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21वीं पशुधन गणना

Lokesh Pal October 28, 2024 03:26 194 0

संदर्भ

25 अक्तूबर, 2024 को शुरू की गई 21वीं पशुधन गणना (21st Livestock Census) अक्तूबर 2024 से फरवरी 2025 तक की अवधि को कवर करेगी।

पशुधन गणना (Livestock Census) के बारे में 

  • भारत में पहली पशुधन गणना वर्ष 1919-1920 में की गई थी। तब से यह प्रत्येक पाँच वर्ष में एक बार आयोजित की जाती है।
  • पशुधन गणना (Livestock Census- LC) देश भर में पशुधन आबादी पर व्यापक डेटा एकत्र करने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रत्येक पाँच वर्ष में आयोजित एक राष्ट्रव्यापी अभ्यास है।
  • इसका उद्देश्य पशुधन क्षेत्र में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करना है, जिससे नीति निर्माताओं को सतत् विकास, रोग नियंत्रण, नस्ल सुधार एवं ग्रामीण आजीविका वृद्धि के लिए रणनीतियाँ डिजाइन करने में सक्षम बनाया जा सके।

21वीं पशुधन गणना में प्रमुख नवाचार

  • बड़ा सर्वेक्षण बल: सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में एक लाख पशु चिकित्सा तथा अन्य संबंधित पशु चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा संचालित किया जा रहा है।
  • डिजिटल प्रगति: सटीकता, दक्षता एवं समयबद्धता में सुधार के लिए डेटा संग्रह के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन की शुरुआत।
  • व्यापक डेटा निरीक्षण के लिए वेब-आधारित डैशबोर्ड के माध्यम से वास्तविक समय की निगरानी सक्षम की गई।

नई डेटा संग्रह सुविधाएँ

  • लैंगिक भूमिकाएँ: पशुधन पालन में शामिल प्राथमिक व्यक्ति की लैंगिक जानकारी को भी एकत्र किया जाएगा।
  • चरवाहों का डेटा: बेहतर समझ एवं योजना के लिए चरवाहों द्वारा पशुधन के स्वामित्व पर अलग से डेटा उपलब्ध होगा।

गणना में निर्धारित की गई श्रेणियाँ एवं प्रजातियाँ

  • मुख्य श्रेणियाँ: गणना में मुर्गीपालन को छोड़कर, 15 पशुधन प्रजातियों पर विस्तृत डेटा शामिल है, जिनकी गणना अलग से की जाएगी।
  • गणना की जाने वाली प्रजातियों में मवेशी, भैंस, मिथुन, याक, भेड़, बकरी, सुअर, ऊँट, घोड़ा, टट्टू, खच्चर, गधा, कुत्ता, खरगोश एवं हाथी शामिल हैं।
  • मुर्गीपालन और पक्षी श्रेणियाँ: गणना में मुर्गी, बत्तख, टर्की, गीज, बटेर, गिनी फाउल, शुतुरमुर्ग और इमू सहित मुर्गी की भी गणना शामिल है।
    • पोल्ट्री पर डेटा व्यक्तिगत घरों, उद्यमों एवं संस्थानों में जाकर इकट्ठा किया जाएगा।
  • नस्ल-विशिष्ट डेटा: गणना में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (ICAR-NBAGR) द्वारा मान्यता प्राप्त पोल्ट्री सहित 16 प्रजातियों की 219 मान्यता प्राप्त स्वदेशी नस्लों के डेटा को शामिल किया गया है।

निहितार्थ एवं अपेक्षित परिणाम

  • बेहतर पशुधन प्रबंधन: पशुधन पर अद्यतन डेटा रोग नियंत्रण, पशु स्वास्थ्य प्रबंधन एवं नस्ल सुधार पहलों के अधिक सटीक लक्ष्यीकरण को सक्षम करेगा।
  • ग्रामीण आजीविका के लिए समर्थन: गणना से प्राप्त जानकारी से उन क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जहाँ सरकारी हस्तक्षेप से आजीविका में सुधार हो सकता है, विशेषकर पशुधन पर निर्भर 2.1 करोड़ लोगों की।
  • उन्नत लैंगिक-विशिष्ट सहायता कार्यक्रम: पशुधन पालन में लैंगिक भूमिकाओं पर डेटा के साथ, सरकार इस क्षेत्र में शामिल महिलाओं एवं पुरुषों के लिए समर्थन तैयार कर सकती है व अधिक प्रभावी कार्यक्रमों को सशक्त बना सकती है।

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