना संभव हो सके वनों के नष्ट होने की लागत के बराबर दी जानी चाहिए।
    • अनुपलब्धता की स्थिति में, प्रतिपूरक वनारोपण के लिए ‘परती’ वन भूमि (आमतौर पर बहुत कम वृक्ष घनत्व वाली लेकिन आधिकारिक तौर पर वन के रूप में चिह्नित भूमि) की दोगुनी मात्रा भी उपलब्ध कराई जा सकती है।
    • शुद्ध वर्तमान मूल्य नियम (Net Present Value Rule): कंपनियों को वन पारिस्थितिकी तंत्र के मूल्य की भरपाई करने की भी आवश्यकता होती है, जिसे ‘शुद्ध वर्तमान मूल्य‘ कहा जाता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.