100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

परमाणु घड़ी: एक राष्ट्र एक समय

Lokesh Pal April 11, 2024 06:20 223 0

संदर्भ 

भारत की एकरूपता और राष्ट्रीय सुरक्षा में विस्तार हेतु भारतीय मानक समय (IST) के आधार पर सभी डिजिटल उपकरणों को एकीकृत करने के लिए भारत देश भर में परमाणु घड़ियों को स्थापित कर रहा है।

संबंधित तथ्य 

  • अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और कोरिया की अंतरिक्ष सस्थाओं के साथ भारतीय अंतरिक्ष संस्थान (ISRO) भी एक विशिष्ट समूह में शामिल हो जाएगा, जो स्वनिर्मित GPS उपग्रहों में रुबिडियम परमाणु घड़ी का उपयोग करता है।

  • इस घड़ी को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (Indian Regional Navigation Satellite System- IRNSS) के साथ उपयोग करने के लिए विकसित किया गया है।
    • IRNSS को नाविक (NavIC) के नाम से भी जाना जाता है, जिसका निर्माण कारगिल युद्ध के दौरान अमेरिकी सरकार द्वारा भारत को GPS की सुविधा प्रदान करने से इनकार करने के बाद किया गया है।
  • देश भर में परमाणु घड़ियों की तैनाती विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के संयुक्त तत्त्वावधान के अंतर्गत राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (National Physical Laboratory- NPL) द्वारा की जा रही है।
  • इसके तहत जून 2024 तक संपूर्ण भारत में एक राष्ट्र एक समय (One Nation One Time) सुनिश्चित किया जाएगा।

परमाणु घड़ी के प्रकार: सीजियम परमाणु घड़ी, हाइड्रोजन मसर (Hydrogen Maser) परमाणु घड़ी, रुबिडियम गैस सेल परमाणु घड़ी आदि।

भारत में परमाणु घड़ियाँ (Atomic Clocks in India )

  • वर्तमान में भारत के अंदर फरीदाबाद और अहमदाबाद में परमाणु घड़ियाँ स्थापित हैं।
  • नई दिल्ली में स्थित CSIR-NPL (Council of Scientific & Industrial Research- National Physical Laboratory) भारतीय मानक समय को बनाए रखने के लिए सीजियम और हाइड्रोजन मसर परमाणु घड़ियों का उपयोग करता है।
  • अब भुवनेश्वर, जयपुर और हैदराबाद में CSIR-NPL द्वारा परमाणु घड़ियाँ स्थापित की जा रही हैं।

सीजियम (55) और रुबिडियम (37) परमाणु

  • ये बहुत स्थिर हैं।
  • इन परमाणुओं की आवृत्ति विशिष्ट होती है, जिस पर इलेक्ट्रॉन कंपन करते हैं और इस आवृत्ति का उपयोग परमाणु घड़ियों के समय निर्धारण में किया जाता है।

परमाणु घड़ी (Atomic Clock)

  • परमाणु घड़ी समय मापने के लिए परमाणुओं के कंपन का उपयोग करती है।
    • इस घड़ी में समय को सटीकता से मापने के लिए क्वार्ट्ज क्रिस्टल ऑसिलेटर (Quartz Crystal Oscillator) को आमतौर पर सीजियम, हाइड्रोजन या रुबिडियम के परमाणुओं के साथ जोड़ा जाता है।
    • इस घड़ी में प्रयुक्त परमाणुओं की आवृत्ति (सटीक समय बनाए रखने के लिए लगातार आवृत्ति) के आधार पर समय को मापा जाता है।
  • इसका आविष्कार वर्ष 1955 में लुईस एसेन द्वारा किया गया था।
  • इस घड़ी की सटीकता सर्वोत्तम है, जो एक सेकंड के अरबवें हिस्से (Billionth of a Second) तक की गड़बड़ी को माप सकता है।
  • यह पारंपरिक क्वार्ट्ज घड़ियों की तुलना में अधिक स्थिर होती है।

कार्यप्रणाली 

  • सीजियम परमाणुओं के उपयोग के माध्यम से समय मापने के लिए परमाणु घड़ी ‘माइक्रोवेव कैविटी’ (Microwave Cavity) नामक उपकरण का प्रयोग करती है। माइक्रोवेव कैविटी एक कक्ष है, जो सीजियम वाष्प से भरा होता है, जिसके फलस्वरूप सीजियम परमाणु में कंपन होता है।
  • सीजियम परमाणु के कंपन के परिणामस्वरूप विशिष्ट आवृत्ति पर विकिरण उत्सर्जित होता है। इस आवृत्ति को यंत्र पर दर्ज किया जाता है, जिसकी तुलना मानक आवृत्ति से की जाती है। दो आवृत्तियों के बीच के अंतर का उपयोग घड़ी के समय को समायोजित करने के लिए किया जाता है।

परमाणु घड़ी का अनुप्रयोग: GPS, दूरसंचार नेटवर्क और वैज्ञानिक अनुसंधान आदि।

भारतीय मानक समय (Indian Standard Time- IST)

  • भारतीय मानक समय को पहली बार 1 सितंबर, 1947 को अपनाया गया था।
  • विशेषता: एक ही मानक समय क्षेत्र से संपूर्ण भारत का समय निर्धारित किया जाता है।
  • भारतीय मानक समय (IST) की गणना 82.5 डिग्री पूर्वी देशांतर के आधार पर की जाती है, जो मिर्जापुर (प्रयागराज, उत्तर प्रदेश) के करीब से गुजरती है।
  • IST को ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) से 5.5 घंटा आगे निर्धारित किया गया है।

नाविक (NAVIC)

  • भारतीय अंतरिक्ष सस्थान ISRO ने क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली स्थापित की है, जिसे नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन (NavIC) कहा जाता है, इसे पहले भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (Indian Regional Navigation Satellite System) के नाम से जाना जाता था।
  • उद्देश्य: देश में GPS की सुविधा, नेविगेशन और समय संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करना।
  • संचालन 
    • NavIC सुविधा के अंतर्गत 7 उपग्रहों का समूह है, जो पृथ्वी पर 24 x 7 संचालित होने वाले स्थलीय स्टेशनों के नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।
    • अंतरिक्ष में 3 उपग्रहों को भू-स्थैतिक कक्षा (Geostationary Orbit) में तथा 4 उपग्रहों को झुकी हुई भू-समकालिक कक्षा (Inclined Geosynchronous Orbit) में स्थापित किया गया है।

भारत में परमाणु घड़ियों के विकास के कारण

  • पहल की पृष्ठभूमि: कारगिल युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) की सुविधा प्रदान करने से इनकार के बाद इस पहल की शुरुआत की गई थी।
    • रक्षा, साइबर सुरक्षा और ऑनलाइन लेनदेन के लिए स्वतंत्र समय निर्धारक क्षमताओं को महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
  • तकनीकी आत्मनिर्भरता: भारत का लक्ष्य विदेशी परमाणु घड़ियों पर अपनी निर्भरता को कम करना है। स्वदेशी परमाणु घड़ियों के विकास के माध्यम से भारत अपने नेविगेशन प्रणाली को सुरक्षित रूप से नियंत्रित कर सकता है।
    • यह नियंत्रण राष्ट्रीय सुरक्षा और तकनीकी स्वायत्तता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
  • उन्नत सुरक्षा उपाय: आपात स्थिति या युद्धकालीन परिदृश्यों में संभावित खतरों के खिलाफ सुरक्षा को मजबूत करने के लिए परमाणु घड़ियों को ऑप्टिकल केबल के माध्यम से जोड़ने के प्रयास जारी हैं। यह पहल उपग्रह-आधारित समय विस्तार (Satellite-based Time Dissemination) का पूरक है।

अंतरिक्ष में भ्रमण के लिए परमाणु घड़ियों का उपयोग 

  • अंतरिक्ष यान की दूरी का निर्धारण: पृथ्वी से नेविगेटर के माध्यम से अंतरिक्ष में संकेत भेजा जाता है, जो पृथ्वी पर लौटता है जिस आधार पर अंतरिक्ष यान की दूरी निर्धारित की जाती है। इस संकेत प्रणाली की गति प्रकाश की गति के समान है।
  • प्रक्षेप पथ की गणना (To Calculate Trajectory): नेविगेटर अंतरिक्ष यान के प्रक्षेप पथ की गणना करने के लिए समय के साथ कई संकेतों का संचरण और मापन करता है।
    • यह प्रणाली अंतरिक्ष यान की वर्तमान स्थिति को निर्धारित करने तथा भविष्य में उसके पथ की भविष्यवाणी करने में सक्षम है।
  • सटीक समय: नेविगेटर को अंतरिक्ष यान की स्थिति निर्धारित करने के लिए अत्यधिक उच्च आवर्द्धक क्षमता वाली घड़ियों की आवश्यकता होती है।
    • ये घड़ियाँ एक सेकंड के अरबवें (Billionths of a Second) हिस्से को भी माप सकती हैं, फलस्वरूप लंबी अवधि के बाद भी समय की सटीक गणना सुनिश्चित की जा सकती है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.