हाल ही में स्वीडन नासा के ‘आर्टेमिस समझौते’ (Artemis Accords) पर हस्ताक्षर करने वाला 38वाँ देश एवं स्लोवेनिया 39वाँ देश बन गया।
संबंधित तथ्य
वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और जापान समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले अग्रणी अंतरिक्ष यात्री देश हैं।
आर्टेमिस समझौता (Artemis Accords)
नासा ने अमेरिकी विदेश विभाग के साथ समन्वय में, सात अन्य संस्थापक सदस्य देशों के साथ मिलकर वर्ष 2020 में आर्टेमिस समझौते की स्थापना की।
यह समझौता संयुक्त राज्य अमेरिका और हस्ताक्षरकर्ता देशों द्वारा पंजीकरण कन्वेंशन, बचाव और वापसी समझौते के साथ-साथ नासा और उसके सहयोगियों द्वारा समर्थित सर्वोत्तम प्रथाओं तथा मानदंडों के प्रति प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करता है।
उद्देश्य
आर्टेमिस समझौते का उद्देश्य बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण अन्वेषण और उपयोग के लिए दिशा-निर्देश स्थापित करना है।
यह समझौता वर्ष 1967 की बाह्य अंतरिक्ष संधि में प्रमुख दायित्वों को सुदृढ़ और कार्यान्वित करता है।
यह समझौता संयुक्त राज्य अमेरिका और हस्ताक्षरकर्ता राष्ट्रों द्वारा पंजीकरण कन्वेंशन, बचाव और वापसी समझौते के साथ-साथ वैज्ञानिक डेटा की सार्वजनिक घोषणा सहित नासा और उसके सहयोगियों के समर्थन की सर्वोत्तम प्रथाओं की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करता है।
भारत की स्थिति
भारत गैर-बाध्यकारी आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला 27वाँ देश था।
आर्टेमिस कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्य मिशन
आर्टेमिस-I: चंद्रमा पर मानवरहित मिशन
आर्टेमिस कार्यक्रम 16 नवंबर, 2022 को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) पर “ओरियन” नामक अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण के साथ प्रारंभ हुआ।
SLS, एक सुपर हेवी-लिफ्ट लॉन्च वाहन, ओरियन को एक ही मिशन पर सीधे चंद्रमा पर ले गया।
आर्टेमिस-II: ‘क्रू लूनर फ्लाई-बाई’ मिशन
वर्ष 2024 के लिए निर्धारित आर्टेमिस-II, आर्टेमिस कार्यक्रम के अंतर्गत पहला मानवयुक्त मिशन होगा।
SLS में चार अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे क्योंकि यह पृथ्वी के चारों ओर विस्तारित कक्षा में कई गतिविधियाँ करता है।
मिशन में चंद्र उड़ान तथा पृथ्वी पर वापसी भी शामिल होगी।
आर्टेमिस-III: चंद्रमा पर मानव की वापसी
वर्ष 2025 के लिए निर्धारित आर्टेमिस-III मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा क्योंकि अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर लौटेंगे।
यह मिशन आर्टेमिस-II के ‘मून फ्लाई-बाई’ से आगे जाएगा, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर उतरने के साथ चंद्रमा का अधिक व्यापक रूप से अध्ययन करने की अनुमति प्राप्त होगी।
साथ ही वर्ष 2029 के लिए लूनर गेटवे स्टेशन की स्थापना की योजना बनाई गई है। यह स्टेशन अंतरिक्ष यात्रियों के लिए डॉकिंग पॉइंट के रूप में कार्य करेगा तथा वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ प्रयोगों की सुविधा प्रदान करेगा।
आर्टेमिस समझौते के तहत प्रतिबद्धताएँ
पंजीकरण और डेटा साझाकरण: प्रासंगिक अंतरिक्ष वस्तुओं का पंजीकरण और वैज्ञानिक डेटा को समय पर साझा करना। जब तक हस्ताक्षरकर्ता की ओर से कार्य नहीं किया जाता तब तक निजी क्षेत्रों को छूट है।
शांतिपूर्ण उद्देश्य: हस्ताक्षरकर्ता अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए अंतरिक्ष गतिविधियों का संचालन करने हेतु सरकारों या एजेंसियों के बीच समझौता ज्ञापन (MOU) को लागू करेंगे।
सामान्य अवसंरचना: हस्ताक्षरकर्ता वैज्ञानिक खोज और वाणिज्यिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए साझा अन्वेषण बुनियादी ढाँचे के महत्त्व को स्वीकार करते हैं।
धरोहर का संरक्षण: हस्ताक्षरकर्ताओं से ऐतिहासिक लैंडिंग स्थलों, कलाकृतियों और खगोलीय पिंडों पर गतिविधियों के साक्ष्य को संरक्षित करने की उम्मीद की जाती है।
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