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राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 7वीं बैठक

Lokesh Pal March 05, 2025 02:31 24 0

संदर्भ

प्रधानमंत्री ने विश्व वन्यजीव दिवस पर गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (National Board for Wildlife-NBWL) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता की।

प्रमुख घोषणाएँ और संरक्षण पहल

  • पहली बार रिवर डॉल्फिन के आकलन की रिपोर्ट जारी की गई: सरकार ने भारत में रिवर डॉल्फिन की आबादी एवं संरक्षण की आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए पहली बार रिवर डॉल्फिन के आकलन की रिपोर्ट जारी की।
  • 16वें एशियाई शेरों की आबादी का आकलन (2025) घोषित: एशियाई शेरों की संख्या और संरक्षण की स्थिति की निगरानी के लिए वर्ष 2025 में 16वें आबादी आकलन का आयोजन किया जाएगा।
  • चीता पुनर्स्थापन कार्यक्रम का विस्तार: भारत में चीतों की सफल पुनर्स्थापना सुनिश्चित करने के लिए चल रहे चीता पुनर्स्थापन कार्यक्रम को नए स्थानों पर विस्तारित किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय वन्यजीव रेफरल केंद्र (जूनागढ़) की आधारशिला रखी गई: वन्यजीव संरक्षण के लिए विशेष अनुसंधान और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए जूनागढ़, गुजरात में वन्यजीवों के लिए एक राष्ट्रीय रेफरल केंद्र स्थापित किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड संरक्षण कार्य योजना: गंभीर रूप से लुप्तप्राय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के लिए एक समर्पित संरक्षण कार्य योजना शुरू की जाएगी ताकि इसकी सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
  • घड़ियाल संरक्षण के लिए नई परियोजना: भारत में पाई जाने वाली गंभीर रूप से लुप्तप्राय मगरमच्छ प्रजाति घड़ियाल की आबादी को बचाने और इनकी संख्या बढ़ाने करने के लिए एक नई संरक्षण परियोजना शुरू की जाएगी।

राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड के बारे में

  • वैधानिक निकाय: वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (WLPA) की धारा 5A के तहत केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) का गठन किया गया था।
    • इसे वर्ष 2022 में WLPA में संशोधन के माध्यम से स्थापित किया गया था।
  • भारतीय वन्यजीव बोर्ड का स्थान लिया: NBWL ने भारतीय वन्यजीव बोर्ड का स्थान लिया, जिसका गठन मूल रूप से वर्ष 1952 में किया गया था।
  • NBWL की भूमिका: बोर्ड एक सलाहकार कार्य करता है और वन्यजीव संरक्षण नीतियों और उपायों के बारे में केंद्र सरकार को सिफारिशें प्रदान करता है।
  • WLPA के अनुसार NBWLas द्वारा अनिवार्य अनुमोदन
    • राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों की सीमाओं में परिवर्तन करना या टाइगर रिजर्व को गैर-अधिसूचित करना।
    • संरक्षित क्षेत्रों के भीतर पर्यटक लॉज का निर्माण करना।
    • विकास परियोजनाओं के लिए वन्यजीव आवासों का विनाश या उनका स्थानांतरण करना।
  • संगठनात्मक संरचना: NBWL एक 47 सदस्यीय समिति है, जिसके निम्नलिखित प्रमुख सदस्य हैं:
    • अध्यक्ष: भारत के प्रधानमंत्री
    • उपाध्यक्ष: पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री
    • सदस्य-सचिव: अतिरिक्त वन महानिदेशक (WL) और निदेशक, वन्यजीव संरक्षण
    • अन्य सदस्य
      • 3 संसद सदस्य (लोकसभा से 2, राज्यसभा से 1 सदस्य)
      • NGO से 5 प्रतिनिधि
      • 10 प्रख्यात संरक्षणवादी, पारिस्थितिकीविद् और पर्यावरणविद्
      • विभिन्न विभागों के सरकारी सचिव
      • सेना प्रमुख, वन महानिदेशक, पर्यटन आदि।
  • NBWL की स्थायी समिति: NBWLकी स्थायी समिति NBWL के तहत एक स्वतंत्र निकाय के रूप में कार्य करती है।
    • संरचना: इसमें NBWL के अधिकतम 10 सदस्य शामिल होते हैं।
    • अध्यक्ष: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री।
    • NBWL से अंतर: स्थायी समिति परियोजना मंजूरी पर ध्यान केंद्रित करती है, जबकि NBWL नीतिगत निर्णयों के लिए जिम्मेदार है।

गिर राष्ट्रीय उद्यान के बारे में

  • अवस्थिति: गिर राष्ट्रीय उद्यान गुजरात के जूनागढ़ जिले में सौराष्ट्र क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिमी भाग में अवस्थित है। 
    • यह गिरनार पर्वतमाला की तलहटी में स्थित है, जो पश्चिमी घाट का विस्तार है।

  • संरक्षित स्थिति
    • इसे वर्ष 1965 में अभयारण्य घोषित किया गया।
    • वर्ष 1975 में इसे राष्ट्रीय उद्यान में अपग्रेड किया गया।
    • पश्चिमी भारत में सबसे बड़ा निरंतर शुष्क पर्णपाती वन क्षेत्र है।
  • महत्व: गिर राष्ट्रीय उद्यान एशियाई शेर (पैंथेरा लियो पर्सिका) का अंतिम प्राकृतिक आवास है। संरक्षण प्रयासों ने उनके विलुप्त होने को रोकने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • स्वदेशी चरवाहा समुदाय: गिर में रहने वाला एक चरवाहा समुदाय मालधारी, एशियाई शेरों के साथ एक ऐतिहासिक और सहजीवी संबंध साझा करता है।
    • उनकी बस्तियों को ‘नेसेज’ (Nesses) के नाम से जाना जाता है।
  • वनस्पति एवं आवास
    • प्रमुख वृक्ष प्रजातियों में सागौन, ढाक, बबूल और अन्य सूखा प्रतिरोधी पौधे शामिल हैं।
    • पार्क में घने जंगल, खुली झाड़ियाँ और घास के मैदान हैं, जो विभिन्न प्रजातियों के लिए एक विविध पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करते हैं।

तुलनात्मक अध्ययन: एशियाई शेर बनाम अफ्रीकी शेर

पहलू

एशियाई शेर (Asiatic Lion)

अफ्रीकी शेर (African Lion)

वैज्ञानिक नाम पेंथेरा लियो पर्सिका (Panthera Leo Persica) पेंथेरा लियो (Panthera Leo)
आकार छोटा; नर का वजन 350-450 पाउंड होता है। बड़ा; नर का वजन 330-500 पाउंड होता है।
अयाल (Mane) छोटा, विरल, गहरा अयाल पूरे सिर को ढकने वाली घनी, लंबी अयाल
समूह का आकार छोटे समूह (2-5 मादा); नर समूह मादाओं के साथ रहते हैं। बड़े समूह (6 मादा तक); नर मादाओं के साथ तब तक नहीं रहते, जब तक कि वे प्रजनन या बड़े शिकार के लिए न हों।
त्वचा की सिलवटें पेट के नीचे एक लंबी त्वचा की सिलवट होती है। कोई त्वचा सिलवट नहीं होती है।
वितरण केवल गिर राष्ट्रीय उद्यान, गुजरात, भारत में पाया जाता है। उप-सहारा और पश्चिम अफ्रीका में पाया जाता है।
संरक्षण स्थिति IUCN रेड लिस्ट: संकटग्रस्त

CITES: परिशिष्ट I

WPA 1972: अनुसूची I

CMS: परिशिष्ट II

IUCN रेड लिस्ट: सुभेद्य

CITES: परिशिष्ट II

CMS: परिशिष्ट II

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