हाल ही में UNFCCC (जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन) के 28वें ‘कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़’ (COP-28) के दौरान ‘अफ्रीका हरित औद्योगीकरण पहल’ (AGII) को लॉन्च किया गया।
संबंधित पहल:
COP-28 के अध्यक्ष ने केन्या के नैरोबी में अफ्रीका जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान सितंबर, 2023 में शुरू किए गए COP-28 प्रेसीडेंसी के स्वच्छ ऊर्जा कार्यक्रम की महत्त्वाकांक्षा को बढ़ाने के अवसर के रूप में AGII की सराहना की।
अफ्रीका हरित औद्योगीकरण पहल:
प्रारंभकर्त्ता: इस महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम को केन्या, अंगोला, बुरुंडी, ज़िबूती, घाना, आइवरी कोस्ट, मॉरिटानिया, नाइजीरिया, सेनेगल और जाम्बिया के राष्ट्रपतियों और प्रतिनिधियों के साथ-साथ COP-28 के अध्यक्ष सुल्तान अहमद अल जाबेर द्वारा शुरू किया गया था।
लक्ष्य: AGII का लक्ष्य पूरे अफ्रीका में हरित उद्योगों और व्यवसायों को उन्नत करना और उनमें तेज़ी लाना है।
यह समृद्धि प्राप्ति के लिए अफ्रीका के गुणवत्तापूर्ण संसाधनों के दोहन में हरित औद्योगीकरण के महत्त्व पर ज़ोर देता है।
सतत् विकास लक्ष्य और पेरिस समझौते से संबंधित लक्ष्यों के संगत: इस पहल में सतत् विकास लक्ष्य और पेरिस समझौते के तत्त्व भी शामिल हैं, यह जीवाश्म ईंधन उत्पादन और उपयोग को हतोत्साहित करता है, जो ग्लोबल वार्मिंग में अत्यधिक योगदान देता है।
महत्त्व
यह हरित विकास उद्देश्यों को प्राप्त करने और जलवायु परिवर्तन को संबोधित करते हुए देशों को अधिक आर्थिक अवसरों तक पहुँच प्रदान करेगा।
यह त्वरित हरित विकास समाधान पेश करने के लिए अफ्रीकी सरकारों, पहल के भागीदारों और अन्य सहायक संस्थानों को एक साथ लाएगा।
अफ्रीका का हरित औद्योगीकरण न केवल महाद्वीप पर बल्कि वैश्विक जलवायु महत्त्वाकांक्षाओं की प्राप्ति के लिए भी महत्त्वपूर्ण है।
प्रतिनिधियों के अलावा, अफ्रीकी नीति विशेषज्ञों ने भी बड़े पैमाने पर हरित औद्योगीकरण को अपनाया है और इसमें शामिल हो गए हैं, इसे अफ्रीका महाद्वीप के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के ‘होली ग्रेल’ (पवित्र इच्छित विचार) के रूप में मान्यता दी गई है।
हरित उद्योगों के लिए समर्थन
चाड में एन ‘जामेना, नाइजीरिया में अबुजा, इथियोपिया में अदीस अबाबा, मोरक्को में रबात और महाद्वीप के अन्य स्थानों से संबंधित आर्थिक मंचों पर यह देखा गया है कि अफ्रीका के विशेषज्ञों ने हरित औद्योगीकरण के लिए अटूट समर्थन व्यक्त किया है।
इकोनमिक रिपोर्ट ऑन अफ्रीका, 2016 इस बात पर ज़ोर देती है कि सतत् और समावेशी विकास के लिए हरित औद्योगीकरण ही एकमात्र रास्ता है।
अफ्रीका में अग्रणी तेल उत्पादक देशों द्वारा, विशेष रूप से वे देश जहाँ तेल और संबंधित उत्पादों का 90 प्रतिशत से अधिक निर्यात होता है और यह उनके राष्ट्रीय बजट का बड़ा हिस्सा है, व्यापार संबंधी कठिनाई के बावजूद इस अवधारणा को धीरे-धीरे अपनाया जा रहा है।
AGII संबंधी चिंताएँ
अंगोला और नाइजीरिया जैसे देश, जो तेल पर अत्यधिक निर्भर हैं, को जीवाश्म ईंधन की ड्रिलिंग को छोड़ने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त करना अब एक कठिन कार्य हो सकता है, क्योंकि उन्हें डर है कि इस तरह के कदम से उनकी अर्थव्यवस्थाओं को गंभीर नुकसान होगा।
जिन देशों ने हाल ही में तेल की खोज की है और घाना, युगांडा, लाइबेरिया और सिएरा लियोन जैसे क्षेत्र से अप्रत्याशित वित्तीय लाभ की उम्मीद कर रहे हैं, उनसे अपने जीवाश्म ईंधन निवेश को छोड़ने या सीमित करने के लिए कहना और भी अधिक कठिन कार्य है।
Latest Comments