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एक वैश्विक प्रयोगशाला ‘कोविनेट’ (CoViNet)

Lokesh Pal March 29, 2024 05:28 235 0

संदर्भ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शीघ्र ही सामने आने वाले संभावित नए कोरोना वायरस की पहचान और निगरानी के लिए प्रयोगशालाओं का एक वैश्विक नेटवर्क ‘कोविनेट’ (CoViNet) लॉन्च किया है।

 ‘कोविनेट’ (CoViNet) से संबंधित तथ्य

  • शामिल  प्रयोगशालाएँ: कोविनेट में सभी छह WHO क्षेत्रों में 21 देशों की 36 प्रयोगशालाएँ शामिल हैं, जिनमें तीन भारतीय प्रयोगशालाएँ भी सम्मिलित हैं। 
    • ये हैं वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद-पुणे में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान।
    • 26-27 मार्च, 2024 को जिनेवा, स्विट्जरलैंड में आयोजित एक बैठक में, प्रयोगशालाओं के प्रतिनिधियों ने कोरोनावायरस द्वारा उत्पन्न की गईं स्वास्थ्य चुनौतियों का उत्तर देने के लिए वर्ष 2024-2025 हेतु एक कार्य योजना को अंतिम रूप दिया।
  • परीक्षण: SARS-CoV-2 के अलावा, नया WHO कोरोना वायरस नेटवर्क, बढ़ी हुई प्रयोगशाला क्षमता के साथ MERS-CoV सहित अन्य कोरोनावायरस का परीक्षण करेगा।
  • WHO ने COVID-19 से संबंधित प्रयोगशाला नेटवर्क के साथ पूर्व सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया, जिसे इस बीमारी की पुष्टि के लिए जनवरी 2020 में महामारी के दौरान स्थापित किया गया था।

  • समय पर जोखिम मूल्यांकन: इस नेटवर्क में अब WHO की नीतियों और सुरक्षात्मक उपायों को बढ़ावा देने के लिए पशु स्वास्थ्य और पर्यावरण निगरानी तथा जोखिम मूल्यांकन होगा।
    • कोरोनावायरस के लिए यह नया वैश्विक नेटवर्क सार्वजनिक स्वास्थ्य महत्त्व के कोरोनावायरस का समय पर पता लगाना, निगरानी और मूल्यांकन सुनिश्चित करेगा।
  • निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अधिक प्रयोगशालाएँ:  WHO, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में कोविनेट (CoViNet), MERS-CoV और सार्वजनिक स्वास्थ्य महत्त्व के ‘नोवल कोरोनवायरस’ की निगरानी के लिए अधिक प्रयोगशालाओं के निर्माण का समर्थन करेगा।
  • वायरस अनुक्रमण और नेटवर्क के माध्यम से एकत्र किया गया डेटा SARS-CoV-2 उत्परिवर्तन और वेरिएंट का आकलन करने के लिए गठित ‘वायरल इवोल्यूशन पर WHO के तकनीकी सलाहकार समूहों’ के साथ-साथ COVID-19 वैक्सीन संयोजन पर विशेषज्ञ सलाहकार समूह का मार्गदर्शन करेगा।
  • महामारी की पूर्व घटनाएँ
    • विश्व ने पिछले 100 वर्षों में अलग-अलग गंभीरता वाली चार ‘इन्फ्लूएंजा’ महामारियों का सामना किया है।
  • विश्व आर्थिक मंच द्वारा हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेब्येयियस ने चेतावनी दी कि कोविड-19 पहली ‘डिजीज X’ थी और यह फिर से उत्पन्न हो सकती है।

डिजीज X (Disease X)

  • ‘डिजीज X’  एक अज्ञात बीमारी के लिए प्लेसहोल्डर होता है, जिसके बारे में WHO ने अनुमान लगाया है कि इसका परिमाण अत्यधिक होगा। 
  • यह राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) वायरस के साथ एक जूनोटिक बीमारी के रूप में होती है। 

  • कुछ कोरोनावायरस आमतौर पर हल्की बीमारियों का कारण बनते हैं, जैसे- OC43 और HKU1 जैसे नामों वाली सामान्य सर्दी, यह सर्दियों के मौसम में चरम पर होता है।

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