विशेषज्ञों के अनुसार ‘आधार आधारित‘ एज टोकन्स’ (Aadhaar-Based age Tokens) गोपनीयता समस्या का समाधान कर सकते हैं।
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (DPDP) अधिनियम, 2023 की धारा 9
परिचय: धारा 9 सभी ‘डेटा फिडुशियरी’ पर बच्चों के व्यक्तिगत डेटा को संसाधित करने से पहले माता-पिता की सत्यापन योग्य सहमति प्राप्त करने का दायित्व आरोपित करती है।
व्यवसायों द्वारा पुष्टि: किसी भी व्यक्तिगत डेटा को एकत्र करने से पहले, व्यवसायों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिस व्यक्ति से यह संबंधित है वह बच्चा है या नहीं।
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (DPDP) अधिनियम, 2023 की धारा 9 से संबंधित मुद्दे
प्रत्येक व्यक्ति की आयु का सत्यापन: ‘डेटा फिड्यूशरीज’ को प्रत्येक व्यक्ति की आयु का सत्यापन करना होगा जिसके साथ वे अंतर्संबंधित हैं।
पूरी तरह से ऑनलाइन दुनिया में, संघर्ष पैदा किए बिना और सलाह से अधिक व्यक्तिगत जानकारी उजागर किए बिना ऐसा करने का कोई तरीका नहीं है।
एल्गोरिदम के साथ लक्ष्यीकरण: डेटा व्यवसायों को नागरिकों के संबंध में कानूनी रूप से जानकारी एकत्र करने का एक अवसर प्राप्त हो जाएगा, जो किसी भी अन्य चीज से बेहतर, अपने एल्गोरिदम के साथ हमें विशिष्ट रूप से लक्षित कर सकता है।
गोपनीयता की रक्षा के समाधान
शून्य ज्ञान प्रमाण (ZKPs): शून्य ज्ञान प्रमाण (ZKPs) का उपयोग करना होगा, जो ‘क्रिप्टोग्राफिक कम्प्यूटेशनल’ तकनीकें हैं, जो व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा किए बिना गणितीय रूप से किसी दिए गए तथ्य की पुष्टि करती हैं।
शून्य ज्ञान प्रमाण उत्पन्न करना: हमें एक डिजिटल टोकन तैयार करना होगा, जिसे ZKP का उपयोग करके संसाधित करने पर यह पुष्टि हो जाएगी कि व्यक्ति किसी भी अन्य व्यक्तिगत जानकारी को साझा किए बिना निर्धारित आयु से ऊपर है।
आधार के माध्यम से सुरक्षा: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) प्रत्येक आधार धारक के लिए एक टोकन तैयार करेगा, जो उपयुक्त ZKP प्रणाली से गुजरने पर यह पुष्टि कर सकेगा कि उस टोकन का धारक निर्धारित आयु से ऊपर है या नहीं।
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