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केसरिया स्तूप

Lokesh Pal April 19, 2024 08:30 150 0

संदर्भ

हाल ही में बिहार सरकार ने केसरिया स्तूप को दुनिया भर में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में बढ़ावा देने के लिए एक पहल प्रारंभ की है।

संबंधित तथ्य

  • प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षणों की आठ छोटी प्रतिकृतियाँ केसरिया स्तूप को घेरेंगी।
  • ये पर्यटन स्थल हैं महाबोधि मंदिर, प्राचीन नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय, वैशाली का अशोक स्तंभ, विक्रमशिला विश्वविद्यालय, बाराबर गुफाएँ, सुजाता स्तूप, गुरपा हिल्स बौद्ध स्थल और विश्व शांति स्तूप।

केसरिया स्तूप के विषय में

  • केसरिया स्तूप एक महत्त्वपूर्ण बौद्ध स्मारक है।
  • यह दुनिया भर के बौद्धों के लिए एक तीर्थ स्थल भी है
  • अवस्थिति: केसरिया ग्राम , बिहार
  • महत्त्व
    • यह दुनिया के सबसे बड़े और ऊँचे बौद्ध स्तूप के रूप में जाना जाता है।
    • केसरिया स्तूप भारत की समृद्ध संस्कृति और धर्म का एक प्रमाण है।
      • यह बौद्ध धर्म, उसके मूल्यों और शिक्षाओं का प्रतीक है।
  • निर्माण काल: इस स्तूप का निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य साम्राज्य के तहत महान सम्राट अशोक के  द्वारा किया गया था।
  • कारण: इस स्तूप का निर्माण इसलिए किया गया था क्योंकि यहाँ भगवान बुद्ध ने अपना 22वाँ उपदेश दिया था।

विशेषताएँ 

प्रभावशाली ऊँचाई: यह स्तूप 104 फीट लंबा है, जो इसे दुनिया के सबसे ऊँचे बौद्ध स्मारक के रूप में मान्यता प्रदान करता है।

  • गोलाकार डिजाइन: इसे ईंटों, मिट्टी और चूने का उपयोग करके गोलाकार आकार में बनाया गया।
  • बाहरी सतह: सफेद प्लास्टर से ढकी हुई, जो इसकी भव्यता को बढ़ाती है।
  • वास्तुशिल्प विशेषताएँ
    • गुंबद और कक्ष: स्तूप में एक छोटे कक्ष के साथ एक ठोस अर्द्ध-गोलाकार गुंबद है।
      • ऐसा माना जाता है कि इसमें भगवान बुद्ध के अवशेष हैं।
    • हरमिका: यह एक छतरी जैसी संरचना से घिरा हुआ है, जिसे हरमिका कहा जाता है।
      • मुकुट को जटिल पत्थर की नक्काशी से सजाया गया है।
    • छत: स्तूप में छह छतें या परतें हैं, जिनमें बुद्ध की मूर्तियों के लिए छोटे कमरे हैं।
      • संरचना के शीर्ष पर एक विशाल बेलनाकार ड्रम है।
  • प्रवेश द्वार: स्तूप चार प्रवेश द्वारों से घिरा हुआ है।
    • इन प्रवेश द्वारों को बुद्ध के जीवन दृश्यों की नक्काशी से सजाया गया है।
  • घुमावदार सीढ़ी: स्तूप में, घुमावदार सीढियाँ हैं, जो स्तूप के शीर्ष तक जाती हैं।
    • इनकी संख्या 80 है और माना जाता है कि भिक्षुओं द्वारा इसका उपयोग स्तूप के चारों ओर चक्कर लगाने के लिए किया जाता था।

स्तूप के बारे में  

  • स्तूप मिट्टी और पत्थरों से बना एक टीला है।
  • इसमें सामान्यता बुद्ध के धार्मिक अवशेष और पवित्र वस्तुएँ रखी हैं।
    • इस स्थान का उपयोग ध्यान के लिए भी किया जाता है।
  • स्तूप के प्रकार   
    • अवशेष स्तूप: इसमें बुद्ध और उनके शिष्यों के अवशेष हैं।
    • वस्तु स्तूप: इसमें बुद्ध और उनके शिष्यों से संबंधित वस्तुएँ रखी गई हैं।
    • स्मारक स्तूप: यह स्तूप बुद्ध के जीवन की घटनाओं का प्रतीक है।
    • प्रतीकात्मक स्तूप: यह बौद्ध धर्म की शिक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है।

ब्रिटिश काल में केसरिया स्तूप की खोज 

  • कर्नल कॉलिन मैकेंजी का दौरा: कर्नल कॉलिन मैकेंजी, जो बाद में भारत के पहले सर्वेक्षक-जनरल बने, ने 1814ई. में केसरिया स्तूप का दौरा किया।
  • अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा उत्खनन: भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) के प्रथम प्रमुख अलेक्जेंडर कनिंघम ने 1861 में साइट के पास एक छोटे पैमाने पर खुदाई प्रारंभ की।
  • ASI उत्खनन: ASI ने वर्ष 1998 में केसरिया स्तूप में एक महत्त्वपूर्ण उत्खनन किया।

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