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Lokesh Pal April 10, 2024 06:26 212 0
हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को अपने उत्पादों की चिकित्सा प्रभावकारिता से संबंधित झूठे विज्ञापन जारी करने से रोक दिया एवं पूर्व में किए गए वादे को तोड़ने के लिए पतंजलि को अवमानना नोटिस जारी किया।
वर्ष 2019 का उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम किसी भी सामान या सेवा के लिए भ्रामक विज्ञापन को इस प्रकार परिभाषित करता है:
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