भारत ने ओडिशा तट के निकट चाँदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण किया।
अग्नि-4 बैलिस्टिक मिसाइल
यह भारत द्वारा अब तक परीक्षण की गई सबसे लंबी दूरी की मिसाइल है और भारत के परमाणु निवारक के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है।
रेंज: लगभग 4,000 किलोमीटर
यह वैरिएंट मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल्स (MIRVs) के साथ एकीकृत है।
वारहेड्स की संख्या: अग्नि-5 कितने वारहेड्स ले जा सकता है, इसकी सटीक संख्या अभी भी गोपनीय है, लेकिन अटकलें हैं कि तकनीकी सीमाओं के कारण यह तीन से अधिक वारहेड्स ले जाने की संभावना नहीं है।
परमाणु वारहेड्स की उपज: भारत द्वारा परमाणु परीक्षणों की कम संख्या के कारण परमाणु वारहेड्स की उपज सीमित होने की संभावना है।
यह भारत के परमाणु कमान प्राधिकरण (NCA) के एक भाग, सामरिक बल कमान के तत्त्वावधान में आयोजित किया गया था।
महत्व: अग्नि-4 इस संदर्भ में उपयुक्त है, क्योंकि इसमें चीन और पाकिस्तान के खिलाफ मजबूत प्रतिरोधक क्षमता है।
चीन बनाम भारत
मिसाइलों की संख्या और तकनीकी क्षमताओं, दोनों के मामले में चीन काफी आगे है।
उदाहरण के लिए: चीन के मिसाइल शस्त्रागार में, जिसमें DF (डोंगफेंग) शृंखला भी शामिल है, कई वारहेड क्षमताएँ हैं और इसकी रेंज लगभग पूरे एशिया और यूरोप और अमेरिका के कुछ हिस्सों को कवर करती है।
भारत का रणनीतिक जोर एक विश्वसनीय निवारक क्षमता बनाए रखने पर है, जिसे इसकी अग्नि शृंखला सफलतापूर्वक प्रदान करती है।
जबकि चीन की मिसाइल ताकत बड़ी और अधिक उन्नत है, भारत का ध्यान अपने ‘नो फर्स्ट यूज’ (NFU) परमाणु सिद्धांत के हिस्से के रूप में एक विश्वसनीय दूसरी-स्ट्राइक क्षमता पर बना हुआ है।
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