केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय डॉ. हरेकृष्ण महताब की 125वीं जयंती मना रहा है।
मुख्य तथ्य
भारतीय राष्ट्रपति द्वारा डॉ. हरेकृष्ण महताब की स्मृति में एक डाक टिकट एवं सिक्का जारी किया गया है।
तीन पुस्तकें लॉन्च की गईं
हरेकृष्ण महताब: बैष्णबा चरण सामल द्वारा उड़िया में एक मोनोग्राफ।
गाँव मजलिस का अंग्रेजी में अनुवाद (तरुण कुमार साहू द्वारा) हिंदी (सुजाता शिवेन द्वारा) किया गया।
डॉ. हरेकृष्ण महताब के प्रमुख योगदान
स्वतंत्रता संग्राम: उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह एवं कई अन्य स्वतंत्रता संग्रामों में सक्रिय रूप से भाग लिया।
राजनीतिक भूमिकाएँ
ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री का पद सँभाला।
वर्ष 1962 में लोकसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए।
वर्ष 1955 में उन्हें बॉम्बे प्रांत का गवर्नर नियुक्त किया गया।
ओडिशा पर प्रभाव: उन्होंने ओडिशा के औद्योगीकरण एवं भारत संघ में इसके एकीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
साहित्यिक उपलब्धियाँ: उन्हें ‘उड़ीसा का इतिहास’ एवं ‘गाँव मजलिस’ जैसी कृतियों के लिए पुरस्कार प्राप्त हुआ।
डॉ. हरेकृष्ण महताबने साप्ताहिक अंग्रेजी अखबार द ईस्टर्न टाइम्स भी प्रकाशित किया एवं इसके मुख्य संपादक थे।
दार्शनिक प्रभाव: वह स्वामी विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस एवं महात्मा गांधी जैसे महान व्यक्तित्वों से प्रभावित थे।
उन्हें ‘उत्कल केशरी’ के नाम से जाना जाता था।
वर्ष 1918 में, डॉ. हरेकृष्ण महताब समाज सुधारक मधुसूदन दास द्वारा वर्ष 1903 में स्थापित एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन उत्कल सम्मिलनी में शामिल हो गए।
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