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वर्ष 1987 की INF परमाणु हथियार संधि

Lokesh Pal August 06, 2025 03:05 26 0

संदर्भ

रूस ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि वह अब स्वयं को इंटरमीडियेट रेंज न्यूक्लियर फोर्स  (INF) संधि से संबद्ध नहीं मानता है, जो वर्ष 1987 में हस्ताक्षरित शीत युद्ध कालीन समझौता है।

संबंधित तथ्य

  • कारण: रूस ने अमेरिका की विशिष्ट सैन्य तैनातियों और अभ्यासों का हवाला देते हुए पश्चिमी देशों पर उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रत्यक्ष और गंभीर खतरा उत्पन्न करने का आरोप लगाया है।
    • फिलीपींस में टाइफॉन मिसाइल प्रणाली तैनात की गई।
    • ऑस्ट्रेलिया में टैलिसमैन सेबर अभ्यास के दौरान मिसाइल अभ्यास किया गया।
    • रूस ने दावा किया कि इन कार्रवाइयों ने वैश्विक स्थिरता को कमजोर किया और सामरिक दबाव बढ़ाया है।

इंटरमीडियेट रेंज न्यूक्लियर फोर्स  (INF) संधि के बारे में

  • हस्ताक्षरित: वर्ष 1987, संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के मध्य हस्ताक्षरित किया गया था।
  • प्रमुख प्रावधान
    • 500 से 5,500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली सतह से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों का उन्मूलन।
    • दोनों पक्षों ने 3 वर्षों के भीतर मौजूदा भंडार को नष्ट करने पर सहमति व्यक्त की।
    • ऐसी मिसाइल प्रणालियों के विकास, उत्पादन और तैनाती पर स्थायी प्रतिबंध।
    • व्यापक ऑन-साइट निरीक्षण शुरू किया गया, जो हथियार नियंत्रण पारदर्शिता और विश्वास निर्माण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
  • कार्यान्वयन
    • अमेरिका द्वारा: 846 मिसाइलें, जिनमें पर्शिंग II और सतह से प्रक्षेपित क्रूज मिसाइलें (GLCM) नष्ट की।
    • सोवियत द्वारा: 1,846 मिसाइलें, जिनमें SS-4, SS-5 और SS-20 मिसाइलें को नष्ट किया गया।
  • महत्त्व
    • एक ऐतिहासिक हथियार नियंत्रण समझौता है, जिसने शीतयुद्ध के दौरान परमाणु हथियारों की होड़ को रोकने में मदद की।
    • पहला बड़ा समझौता, जिसके तहत महाशक्तियों ने परमाणु शस्त्रागार को कम किया और भविष्य की हथियार नियंत्रण संधियों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया।
  • स्थिति: यह संधि वर्ष 2019 से ही अल्प प्रभावी हो गई थी, जब अमेरिका ने रूसी उल्लंघनों का हवाला देते हुए इससे हटने का निर्णय लिया था।

अन्य महत्त्वपूर्ण परमाणु अप्रसार संधियाँ

संधि

उद्देश्य

भारत की स्थिति

आंशिक परीक्षण प्रतिबंध संधि (Partial Test Ban Treaty) (वर्ष 1963) परमाणु हथियारों के सभी परीक्षण विस्फोटों (वायुमंडल, समुद्र, बाह्य अंतरिक्ष) पर प्रतिबंध लगाना, भूमिगत परीक्षणों को छोड़कर। भारत द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं।
परमाणु अप्रसार संधि (NPT) परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने, शांतिपूर्ण परमाणु प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना और निरस्त्रीकरण की दिशा में कार्य करना। सदस्य नहीं हैं।
व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT)
  • प्रतिबंध: सभी परमाणु परीक्षण विस्फोट (वायुमंडल, अंतरिक्ष, जल और भूमिगत)।
  • स्थिति: लागू नहीं – सभी 44 अनुलग्नक II देशों द्वारा अनुसमर्थन आवश्यक।
हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि
  • सभी परमाणु गतिविधियों – विकास, परीक्षण, उपयोग, धमकी पर प्रतिबंध लगाने वाली पहली कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि।
  • स्वीकृत: वर्ष 2017 (वर्ष 2021 में लागू किया गया)।
किसी भी परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र (भारत सहित) ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

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