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नियामक सैंडबॉक्स

Lokesh Pal April 13, 2024 06:13 194 0

संदर्भ

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने डिजिटल संचार क्षेत्र में नियामक सैंडबॉक्स  (Regulatory Sandbox) के माध्यम से नवीन प्रौद्योगिकियों, सेवाओं, उपयोग के मामलों और बिजनेस मॉडल को प्रोत्साहित करने पर अपनी सिफारिशें जारी की हैं।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI)

  • स्थापना: यह वर्ष 1997 में संसद के एक अधिनियम द्वारा अस्तित्व में आया, जिसे भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 कहा जाता है।
  • उद्देश्य: एक निष्पक्ष और पारदर्शी नीति वातावरण प्रदान करना, जो समान अवसर को बढ़ावा देता है और टैरिफ, इंटरकनेक्शन तथा सेवा गुणवत्ता के साथ-साथ प्राधिकरण के शासन सहित विषयों की एक विस्तृत शृंखला को कवर करने वाले निर्देश, आदेश और विनियम जारी करके निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा की सुविधा प्रदान करता है।
  • दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT): TDSAT की स्थापना एक लाइसेंसकर्ता और एक लाइसेंसधारी के बीच, दो या दो से अधिक सेवा प्रदाताओं के बीच, एक सेवा प्रदाता तथा उपभोक्ताओं के समूह के बीच किसी भी विवाद का निपटारा करने एवं ट्राई का कोई निर्देश, निर्णय या आदेश व अपीलों को सुनने और निपटान के लिए की गई थी।

संबंधित तथ्य

  • दूरसंचार विभाग ने ट्राई को पत्र लिखकर डिजिटल संचार उद्योग में नई सेवाओं, प्रौद्योगिकियों और व्यवसाय मॉडल के लिए एक नियामक सैंडबॉक्स ढाँचे के संबंध में अपनी सिफारिशों का अनुरोध किया।
  • इसके बाद ट्राई ने हितधारकों से प्रतिक्रिया आमंत्रित करते हुए एक परामर्श-पत्र (CP) प्रकाशित किया।
  • उद्देश्य: एक ऐसा वातावरण प्रदान करना, जिसमें नई तकनीकों, सेवाओं, उपयोग के मामलों और व्यवसाय मॉडल का लाइव नेटवर्क में परीक्षण किया जा सके, या मौजूदा कार्यों अथवा प्रक्रियाओं को परिष्कृत किया जा सके।
  • दूरसंचार विभाग ने उभरती नई रेडियो संचार प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों, आउटडोर परीक्षण/प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘स्पेक्ट्रम रेगुलेटरी सैंडबॉक्स’ (SRS) या ‘वाईटीई जोन (वायरलेस टेस्ट जोन)’ की स्थापना तथा संचालन के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।

नियामक सैंडबॉक्स (RS)

  • यह एक लाइव परीक्षण वातावरण को संदर्भित करता है, जहाँ दूरसंचार अधिनियम 2023 के प्रावधानों के अनुसार कुछ छूट के साथ, नए उत्पादों, सेवाओं, प्रक्रियाओं और व्यवसाय मॉडल को उपयोगकर्ताओं के सीमित समूह पर एक निर्दिष्ट अवधि के लिए तैनात किया जा सकता है।
  • उद्देश्य: सैंडबॉक्स नियामक, इनोवेटर्स, सेवा प्रदाताओं और ग्राहकों को फील्ड परीक्षण करने और नए उत्पाद नवाचारों के लाभों तथा जोखिमों पर साक्ष्य एकत्र करने की अनुमति देता है, जबकि उनके जोखिमों की सावधानीपूर्वक निगरानी एवं रोकथाम करता है।
  • यह प्रयोगशाला परीक्षण या पायलट के पारंपरिक तरीकों के विपरीत, दूरसंचार नेटवर्क और ग्राहक संसाधनों तक वास्तविक समय तक लेकिन विनियमित पहुँच को संभव बनाता है।
  • लाभ
    • वास्तविक समय पहुँच: इससे डिजिटल संचार उद्योग के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को वास्तविक नेटवर्क वातावरण और दूरसंचार नेटवर्क के अन्य डेटा तक पहुँच मिलने की उम्मीद है ताकि नए अनुप्रयोगों को बाजार में लाने से पहले उनकी विश्वसनीयता का परीक्षण करने में मदद मिल सके।
    • क्रॉस सेक्टर सहयोग: यह एक नियामक सैंडबॉक्स ढाँचा प्रदान करता है, जो विभिन्न डिजिटल संचार क्षेत्र की संस्थाओं को संरचित तरीके से एक साथ काम करने में सक्षम बनाता है।
    • स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देना: इनोवेशन और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए इनोवेटर्स, स्टार्टअप्स, दूरसंचार कंपनियों, सरकारी एजेंसियों और नियामकों के प्रयासों में तालमेल बिठाना।
    • उद्यमशीलता नवाचार: भारत में लाइव परीक्षण के लिए ऐसी रूपरेखा प्रदान करने से अधिक उद्यमियों को देश के साथ-साथ दुनिया के डिजिटल संचार उद्योग के लिए समाधान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
    • सामाजिक लाभ: ट्राई ने माना है कि अगर व्यापक पैमाने पर लागू किया जाए तो कुछ नवाचारों में डिजिटल विभाजन को पाटने और समाज के वंचित वर्गों में सामाजिक-आर्थिक लाभ पहुँचाने में सहायक  हो सकती है।

ट्राई की सिफारिशें

  • पात्रता: भारतीय कंपनियाँ या साझेदारी फर्म, सीमित देयता भागीदारी या एक शोध संस्थान जिन्होंने अपने उत्पादों/सेवाओं/अनुप्रयोगों का सीमित पूर्व परीक्षण किया है, नियामक सैंडबॉक्स परीक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • आवेदन में आवश्यकताएँ: आवेदकों को माँगी गई विनियामक छूट, प्रस्तावित जोखिम शमन सुरक्षा उपाय, सुझाए गए उपभोक्ता संरक्षण तंत्र और एक अच्छी तरह से परिभाषित निकास रणनीति का विवरण प्रदान करना होगा।
    • इसमें शामिल सरकारी एजेंसियों की ओर से जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, आवेदन मूल्यांकन प्रक्रिया को पूरा करने हेतु सख्त समय-सीमा प्रदान की गई है।
  • समय सीमा: अनुमति की वैधता 12 महीने तक की अवधि के लिए होगी, जिसमें अवधि को समाप्त करने और बढ़ाने का प्रावधान होगा।
  • निरीक्षण तंत्र: नियामक सैंडबॉक्स परीक्षण की निगरानी और मूल्यांकन करने के लिए एक पर्यवेक्षण निकाय का प्रस्ताव किया गया है ताकि आवश्यक सुधारात्मक उपाय किए जा सकें।
  • वित्तीयन: ट्राई ने सिफारिश की है कि योग्य नवाचारों को दूरसंचार अधिनियम, 2023 के खंड 25 (B), (C) और (D) के तहत नियामक सैंडबॉक्स फ्रेमवर्क के तहत परीक्षण के लिए वित्तपोषण सहायता प्राप्त करने पर विचार किया जा सकता है।

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