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10वीं संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास रिपोर्ट

Lokesh Pal June 25, 2025 03:42 45 0

संदर्भ

सतत् विकास समाधान नेटवर्क (Sustainable Development Solutions Network- SDSN) द्वारा प्रकाशित सतत् विकास लक्ष्य (SDG) सूचकांक में भारत शीर्ष 100 में प्रवेश कर गया है।

सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) के बारे में

  • SDG सभी के लिए बेहतर और अधिक सतत् भविष्य प्राप्त करने का फ्रेमवर्क है।
  • ये वर्ष 2015 में सभी संयुक्त राष्ट्र (UN) सदस्य देशों द्वारा अपनाए गए 17 वैश्विक लक्ष्यों का एक समूह हैं। गरीबी को समाप्त करने, पृथ्वी की रक्षा करने और वर्ष 2030 तक शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए अभिकल्पित किए गए हैं।
  • ये लक्ष्य सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियों की एक विस्तृत श्रृंखला को संबोधित करते हैं, जिसका लक्ष्य सभी के लिए एक सतत् भविष्य का निर्माण करना है।
  • प्रत्येक लक्ष्य व्यापक और परस्पर संबंधित है, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण और जलवायु कार्रवाई जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है।

सतत् विकास समाधान नेटवर्क (SDSN)

  • संयुक्त राष्ट्र महासचिव के तत्वावधान में बान की मून और अर्थशास्त्री जेफरी सैक्स द्वारा वर्ष 2012 में स्थापित।
  • यह संयुक्त राष्ट्र महासचिव के अधीन कार्य करता है।
  • यह शिक्षा, अनुसंधान, नीति विश्लेषण और वैश्विक सहयोग के माध्यम से सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) और पेरिस समझौते को प्राप्त करने को बढ़ावा देता है।
  • प्रकाशन: वर्ष 2016 से, SDSN ने प्रत्येक वर्ष एक सतत् विकास रिपोर्ट प्रकाशित की है जो सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) पर 193 संयुक्त राष्ट्र सदस्य राज्यों की प्रगति की समीक्षा करती है।
    • सतत् विकास के लिए साक्ष्य-आधारित नीति, वैश्विक सहयोग और जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित करता है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

वैश्विक परिदृश्य

  • वर्ष 2030 तक केवल 17% SDG लक्ष्य ही प्राप्त किए जा सकेंगे, जबकि 83% सीमित या उलटी प्रगति दर्शा रहे हैं।
  • वैश्विक प्रगति वर्ष 2020 से रुकी हुई है, विशेषतः SDG 2 (भुखमरी से मुक्ति), SDG 14 (जलीय जीवन), SDG 15 (स्थल पर जीवन), SDG 16 (शांति, न्याय एवं मजबूत संस्थान) के मामले में।
  • G20 देशों में ब्राजील सबसे आगे है; OECD देशों में चिली सबसे आगे है।
  • प्रमुख वैश्विक समझौतों से हटने और SDG का विरोध करने के बाद अमेरिका सबसे निचले पायदान (193वें) पर है।
  • बारबाडोस संयुक्त राष्ट्र बहुपक्षवाद के प्रति प्रतिबद्धता के मामले में पहले स्थान पर है, उसके बाद जमैका और त्रिनिदाद एवं टोबैगो हैं।

प्रगति: वैश्विक असफलताओं के बावजूद, बुनियादी सेवाओं और बुनियादी ढाँचे में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है:

  • मोबाइल ब्रॉडबैंड का उपयोग (SDG 9)
  • इंटरनेट का उपयोग (SDG 9)
  • विद्युत का उपयोग (SDG 7)
  • पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों एवं नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में कमी (SDG 3)

गिरावट: वर्ष 2015 के बाद से पाँच संकेतकों में गिरावट देखी गई है:

  • मोटापे की दर (SDG 2)
  • प्रेस की स्वतंत्रता (SDG 16)
  • नाइट्रोजन प्रबंधन (SDG 2)
  • रेड लिस्ट इंडेक्स (SDG 15)
  • भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (SDG 16)

असमान प्रगति

  • फिनलैंड पहले स्थान पर है, उसके बाद स्वीडन एवं डेनमार्क हैं।
  • शीर्ष 20 देशों में से 19 यूरोप से संबंधित हैं।
  • हालाँकि, इन देशों को भी अस्थिर उपभोग के कारण जलवायु एवं जैव विविधता लक्ष्यों में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • वर्ष 2015 के बाद से पूर्वी और दक्षिण एशिया ने सबसे तीव्र क्षेत्रीय SDG प्रगति दर्ज की है, जो सामाजिक-आर्थिक विकास से प्रेरित है।
  • सबसे तेजी से सुधार करने वाले देश (वर्ष 2015 से, SDG इंडेक्स स्कोर वृद्धि के अनुसार):
    • नेपाल, कंबोडिया, फिलीपींस, बांग्लादेश, मंगोलिया
    • बेनिन, पेरू, UAE, उज्बेकिस्तान, कोस्टा रिका, सऊदी अरब तीव्र प्रगति दर्ज करने वाले अन्य देश हैं

वित्तीय संरचना 

  • वर्तमान वैश्विक वित्तीय प्रणाली एक असंतुलित संरचना की ओर अग्रसर है, जो पूँजी के प्रवाह को धनी देशों की ओर प्रोत्साहित करती है, जबकि उभरती एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (EMDEs) को आवश्यक दीर्घकालिक निवेश और वित्तीय संसाधनों से वंचित रखती है।

सतत् विकास लक्ष्य सूचकांक में भारत का प्रदर्शन

  • भारत वर्ष 2025 के SDG सूचकांक में 99वें स्थान पर है, जो 67.0 के स्कोर के साथ पहली बार शीर्ष 100 में शामिल हुआ है।
  • बिजली (SDG 7), इंटरनेट और मोबाइल ब्रॉडबैंड (SDG 9) तक बेहतर पहुँच, पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों और नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में कमी (SDG 3) के कारण प्रगति हुई है।
  • लाभ के बावजूद, भारत (कई देशों की तरह) अभी भी जैव विविधता, सतत् कृषि और जलवायु कार्रवाई में चुनौतियों का सामना कर रहा है।

क्षेत्रीय तुलना

  • चीन: 49वाँ (74.4) 
  • मालदीव: 53वाँ (74.0)
  • भूटान: 74वाँ (70.5)
  • नेपाल: 85वाँ (68.6)
  • श्रीलंका: 93वाँ (67.9) 
  • बांग्लादेश: 114वाँ (63.9)
  • पाकिस्तान: 140वाँ (57.0)

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