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अग्निपथ योजना

Lokesh Pal June 11, 2024 05:57 177 0

संदर्भ

केंद्र में NDA सरकार आने के बाद, जनता दल (यूनाइटेड) ने सैन्य भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के पुनर्मूल्यांकन का आह्वान किया।

अग्निपथ योजना के बारे में

  • अग्निपथ योजना: अग्निपथ का उद्देश्य चार वर्ष की अवधि के लिए भारतीय सशस्त्र बलों में अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मियों (सैनिकों, वायुसैनिकों एवं नाविकों) जो कमीशन अधिकारी नहीं हैं, की भर्ती करना था। 
  • उत्पत्ति: ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ (ToD) नामक एक अल्पकालिक भर्ती योजना का विचार पहली बार लगभग दो वर्ष पहले सीमित संख्या में पदों को कवर करते हुए अधिकारियों एवं सैनिकों के चयन के लिए सुझाया गया था।
  • पात्रता: इस पहल के तहत, 17.5 से 23 वर्ष की आयु के युवाओं को चुना जाएगा एवं उन्हें अग्निवीर के रूप में नामित किया जाएगा। 
    • उनका नामांकन चार वर्ष तक चलेगा, जिसके दौरान वे सशस्त्र बलों के अंतर्गत सभी मौजूदा रैंकों से अलग एक अद्वितीय कैडर का गठन करेंगे।
  • शर्त: इस कार्यकाल के अंत में, इन भर्तियों में से 25% तक, तथाकथित ‘अग्निवीर’, योग्यता एवं संगठनात्मक आवश्यकताओं के अधीन, स्थायी कमीशन (अगले 15 वर्ष) पर सेवाओं में शामिल हो सकते हैं। 
  • उद्देश्य: छह से सात वर्षों के भीतर सैन्य बलों में वर्तमान औसत आयु को 32 से घटाकर 26 करना।

अग्निवीरों के लिए लाभ

  • वित्तीय सहायता: 4 वर्ष की सेवा पूरी करने पर, अग्निवीरों को अर्जित ब्याज सहित कुल 11.71 लाख रुपये का एकमुश्त ‘सेवा निधि’ पैकेज मिलेगा। इसके अतिरिक्त, उन्हें इस अवधि के दौरान 48 लाख रुपये की जीवन बीमा पॉलिसी द्वारा कवर किया जाएगा।
  • उन्नत भुगतान: दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु की स्थिति में, लाभार्थियों को 1 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त होंगे, जिसमें किसी भी असेवित कार्यकाल के लिए भुगतान शामिल होगा।
  • सेवा उपरांत सहायता: भारत सरकार सहायता के रूप में कौशल प्रमाणपत्र एवं ब्रिज कोर्स प्रदान करके उनकी सहायता करेगी।
  • सेवानिवृत्ति के बाद के लाभ: नियमित सेवा सदस्यों के विपरीत, अग्निवीरों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन नहीं मिलती है। चार वर्ष के बाद सेना में शामिल किए गए अग्निवीरों में से केवल 25% ही पेंशन लाभ के लिए पात्र होंगे, सेवा के शुरुआती चार वर्षों को इसमें नहीं गिना जाएगा।

वैश्विक प्रथाएँ 

  • रूस: रूसी सेना एक अनुबंध पेशेवर प्रणाली के साथ पारंपरिक कैडर-एवं रिजर्व कॉन्स्क्रिप्ट मॉडल (प्रशिक्षण का एक वर्ष तथा सेवा का एक वर्ष) को मिलाकर एक हाइब्रिड प्रणाली का उपयोग करती है।
  • इजरायल: इजरायल में, पुरुष 32 महीने एवं महिलाएँ 24 महीने सक्रिय-ड्यूटी भर्ती में सेवा करते हैं, जिसके बाद दशकों तक अनिवार्य आरक्षित ड्यूटी होती है।
  • फ्राँस: फ्राँसीसी सैनिक 1 वर्ष के अनुबंध या 3-5 वर्ष के अनुबंध पर भर्ती हो सकते हैं।

अग्निवीर योजना के लाभ

  • सैन्य प्रदर्शन का विस्तार: अग्निपथ योजना या ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ भारतीय आबादी के सैन्य जीवन के संपर्क को व्यापक बनाती है, जिससे व्यापक समझ को बढ़ावा मिलता है।
  • अनुशासन को बढ़ावा देना: यह विविध कौशल समूह के साथ एक बड़ा, अनुशासित कार्यबल तैयार करता है, जिससे राष्ट्र को लाभ होता है।
  • राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना: नियम का पालन करने वाले व्यवहार को बढ़ावा देकर एवं क्षेत्रीय तथा सांप्रदायिक पूर्वाग्रहों को पार करके, यह योजना नागरिकों की शारीरिक फिटनेस को बढ़ाती है एवं राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देती है।
  • आरक्षित क्षमताएँ: प्रशिक्षित कर्मी राष्ट्रीय आपात स्थितियों के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करते हुए आरक्षित के रूप में कार्य कर सकते हैं।
  • राजकोषीय चुनौतियों को संबोधित करना: इस योजना के पीछे प्रमुख प्रेरणाओं में से एक दीर्घकालिक सैन्य सेवा से जुड़े बढ़ते वेतन एवं पेंशन व्यय को कम करना है, जिससे राजकोषीय स्थिरता में योगदान दिया जा सके।

अग्निपथ योजना से संबंधित चिंताएँ

  • एकता को बढ़ावा देना: अग्निपथ के लिए समय सीमा सामंजस्य को बढ़ावा देने के लिए अपर्याप्त है, जो आम तौर पर साझा जीवन, प्रशिक्षण एवं क्षेत्र संचालन, उच्च-अक्षांश वाले मिशनों तथा उग्रवाद विरोधी अभियानों की चुनौतियों का अनुभव करने के माध्यम से एक विस्तारित अवधि में विकसित होती है।
  • परिचालन क्षमता में गिरावट: अग्निवीर योजना का विस्तार करने से इसकी अल्पकालिक प्रकृति के कारण सेना की परिचालन दक्षता खराब होने का जोखिम है, संभावित रूप से टूथ-टू-टेल अनुपात के साथ मौजूदा समस्याएँ बढ़ रही हैं।
  • कम वांछनीय उम्मीदवारों को आकर्षित करना: कई शीर्ष उम्मीदवार पुलिस या अर्द्ध-सैनिक बलों जैसे अधिक स्थायी विकल्पों को पसंद कर सकते हैं। इससे युवा उम्मीदवारों द्वारा सेना को दूसरी या तीसरी पसंद के रूप में चुना जा सकता है।
  • राज्य आधारित कोटा को समाप्त करना: अग्निपथ योजना राज्य आधारित भर्ती कोटा को समाप्त करती है, जिससे किसी एक राज्य, भाषायी समूह या जातीयता के प्रभुत्व को रोका जा सकता है। 
    • विश्लेषकों ने अनुमान लगाया है कि इस तरह के असंतुलन से लोकतंत्र पर दबाव पड़ सकता है एवं नागरिक संघर्ष का खतरा बढ़ सकता है, जो भारत के वर्तमान राजनीतिक वातावरण में एक चिंता का विषय है।
  • वर्ग आधारित से अखिल भारतीय भर्ती की ओर संक्रमण: यह प्रमुख बदलाव सशस्त्र बलों के प्रबंधन, नेतृत्व एवं संचालन दर्शन को बाधित करके उन्हें नुकसान पहुँचा सकता है। 
    • भारतीय सेना में सैनिकों को न केवल पेशेवर रूप से प्रशिक्षित किया जाता है, बल्कि उनकी जाति, गाँव या सामाजिक समूह के भीतर उनकी सामाजिक पहचान एवं प्रतिष्ठा से भी प्रेरित किया जाता है।
  • अप्रयुक्त योजना: अग्निपथ योजना, तीनों सेवाओं के लिए प्राथमिक भर्ती पद्धति, इसकी व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने के लिए स्वतंत्र अध्ययन, पायलट परियोजनाओं या परीक्षण का अभाव है। 
  • आवश्यकता एवं भर्ती के बीच असंतुलन: सशस्त्र बलों को 1,55,000 कर्मियों की कमी का सामना करना पड़ता है, जबकि सेना में 1,36,000 रिक्तियाँ हैं। 
    • इनमें से 90% से अधिक अग्निपथ योजना द्वारा लक्षित गैर-अधिकारी लड़ाकू रैंक हैं। चार वर्ष के बाद 75% प्रशिक्षित सैनिकों को निष्कासित करना दुर्भाग्यपूर्ण होगा।

टूथ-टू-टेल का अनुपात

  • टूथ-टू-टेल के बारे में: टूथ-टू-टेल अनुपात (T3R) एक सैन्य नियोजन अवधारणा है, जो लड़ाकू बलों (‘टूथ’) एवं सहायक कर्मियों (‘टेल’) के बीच संतुलन को मापती है। 
  • टूथ: “टूथ’ में पैदल सेना, लड़ाकू पायलट एवं लड़ाकू वाहन जैसे अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान शामिल हैं, जबकि “टेल” में रसद, प्रशासन तथा चिकित्सा सेवाओं जैसे सहायक कार्य शामिल हैं। 
  • महत्त्व: एक उच्च T3R लड़ाकू बलों के सापेक्ष सहायक कर्मियों की एक बड़ी संख्या का प्रतीक है, जो सेना के भीतर मजबूत समर्थन और परिचालन स्थिरता का सुझाव देता है।

सुधार हेतु सुझाव

  • सेवा अवधि विस्तार: भारतीय सेना ने सेवा अवधि को 4 वर्ष से बढ़ाकर 7-8 वर्ष करने का सुझाव दिया।
    • इसके अतिरिक्त, उन्होंने तकनीकी क्षेत्र में अग्निवीरों के लिए प्रवेश आयु बढ़ाकर 23 वर्ष करने की सिफारिश की। 
  • दिव्यांगता मुआवजा: उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्रशिक्षण के दौरान दिव्यांगता के लिए अनुग्रह राशि प्रदान की जानी चाहिए एवं निकास प्रबंधन एक पेशेवर एजेंसी द्वारा सँभाला जाना चाहिए।
  • युद्ध हताहत सहायता: इसके अलावा, यदि किसी अग्निवीर की युद्ध में मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिवार को भत्ता मिलना चाहिए।

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