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प्लास्टिक ओवरशूट डे रिपोर्ट

Lokesh Pal April 15, 2024 06:27 367 0

संदर्भ

हाल ही में स्विस-आधारित रिसर्च कंसल्टेंसी ‘अर्थ एक्शन’ (Earth Action) द्वारा वर्ष 2024 की प्लास्टिक ओवरशूट डे रिपोर्ट (Plastic Overshoot Day Report) जारी की गई।

प्लास्टिक ओवरशूट दिवस

  • वर्ष 2024 के लिए, प्लास्टिक ओवरशूट दिवस 5 सितंबर को मनाया जाएगा, यह उस दिन को संदर्भित करता है जब प्लास्टिक कचरे की मात्रा प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों की क्षमता से अधिक हो जाती है।
    • यह देश के कुप्रबंधित अपशिष्ट सूचकांक (Mismanaged Waste Index- MWI) पर आधारित होता है अर्थात  कुप्रबंधित कचरे और कुल कचरे के अनुपात पर आधारित होता है।

वैश्विक स्तर पर संबंधित निष्कर्ष

  • वर्ष 2021 के बाद से वैश्विक प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन में 7.11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • अनुमान है कि दुनिया में इस वर्ष (2024) 220 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा पैदा होगा, जिसमें से 70 मिलियन टन पर्यावरण को प्रदूषित करेगा।
  • दुनिया के 60 प्रतिशत कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरे के लिए 12 देश जिम्मेदार हैं: चीन, भारत, रूस, ब्राजील, मैक्सिको, वियतनाम, ईरान, इंडोनेशिया, मिस्र, पाकिस्तान, संयुक्त राज्य अमेरिका एवं तुर्किए ।
  • प्लास्टिक कचरे के शीर्ष उत्पादक देश
    • बेल्जियम का वार्षिक अपशिष्ट उत्पादन प्रति व्यक्ति 147.7 किलोग्राम है।
    • कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरे के मामले में: वर्ष 2024 में प्रति व्यक्ति 111 किलोग्राम कुप्रबंधित प्लास्टिक के अनुमान के साथ ओमान इन देशों की सूची में सबसे ऊपर है।

 भारत के संदर्भ में निष्कर्ष

  • भारत 23 अप्रैल को अपना प्लास्टिक ओवरशूट दिवस मनाएगा।
  • भारत दुनिया के 60% कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरे के लिए जिम्मेदार 12 देशों में से एक है।
  • प्रति व्यक्ति प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन (प्रति वर्ष 8 किलोग्राम प्रति व्यक्ति) कम होने के कारण भारत को ‘कम अपशिष्ट उत्पादक’ (Low-Waste-Producing) प्रदूषक देश के रूप में वर्गीकृत करने वाली रिपोर्ट के बावजूद, भारत में वर्ष 2024 तक उच्च स्तर का कुप्रबंधित अपशिष्ट होने का अनुमान है।
    • कम खपत फिर भी उच्च स्तर के प्लास्टिक प्रदूषण का जिक्र करते हुए इसे ‘द वेस्ट स्पंज’ (The Waste Sponges) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • भारत को उम्मीद है कि वर्ष 2024 में कुप्रबंधित कचरा 7.4 मिलियन टन होगा, जो ‘बहुत अधिक’ है।
    • भारत का कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरा चीन के पाँचवें एवं अमेरिका के एक-तिहाई से भी कम होगा।
    • अनुमान है कि भारत पर्यावरण में औसतन 3,91,879 टन माइक्रोप्लास्टिक्स एवं जलमार्गों में 31,483 टन रासायनिक अपशिष्ट छोड़ता है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

भारत स्तर पर

  • प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016: इस नियम ने प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से कई उपायों की शुरुआत की।
    • इसने भारत में प्लास्टिक के प्रबंधन के लिए विस्तारित निर्माता जिम्मेदारी (EPR) की अवधारणा पेश की।

प्रमुख शब्दावली

  • प्लास्टिक क्रेडिट (Plastic credits): यह एक ऐसा तंत्र है, जो कंपनियों को पर्यावरण से प्लास्टिक कचरे को रोकने या हटाने एवं अधिक टिकाऊ विकल्पों के उपयोग को बढ़ाने वाली परियोजनाओं को वित्तपोषित या समर्थन करके अपने प्लास्टिक फुटप्रिंट  को ऑफसेट करने की अनुमति देता है।
    • प्लास्टिक ऑफसेटिंग (Plastic Offsetting): यह अवधारणा इस धारणा पर आधारित है कि कंपनियाँ एवं उपभोक्ता दोनों प्लास्टिक क्रेडिट प्राप्त करके अपनी प्लास्टिक खपत की भरपाई कर सकते हैं।
    • प्लास्टिक तटस्थता (Plastic Neutrality): इस शब्द का उपयोग उस स्थिति का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जहाँ एक कंपनी ने एक निर्दिष्ट अवधि में अपने संपूर्ण प्लास्टिक फुटप्रिंट को संतुलित करने के लिए पर्याप्त प्लास्टिक क्रेडिट प्राप्त किया है।


  • प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 और 2022
    • EPR पर दिशा-निर्देश चिह्नित एकल उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं के निषेध के साथ जुड़े हुए हैं।
      • नियम एकल-उपयोग प्लास्टिक के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगाते हैं।
      • प्लास्टिक कैरी बैग के लिए मोटाई संबंधी मानक: 30 सितंबर, 2021 से प्लास्टिक कैरी बैग की मोटाई 50 से बढ़ाकर 75 माइक्रोन कर दी गई। 31 दिसंबर, 2022 से इसे बढ़ाकर 120 माइक्रोन कर दिया गया।
  • देश में प्रभावी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करना।
    • ‘प्रकृति’ एक शुभंकर पहल है, जो केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा छोटे बदलावों के बारे में जनता के बीच अधिक जागरूकता फैलाने के लिए शुरू की गई थी, जिन्हें बेहतर पर्यावरण के लिए हमारी जीवनशैली में लगातार अपनाया जा सकता है।

वैश्विक स्तर पर

प्लास्टिक प्रदूषण खत्म करने के लिए

  • UNEA का संकल्प ‘प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करना: 175 देशों ने प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने एवं वर्ष 2024 तक एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता तैयार करने के लिए नैरोबी में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA-5) के प्रस्ताव का समर्थन किया है।
  • समुद्री पर्यावरण (INC-4) सहित प्लास्टिक प्रदूषण पर एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी रूप से बाध्यकारी उपकरण विकसित करने के लिए अंतर सरकारी वार्ता समिति का चौथा सत्र 23 से 29 अप्रैल, 2024 तक ओटावा, कनाडा में होने वाला है।

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