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शोम्पेन जनजाति द्वारा पहली बार मतदान

Lokesh Pal April 22, 2024 06:26 399 0

संदर्भ

भारत में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) में से एक शोम्पेन जनजाति ने अंडमान एवं निकोबार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में अपना वोट डालकर पहली बार चुनाव प्रक्रिया में भाग लिया।

संबंधित तथ्य

  • अनंतिम आँकड़ों के अनुसार, अंडमान एवं निकोबार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान 63.99% था।
  • हालाँकि, वर्ष 2019 में मतदान प्रतिशत 65.09% था

शोम्पेन जनजाति के बारे में

  • संबंधित क्षेत्र: ये ग्रेट निकोबार द्वीप के आंतरिक भाग के देशज लोग हैं।
    • उन्हें अनुसूचित जनजातियों की सूची में PVTG के रूप में नामित किया गया है।
  • विशेषताएँ
    • शोम्पेन सबसे अलग-थलग जनजातियों में से एक हैं।
    • शोम्पेन अर्द्ध-खानाबदोश शिकारी-संग्रहकर्ता हैं।
      • उनकी आजीविका के मुख्य स्रोत शिकार करना, इकट्ठा करना, मछली पकड़ना एवं प्रारंभिक रूप में कुछ बागवानी गतिविधियाँ शामिल हैं।
  • जनसंख्या: वर्ष 2011 की जनगणना के आँकड़ों के अनुसार, शोम्पेन की अनुमानित जनसंख्या 229 थी।
  • ज्ञात भाषा: वे अपनी भाषा बोलते हैं, जिसकी कई बोलियाँ हैं। 
  • सामाजिक संरचना: परिवार का नियंत्रण सबसे बड़े पुरुष सदस्य द्वारा किया जाता है, जो महिलाओं एवं बच्चों की सभी गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
    • एकल विवाह सामान्य नियम है, हालाँकि बहुविवाह की भी अनुमति है।
  • अन्य
    • शोम्पेन निवास स्थान भी एक महत्त्वपूर्ण जैविक हॉटस्पॉट है एवं यहाँ दो राष्ट्रीय उद्यान तथा एक बायोस्फीयर रिजर्व हैं
      • कैम्पबेल बे राष्ट्रीय उद्यान (Campbell Bay National Park)
      • गैलाथिया राष्ट्रीय उद्यान (Galathea National Park)
      • ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिजर्व (Great Nicobar Biosphere Reserve)

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के बारे में

  • परिचय: ये समूह भारत के सबसे कमजोर वर्गों में से हैं, क्योंकि इनकी संख्या कम है।
    • ऐसे 75 समूहों की पहचान की गई है एवं उन्हें PVTGs के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
      • सूचीबद्ध 75 PVTGs में से सबसे अधिक संख्या ओडिशा में पाई जाती है।
  • विशेषताएँ: कुछ जनजातीय समुदाय ऐसे हैं जिनके पास:
    • घटती या स्थिर जनसंख्या
    • साक्षरता का निम्न स्तर
    • प्रौद्योगिकी का पूर्व-कृषि स्तर
    • आर्थिक रूप से पिछड़ापन
  • अन्य: वर्ष 1973 में ढेबर आयोग ने आदिम जनजातीय समूह (Primitive Tribal Groups) (PTGs) को एक अलग श्रेणी के रूप में बनाया, जो जनजातीय समूहों के बीच कम विकसित हैं।
  • वर्ष 2006 में, भारत सरकार ने PTGs का नाम बदलकर PVTGs कर दिया।

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