हाल ही में भारत और थाईलैंड ने दिल्ली में अपने 10वें संयुक्त आयोग की बैठक आयोजित की।
संबंधित तथ्य
इस दौरान आयुर्वेद और थाई पारंपरिक चिकित्सा में अकादमिक सहयोग स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
9वें भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की बैठक: 9वें भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की बैठक 17 अगस्त, 2022 को बैंकॉक में आयोजित की गई थी।
थाईलैंड
आधिकारिक नाम: किंगडम ऑफ थाईलैंड
सरकार का स्वरूप: संवैधानिक राजतंत्र
राजधानी: बैंकॉक
जनसंख्या: लगभग 68,615,858
आधिकारिक भाषा: थाई
मुद्रा: बात (Baht)
क्षेत्रफल: 5,13,115 वर्ग किलोमीटर (1,98,115 वर्ग मील)
भौगोलिक अवस्थिति
थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया के केंद्र में है।
कंबोडिया और लाओस क्रमशः थाईलैंड के पूर्व और उत्तर-पूर्व में स्थित हैं और म्याँमार उत्तर-पश्चिम में स्थित है।
पश्चिम में अंडमान सागर और थाईलैंड की खाड़ी, बर्मा के दक्षिण-पूर्व में है।
प्रमुख झील:थलेसप सोंगखला (Thalesap Songkhla)
प्रमुख नदियाँ: मेकांग, सालवीन
भारत-थाईलैंड संबंध
पृष्ठभूमि:
दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध 2000 वर्षों से भी अधिक पुराने हैं और द्विपक्षीय संबंधों को नींव प्रदान करते हैं।
थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया और म्याँमार को जोड़ने वाले प्राचीन सांस्कृतिक मार्ग अक्सर दक्षिण-पूर्व एशिया में ‘भारतीयकृत‘ राज्यों के रूप में जाने जाते हैं।
भारत और थाईलैंड महान भारतीय सम्राट अशोक के साथ एक अद्वितीय सभ्यतागत संबंध साझा करते हैं, जिन्होंने थाईलैंड में बौद्ध मिशनरियों को भेजा था और इस प्रकार यह थाईलैंड तथा शेष दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रमुख धर्मों में से एक बन गया।
इसके अलावा प्राचीन काल से ही भारतीय व्यापारी व्यापार करने के लिए दोनों देशों के बीच जल मार्ग का उपयोग करते रहे हैं।
आधुनिक संबंध
थाईलैंड वर्ष 1947 में भारत के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था।
एक दूसरे के विस्तारित पड़ोस में स्थित भारत और थाईलैंड अंडमान सागर में समुद्री सीमा साझा करते हैं।
बौद्ध धर्म का साझा संबंध थाई लोगों द्वारा बड़ी संख्या में भारत में बौद्ध धर्म से संबंधित स्थानों की नियमित तीर्थयात्राओं में परिलक्षित होता है।
थाई भाषा में पाली और संस्कृत का प्रभाव शामिल है। थाईलैंड में रहने और कार्य करने वाले एक बड़े प्रवासी भारतीय समुदाय है।
द्विपक्षीय संबंध
दोनों देशों को करीब लाने में भारत की ‘एक्ट ईस्ट‘ नीति को थाईलैंड की ‘एक्ट वेस्ट‘ नीति द्वारा पूरक बनाया गया है।
दोनों देश दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने वाले महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय भागीदार हैं।
वे आसियान, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) और बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक) समूहों के साथ-साथ मेकांग गंगा सहयोग (MGC), एशिया सहयोग संवाद (ACD), हिंद महासागर रिम एसोसिएशन ( IORA) और ‘अय्यावाडी-चाओ फ्राया-मेकांग’ आर्थिक सहयोग रणनीति (ACMECS) संगठनों से संबंधित हैं।
आर्थिक संबंध
वर्ष 2020 में महामारी की स्थिति के बावजूद व्यापार का आँकड़ा 9.76 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
वर्ष 2021 में यह लगभग 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर की रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गया।
अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 तक 1,172 मिलियन अमेरिकी डॉलर की संचयी एफडीआई राशि के साथ थाईलैंड भारत में FDI इक्विटी प्रवाह में 26वें स्थान पर था।
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