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छठा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन

Lokesh Pal April 07, 2025 02:07 63 0

संदर्भ

भारतीय प्रधानमंत्री ने थाईलैंड (बिम्सटेक का वर्तमान अध्यक्ष) द्वारा आयोजित छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जिसका विषय था – ‘बिम्सटेक: समृद्ध, लचीला और खुला’ (BIMSTEC: Prosperous, Resilient and Open)।

संबंधित तथ्य

  • भारतीय प्रधानमंत्री ने बिम्सटेक देशों के बीच सहयोग के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए 21 सूत्री कार्य योजना प्रस्तावित की।
  • अपनी यात्रा के दौरान, भारतीय प्रधानमंत्री को थाई प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा (Paetongtarn Shinawatra) द्वारा द वर्ल्ड टिपिटका: सज्जया फोनेटिक एडिशन (The World Tipitaka: Sajjhaya Phonetic Edition) भेंट किया गया।

भारत के नेतृत्व में घोषित पहल

  • बिजनेस: ‘बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स’ की स्थापना की गई।
    • प्रत्येक वर्ष बिम्सटेक व्यापार शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
    • बिम्सटेक क्षेत्र में स्थानीय मुद्रा में व्यापार की संभावनाओं पर व्यवहार्यता अध्ययन किया जाएगा।

  • सूचना प्रौद्योगिकी (IT): डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (Digital Public Infrastructure-DPI) के अनुभव को साझा करने के लिए बिम्सटेक देशों की आवश्यकताओं को समझने के लिए पायलट अध्ययन शुरू किया जाएगा।
    • बिम्सटेक क्षेत्र में UPI और भुगतान प्रणालियों के बीच कनेक्टिविटी स्थापित की जाएगी।
  • आपदा प्रबंधन और राहत: आपदा प्रबंधन, राहत और पुनर्वास में सहयोग के लिए भारत में आपदा प्रबंधन के लिए बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र  (BIMSTEC Centre of Excellence for Disaster Management) की स्थापना की जाएगी।
    • इस वर्ष भारत में बिम्सटेक आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के बीच चौथा संयुक्त अभ्यास आयोजित किया जाएगा।
  • सुरक्षा: भारत में गृह मंत्रियों के तंत्र की पहली बैठक आयोजित करना।
  • क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण: ‘बोधि’ (BODHI) अर्थात् ‘मानव संसाधन अवसंरचना के संगठित विकास के लिए बिम्सटेक’ (BIMSTEC for Organised Development of Human resource Infrastructure) पहल। इसके तहत प्रत्येक वर्ष बिम्सटेक देशों के 300 युवाओं को भारत में प्रशिक्षित किया जाएगा।
    • भारतीय वानिकी अनुसंधान संस्थान (Forestry Research Institute of India) में बिम्सटेक छात्रों को छात्रवृत्ति तथा नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति योजना का विस्तार किया जाएगा।
  • ऊर्जा: बंगलूरू में बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र (BIMSTEC Energy Centre) ने कार्य करना शुरू कर दिया है।
    • विद्युत ग्रिड अंतर्संयोजन पर तेजी से कार्य होगा।
  • युवा सहभागिता: इस वर्ष बिम्सटेक युवा नेताओं का शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
    • बिम्सटेक हैकाथॉन और युवा पेशेवर आगंतुक (BIMSTEC Hackathon and Young Professional Visitors) कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा। 
  • खेल: इस वर्ष भारत में ‘बिम्सटेक एथलेटिक्स मीट’ (BIMSTEC Athletics Meet) का आयोजन किया जाएगा।
    • भारत, वर्ष 2027 में प्रथम बिम्सटेक खेलों की मेजबानी करेगा।
  • संस्कृति: इस वर्ष भारत में बिम्सटेक पारंपरिक संगीत महोत्सव आयोजित किया जाएगा।
  • संपर्क: क्षमता निर्माण, अनुसंधान, नवाचार और समुद्री नीतियों में समन्वय बढ़ाने के लिए भारत में सतत् समुद्री परिवहन केंद्र की स्थापना की जाएगी।

टिपिटका (Tipitaka) के बारे में

  • टिपिटका अर्थात् त्रिपिटक, जिसका संस्कृत में अर्थ है ‘तीन टोकरियाँ’, बौद्ध धर्मग्रंथों का आधारभूत संग्रह है, जिसे पारंपरिक रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है:
    • विनय पिटक: इसमें मठवासी जीवन के नियम और विनियम शामिल हैं, जिसमें भिक्षुओं तथा भिक्षुणियों से अपेक्षित आचरण एवं अनुशासन की रूपरेखा दी गई है।
    • सुत्त पिटक: इसमें बुद्ध के प्रवचन और शिक्षाएँ शामिल हैं, जिनमें उपदेश तथा कथाएँ शामिल हैं।
    • अभिधम्म पिटक: इसमें बौद्ध सिद्धांतों के दार्शनिक और मनोवैज्ञानिक विश्लेषणों पर गहन चर्चा की गई है।
  • महत्व: त्रिपिटक को बौद्ध अभ्यास और विद्वत्ता का आधारभूत स्रोत माना जाता है, जो बुद्ध की शिक्षाओं को संरक्षित तथा प्रसारित करने का कार्य करता है।
  • पाली कैनन: इसे पाली कैनन के नाम से भी जाना जाता है, विशेष तौर पर थेरवाद बौद्ध (Theravada Buddhism) धर्म में।

अपनाए गए प्रमुख समझौते और दस्तावेज

  • शिखर सम्मेलन घोषणा-पत्र: सदस्य देशों के साझा दृष्टिकोण, प्राथमिकताओं और प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है।
    • “समृद्ध, लचीला और खुला बिम्सटेक” थीम के तहत भविष्य के सहयोग के लिए वातावरण तैयार करता है।
  • बिम्सटेक बैंकॉक विजन 2030 (BIMSTEC Bangkok Vision 2030): अगले 5 वर्षों के लिए एक व्यापक रोडमैप।
    • इसके साथ संरेखित है:
      • संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्य (SDGs)
      • थाईलैंड का बायो-सर्कुलर-ग्रीन (BCG) आर्थिक मॉडल
    • ध्यान केंद्रित करता है:
      • समृद्धि: व्यापार, गरीबी उन्मूलन, सतत् विकास।
      • लचीलापन: कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन।
      • खुलापन: पर्यटन, संपर्क, समावेशिता।
  • बिम्सटेक समुद्री परिवहन सहयोग समझौता (BIMSTEC Maritime Transport Cooperation Agreement)
    • इसका उद्देश्य है:-
      • बंगाल की खाड़ी में माल और यात्रियों की आवाजाही को बढ़ावा देना ।
      • जहाजों, चालक दल और माल के दस्तावेजों तथा प्रमाण-पत्रों की मान्यता देना।
      • संयुक्त शिपिंग समन्वय समिति की स्थापना करना।
      • एक संरचित विवाद समाधान तंत्र प्रदान करता है।
  • बिम्सटेक तंत्र के लिए प्रक्रिया के नियम: बिम्सटेक चार्टर (2022) का पूरक है।
    • बिम्सटेक कार्य निकायों की संस्थागत स्पष्टता, निर्णय लेने और कार्यात्मक सुसंगतता को बढ़ाता है।
  • अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ समझौता ज्ञापन
    • इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (Indian Ocean Rim Association-IORA): समुद्री और नीली अर्थव्यवस्था क्षेत्रों पर बिम्सटेक के बाहरी सहयोग का विस्तार करता है।
    • संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (United Nations Office on Drugs and Crime-UNODC): नारकोटिक्स विरोधी, आपराधिक न्याय सुधार और अंतरराष्ट्रीय अपराध रोकथाम में सहयोग को मजबूत करता है।
  • प्रख्यात व्यक्तियों के समूह (EPG) की रिपोर्ट को मंजूरी: इसके लिए रणनीतिक सिफारिशें पेश की गई हैं: संस्थागत सुधार, क्षेत्रीय प्राथमिकता, बिम्सटेक के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण।
    • वर्ष 2024 में क्षेत्रीय परामर्श के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल)

बिम्सटेक के बारे में

  • बिम्सटेक एक बहुपक्षीय क्षेत्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में तटीय और समीपवर्ती देशों के बीच साझा विकास तथा सहयोग को गति देने के उद्देश्य से की गई है।
  • इसकी स्थापना जून 1997 में बैंकॉक घोषणा को अपनाने के साथ ही BIST-EC के रूप में की गई थी, जिसमें बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड सदस्य हैं।
    • वर्ष 1997 के अंत में म्याँमार के शामिल होने के बाद यह BIMST-EC (बांग्लादेश, भारत, म्याँमार, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग) बन गया।
    • और अंततः, इसका वर्तमान स्वरूप तब रखा गया जब वर्ष 2004 में नेपाल और भूटान इसके सदस्य बन गए।
  • यह लगभग 1.7 बिलियन लोगों (वैश्विक जनसंख्या का 22%) का प्रतिनिधित्व करता है और इसका संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद लगभग 4.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है।
  • स्थायी सचिवालय: ढाका, बांग्लादेश।
  • सदस्यता: इसके कुल सात सदस्य देश हैं:
    • दक्षिण एशिया से पाँच, जिनमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं।
    • दक्षिण-पूर्व एशिया से दो, जिनमें म्याँमार और थाईलैंड शामिल हैं।
  • अध्यक्षता: बिम्सटेक अध्यक्षता के लिए वर्णमाला क्रम का उपयोग करता है।
    • इस समय थाईलैंड इसका अध्यक्ष है, इसके बाद बांग्लादेश का स्थान आएगा।

भारत के लिए बिम्सटेक का महत्त्व

  • सामरिक महत्त्व: बिम्सटेक राष्ट्र दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच एक पुल का निर्माण करते हैं, जो भारत की एक्ट ईस्ट नीति का केंद्र है।
    • भारत-म्याँमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग बिम्सटेक के तहत एक प्रमुख संपर्क पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के पूर्वोत्तर को आसियान देशों से जोड़ना है।
  • सार्क (SAARC) का विकल्प: बिम्सटेक, पाकिस्तान को बाहर रखता है, जिससे द्विपक्षीय तनाव के बिना सहज सहयोग संभव हो पाता है।
    • SAARC ने वर्ष 2014 से कोई शिखर सम्मेलन आयोजित नहीं किया है, जबकि BIMSTEC ने वर्ष 2016 से चार शिखर सम्मेलन आयोजित किए हैं और वर्ष 2022 में एक चार्टर को अपनाया है, जिससे इसे कानूनी दर्जा प्राप्त हुआ है।
  • बेहतर कनेक्टिविटी और पूर्वोत्तर एकीकरण: कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट और BBIN मोटर व्हीकल एग्रीमेंट जैसी परियोजनाओं का उद्देश्य भारत के पूर्वोत्तर को बिम्सटेक देशों से जोड़ना है।
    • परिवहन संपर्क के लिए बिम्सटेक मास्टर प्लान को अपनाया गया है और क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2025 में समुद्री परिवहन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
  • ऊर्जा और नीली अर्थव्यवस्था सहयोग: भारत बंगलूरू में बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र की मेजबानी करता है और सीमा पार विद्युत व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए इलेक्ट्रिक ग्रिड इंटरकनेक्शन पर कार्य शुरू हो गया है।
    • भारत और म्याँमार अक्षय ऊर्जा सहयोग का नेतृत्व करते हैं; भारत सतत् समुद्री परिवहन और नीली अर्थव्यवस्था पहलों में भी शामिल है।
  • सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन: भारत आतंकवाद निरोध, साइबर सुरक्षा और आपदा प्रबंधन क्षेत्रों में बिम्सटेक का नेतृत्व कर रहा है।
    • चौथे संयुक्त आपदा प्रबंधन अभ्यास की मेजबानी की और वर्ष 2025 में आपदा प्रबंधन के लिए उत्कृष्टता केंद्र का प्रस्ताव रखा।
  • व्यापार और आर्थिक एकीकरण: लंबे समय से लंबित बिम्सटेक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और आर्थिक गलियारों के माध्यम से अंतर-क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
    • भारत ने वर्ष 2025 में वार्षिक बिम्सटेक व्यापार शिखर सम्मेलन, एक चैंबर ऑफ कॉमर्स और स्थानीय मुद्रा व्यापार के लिए व्यवहार्यता अध्ययन का प्रस्ताव रखा।
  • सांस्कृतिक कूटनीति और युवा जुड़ाव: भारत बिम्सटेक युवा नेताओं के शिखर सम्मेलन, बिम्सटेक हैकाथॉन, एथलेटिक्स मीट (2025), बिम्सटेक गेम्स (2027), पारंपरिक संगीत समारोह के माध्यम से सॉफ्ट पॉवर टूल्स में निवेश कर रहा है।
    • इसके अलावा, नालंदा विश्वविद्यालय में ‘बोधि’ (BODHI) कार्यक्रम और छात्रवृत्ति के तहत प्रतिवर्ष 300 युवाओं को प्रशिक्षित करने की घोषणा की गई।

बिम्सटेक, सार्क से किस प्रकार भिन्न है?

  • भू-राजनीतिक दायरा और रणनीतिक महत्त्व: बिम्सटेक भारत की एक्ट ईस्ट नीति के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ता है।
    • सार्क दक्षिण एशिया तक ही सीमित है और भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण निष्क्रिय बना हुआ है।
  • सदस्यता संरचना: BIMSTEC में पाकिस्तान को छोड़कर 7 सदस्य हैं, जो राजनीतिक गतिरोध को दूर करता है।
    • सार्क में पाकिस्तान भी शामिल है, जो अक्सर आम सहमति और सहयोग को अवरुद्ध करता है।
  • कार्यात्मक बनाम राजनीतिक अभिविन्यास: BIMSTEC कनेक्टिविटी, व्यापार, आपदा प्रबंधन जैसे 7 क्षेत्रों में कार्यात्मक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करता है।
    • सार्क को अक्सर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का क्षेत्र बना लिया जाता है, विशेषकर भारत और पाकिस्तान के मध्य।
  • प्रदर्शन और शिखर सम्मेलन: वर्ष 2016 से बिम्सटेक ने 4 शिखर सम्मेलन आयोजित किए हैं, जिनमें से सबसे हालिया शिखर सम्मेलन वर्ष 2025 का  हुआ।
    • वर्ष 2014 से सार्क की कोई बैठक नहीं हुई है, जो प्रभावी रूप से पंगु हो गया है।
    • भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वर्ष 2016 के उरी हमले के बाद SAARC को ‘जमा हुआ वाहन’ करार दिया था।
  • क्षेत्रीय नेतृत्व और सुधार: बिम्सटेक ने क्षेत्रों का पुनर्गठन किया है, जिसमें प्रत्येक सदस्य एक क्षेत्र का नेतृत्व करता है (जैसे- भारत सुरक्षा का नेतृत्व करता है, थाईलैंड – कनेक्टिविटी)।
    • सार्क में इस तरह की संरचित क्षेत्रीय जिम्मेदारी या सुधारों का अभाव है।
  • भारत की भूमिका और स्वीकार्यता: बिम्सटेक में भारत के नेतृत्व का स्वागत किया जाता है।
    • सार्क में भारत के प्रभुत्व का अक्सर विरोध किया जाता है, खासकर पाकिस्तान द्वारा।
  • पसंदीदा मंच के रूप में उभरना: कनेक्टिविटी, व्यापार, सुरक्षा और विघटनकारी राजनीति के बहिष्कार पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए।
  • बिम्सटेक, सार्क के लिए अधिक प्रभावी विकल्प के रूप में उभर रहा है।

बिम्सटेक में चुनौतियाँ

  • समझौतों और परियोजनाओं का धीमा क्रियान्वयन: वर्ष 2004 में FTA पर हस्ताक्षर होने के बावजूद, इसे क्रियान्वित नहीं किया गया, जो विजन और कार्रवाई के बीच एक महत्त्वपूर्ण अंतर दर्शाता है।
    • त्रिपक्षीय राजमार्ग और कलादान परियोजना सहित कई कनेक्टिविटी परियोजनाओं में फंडिंग, भूमि अधिग्रहण और राजनीतिक मुद्दों के कारण बार-बार देरी हुई है।
  • कमजोर संस्थागत क्षमता: ढाका में बिम्सटेक सचिवालय में कर्मचारियों और फंड की कमी है, जिससे समन्वय तथा नीति कार्यान्वयन सीमित हो जाता है।
    • स्थायी फंडिंग तंत्र की कमी बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय पहल और बुनियादी ढाँचे के विकास में बाधा डालती है।
  • राजनीतिक सहमति पर अत्यधिक निर्भरता: बिम्सटेक सर्वसम्मति आधारित मॉडल पर कार्य करता है, जो समावेशी होते हुए भी अक्सर ‘पाॅलिसी पैरालिसिसी’ का कारण बनता है- खासकर सुरक्षा या सीमा विवाद जैसे विवादास्पद मुद्दों पर।
  • अंतर-सदस्य राजनीतिक मतभेद: म्याँमार की राजनीतिक अस्थिरता और वर्ष 2021 के तख्तापलट के बाद के नागरिक संघर्ष ने सदस्य संरेखण और मानवाधिकार चिंताओं के बारे में सवाल उठाए हैं।
    • द्विपक्षीय तनाव (जैसे- म्याँमार-बांग्लादेश या भारत-नेपाल सीमा मुद्दे) कभी-कभी बहुपक्षीय सामंजस्य को प्रभावित करते हैं।
  • कम अंतर-क्षेत्रीय व्यापार: महत्त्वाकांक्षी एकीकरण लक्ष्यों और FTA और व्यापार सुविधा समझौतों के लिए बार-बार दबाव के बावजूद, अंतर-बिम्सटेक व्यापार 10% से नीचे बना हुआ है।
  • सीमित दृश्यता और सार्वजनिक जागरूकता: BIMSTEC में ASEAN जैसे अन्य क्षेत्रीय समूहों की तरह सार्वजनिक कूटनीति और ब्रांड दृश्यता का अभाव है।
    • भारत के प्रयासों (जैसे- त्योहार, छात्रवृत्ति) के बावजूद लोगों-से-लोगों के बीच संबंध कमजोर बने हुए हैं तथा निजी क्षेत्र की भागीदारी अभी भी न्यूनतम है।
  • प्रतिस्पर्धी क्षेत्रीय प्लेटफॉर्म: थाईलैंड और म्याँमार जैसे देश भी ASEAN का हिस्सा हैं और बांग्लादेश के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के माध्यम से चीन के साथ संबंध बढ़ रहे हैं।
    • बेहतर वित्तपोषित और अधिक सक्रिय प्लेटफॉर्म के कारण बिम्सटेक के प्रभावित होने का जोखिम है।

बिम्सटेक द्वारा प्रमुख पहल

  • संस्थागत ढाँचा और चार्टर: 5वें शिखर सम्मेलन (कोलंबो, 2022) में अपनाया गया बिम्सटेक चार्टर, कानूनी व्यक्तित्व और औपचारिक संरचना प्रदान करता है।
    • निकायों और बैठकों के कामकाज को सुव्यवस्थित करने के लिए छठे शिखर सम्मेलन (बैंकॉक, 2025) में प्रक्रिया के नियमों को अपनाना।

  • क्षेत्रीय पुनर्गठन: वर्ष 2022 में अधिक केंद्रित सहयोग के लिए पूर्व 14 क्षेत्रों को घटाकर 7 प्राथमिकता वाले क्षेत्र कर दिया गया।
  • परिवहन संपर्क के लिए बिम्सटेक मास्टर प्लान: मल्टी-मॉडल क्षेत्रीय परिवहन नेटवर्क को बढ़ाने के लिए वर्ष 2022 में अपनाया गया।
    • इसमें शामिल हैं:
      • कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट प्रोजेक्ट
      • भारत-म्याँमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग।
  • समुद्री और बंदरगाह संपर्क पहल
    • बिम्सटेक समुद्री परिवहन सहयोग समझौता (2025): छठे शिखर सम्मेलन (बैंकॉक) में हस्ताक्षरित किया गया।
      • प्रावधानों में शामिल हैं: जहाजों के लिए राष्ट्रीय उपचार, संयुक्त शिपिंग समन्वय समिति, नाविक प्रमाण-पत्रों की पारस्परिक मान्यता, विवाद समाधान ढाँचा​।
    • बिम्सटेक बंदरगाह सम्मेलन (वर्ष 2019, भारत): बंदरगाह-से-बंदरगाह संपर्क, समुद्री रसद सहयोग और नीली अर्थव्यवस्था पहल को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया।
    • बिम्सटेक तटीय नौवहन समझौता (मसौदा): लॉजिस्टिक्स लागत और समय को कम करने का प्रयास करता है।
      • बंगाल की खाड़ी में तटीय राज्यों के बीच लघु-समुद्री नौवहन को आसान बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • बिम्सटेक मुक्त व्यापार क्षेत्र रूपरेखा समझौता (BIMSTEC Free Trade Area Framework Agreement- BFTAFA): वर्ष 2004 में हस्ताक्षरित, हालाँकि अभी तक लागू नहीं हुआ है।
    • माल और सेवाओं में व्यापार, निवेश सहयोग और व्यापार सुविधा तथा मानकों के सामंजस्य के लिए कानूनी आधार तैयार करता है।
  • सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग
    • आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों, समुद्री सुरक्षा तथा साइबर सुरक्षा पर बिम्सटेक कार्य समूह।
    • मिलेक्स-18 (MILEX-18): बिम्सटेक देशों के बीच पहला संयुक्त सैन्य क्षेत्र अभ्यास (वर्ष 2018 में भारत द्वारा आयोजित)।
    • क्षेत्रीय खतरों से निपटने हेतु समाधानों का समन्वय करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुखों की नियमित बैठकें।
  • ऊर्जा ग्रिड एकीकरण: बिम्सटेक ग्रिड इंटरकनेक्शन की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर वर्ष 2018 में नेपाल के काठमांडू में चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।
    • इसका उद्देश्य बिजली व्यापार को सुविधाजनक बनाना और क्षेत्रीय ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देना है।
    • बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र भारत के बंगलूरू में स्थित है, लेकिन सभी सदस्यों के लिए कार्य करता है।
  • आपदा प्रबंधन ढाँचा: वर्ष 2004 की सुनामी और बार-बार आए चक्रवातों के बाद संस्थागत रूप दिया गया।
    • इसमें शामिल हैं:
      • बिम्सटेक आपदा प्रबंधन अभ्यास (DMEx)
      • मानक संचालन प्रक्रियाओं का निर्माण
      • संयुक्त प्रारंभिक चेतावनी और जोखिम न्यूनीकरण प्रयास।

बिम्सटेक के लिए आगे की राह

  • समझौतों के क्रियान्वयन में तेजी लाना: बिम्सटेक मुक्त व्यापार समझौते (BIMSTEC Free Trade Agreement-BFTAFA) और तटीय नौवहन समझौते जैसी लंबे समय से लंबित पहलों में तेजी लाना।
    • इस उद्देश्य से क्रियान्वयन की ओर बढ़ने के लिए बाध्यकारी समयसीमा और प्रदर्शन निगरानी अपनाना।
  • संस्थागत क्षमता को मजबूत बनाना: ढाका में बिम्सटेक सचिवालय को अधिक कर्मचारियों, विशेषज्ञता और बजटीय स्वायत्तता के साथ बढ़ाना।
    • प्रमुख क्षेत्रों के लिए स्थायी कार्य समूह स्थापित करना और एक समर्पित बिम्सटेक विकास कोष की स्थापना पर विचार करना।
  • कई मोर्चों पर कनेक्टिविटी बढ़ाना: परिवहन कनेक्टिविटी के लिए मास्टर प्लान का समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।
    • एक निर्बाध आर्थिक क्षेत्र बनाने के लिए डिजिटल बुनियादी ढाँचे, सीमा पार विद्युत ग्रिड और डेटा एक्सचेंज प्लेटफॉर्म को एकीकृत करना।
  • समावेशी और सहभागी क्षेत्रवाद को बढ़ावा देना: ट्रैक 1.5 और ट्रैक 2 संवादों के माध्यम से नागरिक समाज, निजी क्षेत्र, थिंक टैंक और शिक्षाविदों को सक्रिय रूप से शामिल करना।
    • वार्षिक युवा सम्मेलन, व्यापार मंच और तकनीकी शिखर सम्मेलनों को संस्थागत बनाना।
  • क्षेत्रीय लचीलेपन के लिए क्षेत्रीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना: सार्वजनिक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, कृषि और आपदा जोखिम न्यूनीकरण में सहयोग का विस्तार करना।
    • आपदा प्रबंधन, कृषि और पारंपरिक चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्टता केंद्रों का संचालन करना।
  • विश्वास और पारदर्शिता के साथ सुरक्षा सहयोग को गहरा करना: संयुक्त प्रशिक्षण, खुफिया जानकारी साझा करने और क्षमता निर्माण के माध्यम से आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा पर सहयोग को मजबूत करना।
  • साझा क्षेत्रीय पहचान बनाना: संस्कृति, खेल और शिक्षा के माध्यम से लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देना।
    • बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में समुदाय की भावना को बढ़ावा देने के लिए बिम्सटेक गेम्स (2027), संगीत समारोह और बोधि (BODHI) कार्यक्रम जैसी पहलों का लाभ उठाना।

निष्कर्ष

छठा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन रणनीतिक पहलों, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और लोगों के बीच मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने के माध्यम से क्षेत्रीय एकीकरण को मजबूत करने में भारत की सक्रिय भूमिका पर प्रकाश डालता है, जो भारत-प्रशांत क्षेत्र में साझा समृद्धि, सुरक्षा और सतत् विकास के भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

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